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CG School News: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार की पहल पर ज्ञान का खुल रहा द्वार, सरकारी स्कूलों में छात्रों की सोच बदलने की अनोखी शुरुआत

CG School News: कोरबा जिले के स्कूलों में अब एक नई सुबह की शुरुआत होती है, हाथों में किताबों के साथ-साथ अखबार भी। यह बदलाव आया है जिला प्रशासन की पहल से, जिन्होंने विद्यार्थियों को समसामयिक घटनाओं से जोड़ने और करियर निर्माण में सहयोग देने के उद्देश्य से एक अभिनव कदम उठाया है

CG School News: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार की पहल पर ज्ञान का खुल रहा द्वार, सरकारी स्कूलों में छात्रों की सोच बदलने की अनोखी शुरुआत
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By Sandeep Kumar

CG School News: विष्णु देव साय सरकार की पहल पर कोरबा जिले के स्कूलों में अब एक नई सुबह की शुरुआत होती है, हाथों में किताबों के साथ-साथ अखबार भी। यह बदलाव आया है जिला प्रशासन की पहल से, जिन्होंने विद्यार्थियों को समसामयिक घटनाओं से जोड़ने और करियर निर्माण में सहयोग देने के उद्देश्य से एक अभिनव कदम उठाया है। उन्होंने डीएमएफ फंड से सभी हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में न्यूज़ पेपर स्टैंड लगवाया है।

पहले स्कूलों में बच्चे केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित रहते थे, लेकिन अब जब वे स्कूल के गेट से भीतर प्रवेश करते हैं, तो सबसे पहले न्यूज़ पेपर स्टैंड में सजे अखबारों पर उनकी नज़र जाती है। देश-दुनिया, राज्य और अपने जिले की खबरें पढ़ते हुए उनमें एक नई जिज्ञासा, नई दृष्टि और आत्मविश्वास का संचार होता है। पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के दूरस्थ ग्राम लेंगी के हाईस्कूल की छात्रा समीना कहती है कि अब हमें सिर्फ किताबों से ही नहीं, बल्कि अखबार से भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। देश-विदेश की खबरें पढ़कर समझ आता है कि बाहर की दुनिया कितनी बड़ी है और हम उसमें क्या बन सकते हैं।” समीना की सहपाठी सोनी मार्को और कल्याणी भी हर सुबह स्टैंड पर लगे अखबार को पढ़ती हैं। वे बताती हैं कि इससे उन्हें परीक्षा की तैयारी में मदद मिलती है और उनका सामान्य ज्ञान भी बढ़ता है।

वहीं, कोरबा ब्लॉक के ग्राम अजगरबहार के हायर सेकेंडरी स्कूल में 12वीं की छात्रा आरती, ममता, सुनीता और लक्षमनिया बताती हैं कि “हम कॉलेज की पढ़ाई करना चाहती हैं। अखबार पढ़कर हमें पता चलता है कि आगे कौन-कौन से कोर्स हैं, कौन-से कॉलेज अच्छे हैं और देश में क्या नई योजनाएं चल रही हैं। यह हमारे लिए बहुत उपयोगी है।” इस छोटे से प्रयास ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के विद्यार्थियों में जागरूकता, आत्मविश्वास और भविष्य की सोच को जगाया है।‘‘ अब सुबह की घंटी सिर्फ स्कूल शुरू होने का संकेत नहीं देती वह यह भी बताती है कि ज्ञान का नया द्वार खुल चुका है। जिला प्रशासन की यह पहल कोरबा जिले के विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ विचार और दृष्टिकोण को समृद्धि भी दे रही है। यह कहानी बताती है कि अगर अवसर और संसाधन सही दिशा में लगाए जाएं, तो हर बच्चे में समाज को बदलने की ताकत होती है। यह केवल अखबार पढ़ने की पहल नहीं है, यह भविष्य गढ़ने की शुरुआत है।

युक्तियुक्तकरण से मिल रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

विष्णु देव साय सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति के तहत विद्यालयों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की पदस्थापना से विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। इसी कड़ी में कोरबा जिले के पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला, लैंगा में हिंदी विषय के शिक्षक गोरेलाल कंवर की नियुक्ति हुई है। विद्यालय में उनके आने के बाद से हिंदी विषय विद्यार्थियों के लिए रोचक और प्रेरणादायक बन गया है। उनके पढ़ाने की शैली अत्यंत रोचक, जीवंत और प्रभावशाली है।

वे गद्य, पद्य, व्याकरण और साहित्य के हर पहलू को बच्चों तक सरल और रचनात्मक ढंग से पहुँचाते हैं। नाट्य रूपांतरण, संवाद, कहानी, गीत और गतिविधि-आधारित शिक्षण के माध्यम से वे बच्चों को सीखने में सम्मिलित करते हैं। विद्यालय के प्रधानपाठक एवं अभिभावकों ने राज्य सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति की सराहना करते हुए कहा कि विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति से शिक्षा की गुणवत्ता में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। यह नीति शिक्षकों की विशेषज्ञता का लाभ सही रूप में विद्यार्थियों तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम सिद्ध हो रही है।

आखिर पहुंची उम्मीद की रोशनी, व्याख्याता मिलने से छात्रों के सपनों को मिली नई उड़ान

पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के अंतिम छोर पर बसे छोटे से गाँव पतुुरियाडाँड़ के लिए हाई स्कूल खुलना किसी वरदान से कम नहीं था। वर्षों तक आसपास के गांवों के बच्चे सिर्फ इसलिए आगे की पढ़ाई से वंचित हो जाते थे क्योंकि हाई स्कूल की दूरी अधिक थी। लेकिन जब गाँव में हाई स्कूल प्रारंभ हुआ, तो यह न सिर्फ गांववासियों के लिए खुशी का क्षण था, बल्कि उन बच्चों के लिए नई उम्मीद थी जो उच्च शिक्षा का सपना मन में लिए बैठे थे।

हाई स्कूल खुलने के बावजूद छात्रों के सामने एक बड़ी चुनौती थी कि अंग्रेजी विषय का नियमित शिक्षक उपलब्ध नहीं था। गांव के अधिकांश बच्चे अंग्रेजी और गणित को कठिन विषय मानते थे। अंग्रेजी शिक्षक न होने के कारण खासकर छात्राओं के सपनों पर असर पड़ने लगा था, क्योंकि इस स्कूल में उच्च शिक्षा का सपना देखने वाली अधिकांश विद्यार्थी लड़कियां ही थीं। सरकार की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया इस विद्यालय के लिए किसी सौभाग्य की तरह साबित हुई। इसी प्रक्रिया के तहत यहाँ अंग्रेजी विषय के व्याख्याता श्री विजय कुमार राठौर की नियुक्ति हुई। व्याख्याता के रूप में उन्होंने चार-पांच महीने पहले ज्वाइनिंग दी और तभी से छात्रों के लिए अंग्रेजी का डर धीरे-धीरे कम होता गया।

अब बच्चे बताते हैं कि “सर के आने के बाद अंग्रेजी पढ़ना मुश्किल नहीं लगता। अब हमें समझ में भी आता है और नियमित क्लास भी होती है।”

कक्षा 9वीं की छात्राएँ कुमार धन कुंवर, सुनती, सरिता, सपना, विक्रम और 10वीं के विद्यार्थी आकांक्षा, अमृता, राजकुमारी, विजय, विष्णु, अशोक सभी एक ही बात कहते हैं “अगर शिक्षक नहीं होते तो हम कठिन विषय में फेल भी हो सकते थे। अब हमें अपने भविष्य पर भरोसा है।”

गांव के लोगों के चेहरे पर भी खुशी झलकती है। वर्षों से जिस योग्य शिक्षक की कमी महसूस होती थी, वह अब पूरी हो गई है। आज गांव के बच्चे अंग्रेजी में मजबूत हो रहे हैं, परीक्षा के लिए तैयार हो रहे हैं और अपने सपनों को उड़ान देने के लिए आत्मविश्वास से भर चुके हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति ने पतुरियाडाँड़ के इस विद्यालय का भविष्य ही नहीं बदला है, बल्कि उन सैकड़ों बच्चों की जिंदगी में नई रोशनी भरी है, जो कल अपने परिवार और क्षेत्र का नाम रोशन करेंगे।

मिडिल स्कूल लैंगा में शिक्षक गोरेलाल के आने से बच्चों की हिंदी विषय की पढ़ाई में रमा मन

प्रदेश सरकार की युक्तियुक्त करण की नीति छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की दिशा में सार्थक प्रयास है। प्रकिया के तहत पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला लैंगा में हिंदी विषय के शिक्षक गोरेलाल कंवर की पदस्थापना हुई है। विद्यालय में उनके आने से हिंदी विषय बच्चों को रोचक और प्रेरणादायक लगने लगा है।

कंवर का शिक्षण शैली इतनी रोचक, जीवंत और प्रभावशाली है कि बच्चों का मन हिंदी विषय में रम गया है। चाहे कविता हो या गद्य, व्याकरण हो या साहित्य , वे हर पहलू को नाट्य रूपांतरण, संवाद, कहानी, गीत, या रचनात्मक शिक्षण शैली के माध्यम से बच्चों के मन में उतार देते हैं। कक्षा 8वीं में जब उन्होंने तैमूर लंग के आक्रमण से संबंधित गद्यांश पढ़ाया और मंचन के जरिए तैमूर और एक नन्हे बालक के संवाद को प्रस्तुत किया, तब बच्चों की आँखों में जिज्ञासा की चमक साफ दिखाई दी। इससे बच्चे इतिहास को अनुभव कर पाए। बच्चों को हिंदी की रस, छंद, अलंकार जैसे व्याकरण के अंश सरल लगने लगे हैं। साथ ही हिंदी साहित्य का इतिहास और व्याकरण के नियम की उन्हें गहनता से समझ आ रही है। कक्षा 8वीं के छात्र-छात्राएं कृ अनुसुइया, अंश, रश्मि, कल्पना, महिमा और लवकेश जैसे बच्चों ने बताया कि अब उन्हें हिंदी विषय पढ़ना मनोरंजन और ज्ञान“ का स्रोत लगता है। कंवर बच्चों को केवल पाठ्यक्रम की पढ़ाई तक सीमित नहीं रखते, वे उनमें अभिव्यक्ति और आत्मविश्वास की भावना भी भरते हैं। बच्चों को पत्र लेखन, कहानी रचना, कविता पाठ और भाषण देने के लिए भी प्रेरित करते है, जिससे उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास हो रहा है। विद्यालय के प्रधानपाठक और अभिभावकों ने राज्य सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति की सराहना की। उन्होंने कहा कि विषय शिक्षक की नियुक्ति से ही शिक्षा का असली उद्देश्य पूरा होता है। यह नीति शिक्षकों की विशेषज्ञता का लाभ सही रूप में विद्यार्थियों तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम है।

मानसिक स्वास्थ्य के लिए अनूठी पहल

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल, रायपुर द्वारा विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विशेष पहल की गई है। देश में विद्यार्थियों के बीच आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं एवं मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों की गंभीरता से लेते हुए मण्डल द्वारा शैक्षणिक संस्थानों- जैसे स्कूल, कोचिंग संस्थान, कॉलेज और प्रशिक्षण केन्द्रों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर केन्द्रित हेल्पलाइन सुविधा प्रारंभ की गई है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल की टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर 1800-233-4363 पर विद्यार्थियों को मानसिक परामर्श प्रदान किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग, मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के तहत प्रारंभ की गई है।

इस कार्य में मण्डल अध्यक्ष रेणु जी पिल्ले के निर्देश, सचिव पुष्पा साहू के आदेश, प्रभारी उपसचिव प्रीति शुक्ला के समन्वय, डॉ. बी. रघु के मार्गदर्शन एवं हेल्पलाइन नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार साहू के नेतृत्व में हेल्पलाइन का संचालन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल की ये पहल विद्यार्थियों में बढ़ते मानसिक दबाव को कम करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है, जिससे वे अपनी समस्याओं को साझा कर मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकें।


Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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