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CG Teacher News: अटैचमेंट का खेला: राज्य सरकार की लगातार दो चिट्ठी: डीईओ ने आदेश को किया दरकिनार, टाइम लिमिट भी खत्म,,

CG Teacher News: नई तबादला नीति जारी करने के साथ ही राज्य शासन ने प्रदेश के सभी विभाग प्रमुख के अलावा कलेक्टर्स को पत्र लिखकर संलग्नीकरण अटैचमेंट पर बैन लगा दिया था। राज्य सरकार ने दोटूक कहा था कि अगर किसी विभाग में अटैचमेंट है तो संबंधित कर्मचारी को उनके मूल विभाग के लिए तत्काील रिलीव कर दिया जाए। सरगुजा संभाग में जो कुछ चल रहा है वह हैरान करने वाला है। खासकर शिक्षा विभाग में अब भी अटैचमेंट का खेल चल रहा है। राज्य सरकार के लगातार पत्र के बाद भी अंबिकापुर डीईओ ने दोनों पत्र को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है। जेडी ने डीईओ को एक महीने के भीतर आदेश का परिपालन करने और सूचित करने का निर्देश दिया था। जेडी द्वारा दी गई मियाद खत्म हो गई है। लेकिन शिक्षा विभाग में अटैचमेंट का खेल खत्म नहीं हुआ है।

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By Radhakishan Sharma

CG Teacher News: सरगुजा। नई तबादला नीति जारी करने के साथ ही राज्य शासन ने प्रदेश के सभी विभाग प्रमुख के अलावा कलेक्टर्स को पत्र लिखकर संलग्नीकरण अटैचमेंट पर बैन लगा दिया था। राज्य सरकार ने दोटूक कहा था कि अगर किसी विभाग में अटैचमेंट है तो संबंधित कर्मचारी को उनके मूल विभाग के लिए तत्काील रिलीव कर दिया जाए। सरगुजा संभाग में जो कुछ चल रहा है वह हैरान करने वाला है। खासकर शिक्षा विभाग में अब भी अटैचमेंट का खेल चल रहा है। राज्य सरकार के लगातार पत्र के बाद भी अंबिकापुर डीईओ ने दोनों पत्र को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है। जेडी ने डीईओ को एक महीने के भीतर आदेश का परिपालन करने और सूचित करने का निर्देश दिया था। जेडी द्वारा दी गई मियाद खत्म हो गई है। लेकिन शिक्षा विभाग में अटैचमेंट का खेल खत्म नहीं हुआ है।

जेडी सरगुजा संभाग ने एक सहायक शिक्षिका को स्कूल में पढ़ाई कराने के बजाय डीईओ कार्यालय में अटैच कर दिया है। जेडी ने डीईओ को पत्र लिखकर पूछा है कि राज्य शासन के निर्देश के बाद संलग्नीकरण क्यों किया गया है।

जेडी की नाराजगी इस बात को लेकर है कि इसके पहले भी संयुक्त संचालक कार्यालय से डीईओ को पत्र लिखकर निर्देशित किया गया था कि शिक्षिका को संबंंधित स्कूल के लिए रिलीव करने व इसकी जानकारी देने कहा गया था। इसके बाद भी डीईओ कार्यालय ने ना तो शिक्षिक को भारमुक्त किया और ना ही जेडी कार्यालय को जानकारी ही दी। डीईओ कार्यालय की इस बेपरवाही से नाराज जेडी ने डीईओ को दोबारा पत्र लिखा है। जारी पत्र में लिखा है कि

उपरोक्त सन्दर्भित पत्र के माध्यम से सुमन गुप्ता, सहायक शिक्षक, प्राथमिक शाला महतोपारा, असकला, विकासखण्ड लुण्ड्रा को जिला ग्रंथालय अम्बिकापुर में संलग्नीकरण के संबंध में प्राप्त शिकायत का परीक्षण कर सही पाये जाने पर आप तत्काल संबंधित सहायक शिक्षक को उनके मूल पदस्थ संस्था हेतु भारमुक्त करने हेतु निर्देशित करते हुए आपसे प्रतिवेदन चाहा गया था। किन्तु प्रतिवेदन आज पर्यन्त तक अप्राप्त है।

जेडी ने पत्र में लिखा है कि जिले में सभी संलग्न शिक्षक को उनके मूल पदस्थ संस्था हेतु भारमुक्त कर प्रतिवेदन तत्काल इस कार्यालय में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करे।

स्थानांतरण नीति के साथ ही अटैचमेंट पर लगाई थी रोक

राज्य शासन ने स्थानांतरण नीति जारी करने के साथ ही संलग्नीकरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई थी। इस संबंध में राज्य शासन ने आदेश भी जारी किया था। अचरज की बात ये कि राज्य शासन के आदेश का सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग के अधिकारी ही धज्जियां उड़ा रहे हैं। चहेते शिक्षकों को स्टाफ की कमी का बहाना बनाकर डीईओ व बीईओ मनचाहे जगह पर अटैच का आदेश जारी कर दे रहे हैं। यह अटैचमेंट का खेल लंबे समय से चले आ रहा है। राज्य शासन की सख्ती और कलेक्टर्स को निगरानी की जिम्मेदारी देने के बाद माना जा रहा है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों के इस खेल पर रोक लगेगी।

परवेज ने जेडी को पत्र लिखकर गड़बड़ियों की जांच कराने की मांग

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (अल्पसंख्यक विभाग) के प्रदेश महासचिव परवेज आलम गांधी संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग सरगुजा (छत्तीसगढ़) को पत्र लिखकर युक्तियुक्तकरण के तहत ई संवर्ग शिक्षकों की पदस्थापना आदेश की जांच करने की मांग की है। पत्र में लिखा है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया अंतर्गत ई संवर्ग के शिक्षकों की पदस्थापना संबंधी आदेश में गंभीर अनियमितताएं पाई गई है। तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा ई संवर्ग के 19 शिक्षकों, शिक्षिकाओं की पदस्थापना आदेश जारी किया गया था। विवाद की स्थिति बनने पर संबंधित शिक्षकों को टी संवर्ग के वि‌द्यालयों में भेज दिया गया।

ई संवर्ग के शिक्षकों का टी संवर्ग के स्कूलों में किया पदस्थापना

ट्राइबल टी संवर्ग के विद्यालयों में ई संवर्ग के शिक्षकों की पदस्थापना नियमों के विपरीत है। जिसके चलते विद्यालयों में शिक्षकीय कार्य प्रभावित हो रहा है तथा शिक्षक सेवा अभिलेखों में भी असंगति बनी हुई है। वर्तमान समय में विद्यालयों में वर्गानुसार शिक्षक उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु लंबित पदस्थापना आदेश को पुनः जारी किया जाना अत्यावश्यक है।

इन मुद्दों पर जांच की मांग

  • तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी अशोक सिन्हा द्वारा की गई पदस्थापना प्रक्रिया की जांच कर उचित कार्यवाही की जाए।
  • ई संवर्ग के शिक्षकों की सूचीबद्ध पदस्थापना आदेश को पुनः जारी किया जाए।
  • शिक्षक हित एवं शैक्षिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए नियम अनुरूप पदस्थापना पुनर्स्थापित की जाए, जिससे शिक्षकों को अनावश्यक प्रशासनिक कठिनाइयों से मुक्ति मिल सके तथा विद्यार्थियों के शैक्षिक हित सुरक्षित रह सके।

देखें आदेश





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