Bilaspur High Court: क्रमोन्नति वेतनमान को लेकर दायर मामलों की सुनवाई टली, हाई कोर्ट ने इस दिन तय की है सुनवाई की तिथि
Bilaspur High Court: क्रमोन्नति वेतनमान को लेकर अलग-अलग 289 शिक्षकों ने अपने अधिवक्ताओं के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। आज इस मामले की सुनवाई होनी थी। हाई कोर्ट ने सुनवाई की तिथि आगे बढ़ा दी है।

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Bilaspur High Court: बिलासपुर। क्रमान्नति वेतनमान की मांग लेकर प्रतिमा पांडेय सहित 289 शिक्षकों ने अपने अधिवक्ताओं के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। आज इस मामले की हाई कोर्ट में सुनवाई होनी थी। हाई कोर्ट में सभी याचिकाओं की एकसाथ सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने सभी मामलों की एकसाथ सुनवाई करने के लिए 3 नवंबर की तिथि तय की है।
मंगलवार को भी क्रमोन्नति वेतनमान को लेकर दायर याचिका की सुनवाई हुई थी। शिक्षिका सोना साहू के पति रामनिवास साहू की ओर से दायर याचिका को सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। क्रमोन्नति वेतनमान को लेकर दायर याचिकाओं में शिक्षकों को झटका लग रहा है। बता दें कि शिक्षिका सोना साहू के क्रमोन्नति वेतनमान वाली याचिका में बड़ी भूमिका उनके पति रामनिवास साहू ने निभाई थी। उनकी ओर से दायर याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। पदोन्नति और क्रमोन्नत वेतनमान का उनका मामला खारिज हो गया है। क्रमोन्नति वेतनमान को लेकर जस्टिस एनके व्यास के सिंगल बेंच में याचिका की सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस व्यास ने रामनिवास साहू के दावों को खारिज कर दिया है। मंगलवार को क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर सुनवाई के दौरान सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं से पूछा कि याचिकाकर्ता शिक्षकों का मामला शिक्षिका सोना साहू के प्रकरण से अलग है या फिर उसी तरह मेल खाता है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने याचिकाकर्ता शिक्षकों द्वारा क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर किए जा रहे दावों की जानकारी दी।
याचिकाकर्ताओं ने बीएड किया है या नहीं
मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता शिक्षकों के अधिवक्ताओं से पूछा कि क्रमोन्नत वेतनमान का दावा करने वाले शिक्षकों में से कितने ने बीएड की डिग्री ली है और कितने शिक्षक नान बीएड हैं। कोर्ट ने अधिवक्ताओं से यह भी पूछा कि नियुक्ति के समय बीएड की अनिवार्यता थी या नहीं। सिंगल बेंच ने सभी याचिकाओं की सुनवाई के लिए 3 नवंबर की तिथि तय कर दी है।
