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CG Sharab Ghotala News: पूर्व आबकारी मंत्री अमर का दावा: पांच हजार करोड़ से ऊपर का है शराब घोटाला

CG Sharab Ghotala News: पूर्व आबकारी मंत्री व विधायक अमर अग्रवाल का कहना है कि मैं इस विभाग का मंत्री रहा हूं। मेरे हिसाब से पांच हजार करोड़ से ऊपर का है शराब घोटाला। ठग व तांत्रिक केके श्रीवास्तव का नाम लेते हुए पूर्व आबकारी मंत्री ने कहा कि पूर्व सीएम बघेल मुख्यमंत्री रहते कौन सी जड़ी बुटी लेने बार-बार तांत्रिक केके श्रीवास्तव के घर आते थे।

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By Radhakishan Sharma

CG Sharab Ghotala News: बिलासपुर। पूर्व आबकारी मंत्री व विधायक अमर अग्रवाल का कहना है कि मैं इस विभाग का मंत्री रहा हूं। मेरे हिसाब से पांच हजार करोड़ से ऊपर का है शराब घोटाला। ठग व तांत्रिक केके श्रीवास्तव का नाम लेते हुए पूर्व आबकारी मंत्री ने कहा कि पूर्व सीएम बघेल मुख्यमंत्री रहते कौन सी जड़ी बुटी लेने बार-बार तांत्रिक केके श्रीवास्तव के घर आते थे। शराब घोटाले के मास्टर माइंड से लेकर संगठित गिरोह में शामिल पूर्व आईएएस से लेकर पूर्व आबकारी अधिकारी सभी से सांठगांठ सामने आ रहा है।

पूर्व आबकारी मंत्री व बिलासपुर के विधायक अमर अग्रवाल ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर हमला बोलते हुए कहा कि भूपेश बघेल ने पूरी कांग्रेस को पुत्र मुंह में झोंक दिया है। कांग्रेस से सवाल किया कि चैतन्य बघेल कांग्रेस के किस पद पर हैं जिसके लिए पूरी कांग्रेस प्रदेश में प्रदर्शन कर रही है।

अमर अग्रवाल ने कहा हमने पहले भी बड़े-बड़े ऐसे उदाहरण देखें हैं जिसमें लोगों ने पुत्र मोह में खुद को भी बर्बाद किया और अपने पूरे साम्राज्य को भी बर्बाद किया है। भूपेश बघेल इसी दिशा में काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं। भूपेश बघेल और कांग्रेस भ्रष्टाचारियों को बचाने पूरे प्रदेश की जनता को परेशान कर रही है और साथ ही उनका आर्थिक रूप से नुकसान भी करने जा रही है जो की प्रदेश की जनता स्वीकार नहीं करेगी।

कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर कांग्रेस पार्टी और भूपेश बघेल के झूठ का पर्दापाश हो गया है। पूर्व आबकारी मंत्री अमर अग्रवाल ने पेस कांफ्रेंस के दौरान तथ्य एवं दस्तावेज पेश किया। अमर ने कहा कि कांग्रेस चोरी और सीनाजोरी का उदाहरण बार-बार प्रस्तुत कर रही है। आप सबको पता होगा कि अपने शासनकाल के पाँच वर्ष में भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ को दस जनपथ का चारागाह बना दिया था।

उन्होंने ने कहा कि शराब घोटाले, कोयला घोटाले, चावल घोटाले, गोठान घोटाले से लेकर पीएससी घोटाले तक में इसने प्रदेश के संसाधनों को जम कर लूटा था, आज इन घोटालों के आरोपी एक-एक कर नप रहे हैं। सभी जेल जा रहे हैं। अग्रवाल ने कहा कि बेवजह जिस तरह अपराधियों के विरुद्ध हो रही कानून सम्मत कार्रवाई को कहीं और मोड़ा जा रहा है, वह दुर्भाग्यजनक और कांग्रेस में हिप्पोक्रेसी का सबसे बड़ा नमूना है।

अमर अग्रवाल ने कहा कि जब भी आप सभी कॉल ब्लॉक आवंटन और पेड़ कटाई आदि पर सवाल उठाते थे, तो दस जनपथ के दबाव में सीधे तौर पर भूपेश बघेल बचाव में आ जाते थे। कहते थे कि कोल ब्लॉक आवंटन का विरोध करने वाले अपने-अपने घरों की बिजली बंद कर दें। सवाल यह है कि अब जब झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा कर भूपेश अपनी कालिख धोने की कोशिश कर रहे हैं, तो क्या वह अपने घर और राजीव भवन की बिजली बंद करेंगे?

अमर अग्रवाल ने कहा कि यह तथ्य है कि न केवल भूपेश बघेल ने कोल ब्लॉक अशोक गहलोत को आवंटित किया था, बल्कि उससे पहले भी मनमोहन सिंह की सरकार में तमाम नियमों को धत्ता बताते हुए छत्तीसगढ़ के कोल ब्लॉक आवंटन की राह आसान की थी। उन्होंने कहा कि साल 2010 में केन्द्र में काँग्रेस की सरकार थी, तब कोयला मंत्रालय और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा हसदेव अरण्य को पूरी तरह से नो-गो जोन घोषित किया गया था। उसे कांग्रेस नीत सरकार के पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने ही सबसे पहले गो एरिया घोषित किया था।

अमर अग्रवाल ने बताया कि 23 जून 2011 को केन्द्र में कांग्रेस की सरकार रहते ही तारा परसा ईस्ट और केते बसान कोल ब्लॉक को खोलने का प्रस्ताव दिया गया। जब छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी, उस वक्त अडानी को दो बड़ी खदानों गारे पेलमा सेक्टर-2 और राजस्थान में केते एक्सटेंशन ब्लॉक का ऑपरेटर बनाया गया। भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री कार्यकाल में ही 16 अक्टूबर 2019 को राज्य सरकार ने पर्यावरण स्वीकृति के लिए सिफारिश भेजी।

31 मार्च 2021 को ओपन कास्ट गारे पेलमा सेक्टर-2, मांड-रायगढ़ कोलफील्ड के लिए हुआ समझौता भी सबके सामने है। इसी क्रम में 19 अप्रैल 2022 को भूपेश बघेल जी के मुख्यमंत्री रहते ही कांग्रेस सरकार द्वारा वन स्वीकृति स्टेज-1 और 23 जनवरी 2023 को वन स्वीकृति स्टेज-2 के लिए सिफारिश भेजी गई।

उन्होंने यह भी कहा कि महाजेंको कोल फील्ड की स्वीकृति में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संलिप्तता को लेकर तब अनेक अखबारों ने समाचार भी प्रकाशित किए थे। 25 मार्च 2022 को भूपेश सरकार ने राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार के रहते राजस्थान को कोल माइंस का आबंटन किया था।

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