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CG State Bar Council Election : स्टेट बार काउंसिल चुनाव: हाई कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

CG State Bar Council Election स्टेट बार काउंसिल चुनाव में नियमों के विपरीत नामांकन फार्म भरने व चुनाव लड़ने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया व राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

High Court News:
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By Radhakishan Sharma

CG State Bar Council Election: बिलासपुर. बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया के सदस्य शैलेन्द्र दुबे को बिना अपने पद से इस्तीफ़ा दिए राज्य विधिज्ञ परिषद् 2025 चुनाव में नामांकन फॉर्म जमा करने तथा बिना पद से इस्तीफ़ा दिए चुनाव 2025 में भाग लेने की अनुमति दिए जाने के विरूद्ध प्रस्तुत याचिका में हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया, राज्य विधिज्ञ परिषद् तथा छत्तीसगढ़ शासन को भी जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

पिछले चुनाव जो वर्ष 2014 में हुआ था उक्त चुनाव छत्तीसगढ़ राज्य विधिज्ञ परिषद् को सबसे खराब चुनाव का उदाहरण देते हुए बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने पारदर्शी तथा निष्पक्ष चुनाव के उद्देश्य से 20.सितंबर 2022 को भारतीय विधिज्ञ परिषद सामान्य नियम (और अनिवार्य दिशा निर्देश) 2016 बनाया है.इसमें कहा है कि बार काउंसिल के पदाधिकारी स्टेट बार काउंसिल के सदस्य बनने के लिए अपात्र है होंगे.

नियमों व प्रावधान में मात्र सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बिना अपने पद से इस्तीफ़ा दिए चुनाव लड़ने का अधिकार होगा.

यह शर्त रखी गई है कि पद पर रहते हुए बिना इस्तीफ़ा दिए यदि कोई पदाधिकारी नामांकन पत्र भरेगा तो ऐसे नामांकन पत्र को चुनाव अधिकारी अस्वीकार कर देगा.

शैलेन्द्र दुबे राज्य विधिज्ञ परिषद् छत्तीसगढ़ की ओर से बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया में बीते 11 वर्षों से सदस्य प्रतिनिधि बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया के पद पर हैं. इन्हें अधिवक्ता एक्ट की धरा 4 की उप घरा 3 की जानकारी है .

जब तक राज्य विधिज्ञ परिषद् चुनाव नहीं हो जाता,तब तक प्रतिनिधि सदस्य बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया का चुनाव नहीं कर लेते तब तक वे अपने पद पर बने रहेंगे. इसी कारण से राज्य विधिज्ञ परिषद् का चुनाव पिछले 11 वर्षों से नहीं हो पा रहा था क्योंकि हाई कोर्ट में बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया की तरफ से शैलेन्द्र दुबे के सुपुत्र अधिवक्ता की हैसियत से नियुक्त हो कर बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया की पैरवी कर रहे थे. 02.अप्रैल .2025 को उच्च न्यायालय द्वारा स्वतः संज्ञान लेते हुए आदेश जारी कर कहा था की राज्य विधिज्ञ परिषद् एवं बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है. बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया एवं छत्तीसगढ़ बार कौंसिल एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं. यह भी उल्लेखित किया गया है कि बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा शपथ पत्र हाई कोर्ट को गुमराह किये जाने के उद्देश्य से दिया गया है. 30. सितंबर को राज्य विधिज्ञ परिषद् छत्तीसगढ़ का चुनाव कराने का निर्देश दिया गया था।

इस बीच बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा पारदर्शी निष्पक्ष चुनाव कराने के उद्देश्य से अधिसूचना जारी की गयी थी. जिसके तहत बिना अपने पद से त्याग पत्र दिए चुनाव का फॉर्म भरने तथा चुनाव में भाग लेने के लिए ऐसे सदस्यों को अयोग्य घोषित किया गया है.

2025 के नोटिफिकेशन के पूर्व अपने पद से बिना इस्तीफ़ा दिए राज्य विधिज्ञ परिषद् 2025 का नामांकन फॉर्म भर कर चुनाव में भाग ले ररहे हैं.

इसे लेकर आपत्ति लगाई गयी थी. आपत्ति का निराकरण ना होने पर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है.

याचिका में यह भी बताया है की शैलेन्द्र दुबे राज्य विधिज्ञ परिषद् के गठन 2002 से लगातार कभी उपाध्यक्ष कभी अध्यक्ष कभी अध्यक्ष कार्यकारणी तो कभी सदस्य प्रतिनिधि बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया के पद पर आसीन रहे हैं. पिछले 11 वर्षों से लगातार राज्य विधिज्ञ परिषद् का प्रतिनिधित्व बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया में कर रहे हैं.

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