CG शर्मनाक तस्वीरः सरकारी अस्पताल में जमीन पर तड़पती महिला के प्रसव का वीडियो लोगों को हिला दिया, 24 घंटे बाद भी कोई एक्शन नहीं, किधर हैं स्वास्थ्य मंत्रीजी
छत्तीसगढ़ में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के इलाके में आदिवासी महिला की फर्श पर प्रसव का वायरल फोटो और वीडियो हालांकि, बेहद आपत्तिजनक है मगर इसने छत्तीसगढ़ में शीर्षासन कर रही स्वास्थ्य सुविधाओं के दावे को तार-तार कर दिया है।
रायपुर, अंबिकापुर। यह कोई दुर्गम आदिवासी इलाके के अस्पताल का मामला नहीं है। अंबिकापुर से करीब 20 किलोमीटर दूर दरिमा हवाई पट्टी के पास नवापारा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में यह शर्मनाक घटना हुई। अंबिकापुर संभागीय मुख्यालय है। यहां कमिश्नर बैठते हैं और कलेक्टर भी। अंबिकापुर स्वास्थ्य मंत्री का इलाका भी है। इसलिए वायरल फोटो और वीडियो में अस्पताल सर्वसुविधायुक्त लग रहा। बकायदा टाईल्स लगे हैं, ठीक-ठाक ऑपरेशन थियेटर भी दिखाई पड़ रहा। मगर हैरानी की बात यह कि इतने अच्छे स्वास्थ्य सेंटर में न एक डॉक्टर मिले और न ही और कोई स्टाफ। नीचे देखें वीडियो...
स्लोगन को किया बदनाम
मायके में रहो या ससुराल मां प्रसव कराओ अस्पताल में,,,,इस स्लोगन के जरिए स्वास्थ्य विभाग सुरक्षित प्रसव के दावे तो करती है लेकिन इसकी हकीकत कोसों दूर है एक ऐसा ही मामला सामने आया है सरगुजा जिले में जहां एक अस्पताल में महिला को प्रसव के लिए लाया तो गया मगर अस्पताल में कोई भी स्टाफ मौजूद नहीं था। यही कारण है कि परिजनों के साथ मितानिन ने महिला का प्रसव फर्श में कराया। इस दौरान असुरक्षित प्रसव कराए जाने से जच्चा और बच्चा दोनों की जान खतरे में डाली गई। राहत की बात यह रही कि जच्चा और बच्चा दोनों ही सुरक्षित हैं। मगर इस पूरे घटना ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी है।
न डॉक्टर, न कोई स्टाफ
बताया जा रहा है कि सुबह करीब 9 बजे जब मितानिन परिजनों के साथ प्रस्तुति महिला को लेकर अस्पताल पहुंची तब यहां एक भी स्टाफ मौजूद नहीं था। ऐसे में लगातार अस्पताल के स्टाफ से संपर्क किए जाने के बाद भी 1 घंटे तक कोई भी स्टाफ मौके पर नहीं पहुंच सका। इस बीच महिला की प्रसव पीड़ा तेज हो गई और महिला का प्रसव अस्पताल के फर्श पर ही लिटाकर कराया गया जब महिला का प्रसव कराया जा रहा था, तब महिला के परिजन और मितानिन के अलावा कोई भी अस्पताल का स्टाफ यहां मौजूद नहीं था। यही कारण है कि महिला और बच्चे की जान खतरे में रखकर यहां प्रसव कराया गया।
सिर्फ नोटिस
फर्श पर आदिवासी महिला के प्रसव का वीडियो वायरल होने पर मीडिया ने प्रभारी सीएमओ से बात की। मगर वे भी सिस्टम का बचाव करते दिखे। उन्होंने कहा कि प्रसव का प्रोटोकॉल होता है। अगर जमीन पर प्रसव कराया गया है तो इसे देखेंगे। इस सवाल पर कि स्टाफ क्यों नहीं था? उन्होंने बताया कि नर्स का रास्ते में एक्सीडेंट हो गया। और डॉक्टर? प्रभारी सीएमओ बोले, डॉक्टर से बात किया हूं, वे बोले कि मैं सेंटर में ही था। याने साफ झूठ बोले रहे प्रभारी सीएमओ और डॉक्टर दोनों।