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CG State Bar Council Election: स्टेट बार काउंसिल चुनाव: अब नामांकन रद्द कराने शुरू हुआ खेल, नियमों का हवाला देकर दर्ज करा रहे आपत्ति

CG State Bar Council Election: 10 साल बाद हो रहे छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल चुनाव को लेकर प्रदेशभर के अधिवक्ताओं के बीच सरगर्मी देखी जा रही है। नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस टीपी शर्मा के समक्ष वकील अवध त्रिपाठी ने आपत्ति दर्ज कराई है।

स्टेट बार काउंसिल चुनाव: अब नामांकन रद्द कराने शुरू हुआ खेल, नियमों का हवाला देकर दर्ज करा रहे आपत्ति
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By Radhakishan Sharma

CG State Bar Council Election: बिलासपुर। अधिवक्ता अवध त्रिपाठी ने जस्टिस टीपी शर्मा के समक्ष शिकायत दर्ज कराते हुए लिखा है कि शैलेंद्र दुबे वर्तमान में बार कौंसिल आफ इंडिया के सदस्य हैं। उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। बार कौंसिल आफ इंडिया द्वारा जारी दिशा निर्देश के तहत मौजूदा सदस्य स्टेट बार कौंसिल का चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य है।

अधिवक्ता त्रिपाठी ने अपनी आपत्ति में लिखा है कि शैलेन्द्र दुबे बिना पद से इस्तीफा दिए स्टेट बार कौंसिल चुनाव 2025 में नामांकन आवेदन प्रस्तुत किया है तथा कौंसिल चुनाव अधिसूचना के पूर्व उन्होंने अपने पद सेइस्तीफा नहीं दिया है। अधिवक्ता ने कुछ इस तरह आपत्ति पेश की है।

शैलेन्द्र दुबे वर्तमान में राज्य विधिग्य परिषद छत्तीसगढ़ की ओर से वर्ष 2014 में स्टेट बार कौंसिल का चुनाव जीतने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य विधिज्ञ परिषद के पदाधिकारी के चुनाव में 2014 से सदस्य बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया का पदाधिकारी चुन कर मेजोरिटी के साथ भेजा गया है। वर्ष 2014 से लगातार वर्तमान में राज्य विधिज्ञ परिषद छत्तीसगढ़ के सदस्यों द्वारा चुन कर भेजे जाने के बाद से अभी तक शैलेन्द्र दुबे पदाधिकारियों की हैसियत से पद का उपभोग कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य विधिज्ञ परिषद की सदस्यता के आधार पर सदस्य बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया चुन कर भेजे जाने के बाद से लगातार निर्धारित समय पर वर्ष 2019 में चुनाव राज्य विधिज्ञ परिषद का ना हो तथा वे सदस्य बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया के पद पर छत्तीसगढ़ राज्य की ओर अनावरत 11 साल वर्तमान में पदासीन हैं।

BCI की अधिसूचना को हाई कोर्ट ने ठहराया सही, याचिका खारिज

बार कौंसिल आफ इंडिया BCI की उस अधिसूचना को जिसमें स्टेट बार कौंसिल के चुनाव से निर्वाचित पदाधिकारियों को बाहर कर दिया है, चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने बीसीआई की अधिसूचना को सही ठहराते हुए याचिका को खारिज कर दिया है। बीसीआई की अधिसूचना और हाई कोर्ट के फैसले से हाई कोर्ट व जिला कोर्ट बार एसोसिएशन के ऐसे पदाधिकारी जो स्टेट बार कौंसिल का चुनाव लड़ने की योजना बना रहे थे, झटका लगा है।

बीसीआई की अधिसूचना में हाई कोर्ट में दी थी चुनौती

बीसीआई ने साफ कहा कि निर्वाचित पदाधिकारियों के चुनाव लड़ने की वजह से मतदाता प्रभावित होते हैं। बीसीआई की इसी अधिसूचना को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव ने बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने बीसीआई के फैसले को संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का हनन बताया। याचिकाकर्ता हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव वरूणेंद्र मिश्रा ने अपनी याचिका में लिखा था कि छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल का चुनाव लंबे समय बाद हो रहा है। इसके चलते नए नियमों की जानकारी नहीं थी। बीसीआई ने यह अधिसूचना साल 2022 में जारी की है। याचिका की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने बीसीआई की अधिसूचना को सही ठहराते हुए याचिका खारिज कर दी है।

बीसीआई के निर्देश पर छत्तीसगढ़ स्टेट बार काैंसिल के 25 सदस्यों के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की गई है। इसके तहत सात अगस्त से 14 अगस्त तक नामांकन पत्र जमा करने की तिथि तय की गई है। नामांकन पत्रों की जांच, नाम निर्देशन पत्र वापस लेने के बाद कैंपेनिंग और फिर मतदान होना है। इस चुनाव में छत्तीसगढ़ के अधिवक्ता शामिल होंगे। अधिवक्ता मतदाता की हैसियत से मतदान करेंगे।

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