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CG School News: इन 4077 स्कूलों को किया जाएगा मर्ज, शिक्षकों की कमी और व्यय घटाने विष्णुदेव सरकार का युक्तियुक्तकण का बड़ा फैसला, केवियेट दायर

CG School News: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने स्कूली शिक्षा की सुधार की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए शिक्षकों के साथ ही स्कूलों का युक्तियुक्तकरण करने जा रही है। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने 4077 प्रायमरी, मीडिल और हाईस्कूल, हायरसेकेंडी स्कूलों को चिन्हांकित किया है।

CG School News: इन 4077 स्कूलों को किया जाएगा मर्ज, शिक्षकों की कमी और व्यय घटाने विष्णुदेव सरकार का युक्तियुक्तकण का बड़ा फैसला, केवियेट दायर
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By Sandeep Kumar

CG School News: रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने का अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही प्रारंभ कर दिया है। पिछले हफ्ते युक्तियुक्तरण के ड्राफ्ट को भी मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग युद्ध स्तर पर युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में जुट गया है। स्कूलों के युक्तियुक्तकरण से करीब छह हजार शिक्षक अतिशेष बचेंगे। शिक्षकों के 7303 शिक्षक पहले से अतिशेष हैं। याने कुल मिलाकर 13 हजार से अधिक शिक्षक सरकार के पास एक्सट्रा हो जाएंगे। इससे शिक्षक विहीन और सिंगल टीचर वाले लगभग सारे स्कूल कवर हो जाएंगे। कवर मतलब शिक्षक विहीन या फिर सिंगल टीचर वाला लोचा नहीं रहेगा।

4077 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण

सरकार में बैठे अधिकारियों की मानें तो सबसे पहले स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। क्योंकि, अतिशेष स्कूलों की संख्या पहले से ही ज्ञात है। वो करीब 7303 है। स्कूलों के युक्यिक्तकरण के बाद फिर फायनल लिस्ट बनाई जाएगी। क्योंकि जिन 4077 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जाना है, उनमें 3978 प्रायमरी, मीडिल, हाईस्कूल और हायर सेकेंड्री स्कूल एक ही परिसर में हैं। सिर्फ 99 स्कूलों का आसपास के गांवों में शिफ्थ करना होगा। इनमें 63 प्राईमरी और 36 मीडिल स्कूल हैं। इन 99 स्कूलों में चार-से-पांच बच्चे हैं और टीचर बच्चों से अधिक। छत्तीसगढ़ में एक ही परिसर में राष्ट्रीय औसत से कम बच्चे वाले सबसे अधिक प्राईमरी और मीडिल स्कूल हैं। इनकी संख्या 2933 हैं। इन्हें एक में मिला दिया जाएगा। हालांकि, इससे नाम बदलेगा मगर जगह नहीं। इसलिए इसमें दिक्कत नहीं। इसी तरह एक ही परिसर में मीडिल और हाईस्कूलों की संख्या 282, एक ही परिसर में प्राईमरी, मीडिल और हाईस्कूलां की संख्या 413 और एक ही परिसर में मीडिल, हाई स्कूल और हायर सेकेंड्री स्कूलों की संख्या 350 चिन्हांकित की गई, जिन्हें एक-दूसरे में मर्ज कर दिया जाएगा।

स्कूलों के युक्तियुक्तकरण के मापदंड

स्कूलों के युक्तियुक्तकरण के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने चार बिंदुओं में मापदंड तैयार किया है।

1. एक ही परिसर में संचालित स्कूलों का समायोजन।

2. 10 से कम बच्चों वाले स्कूलों का निकटस्थ स्कूलों में समायोजन।

3. एक ही स्तर के दो स्कूलों के बीच की दूरी कम होने के साथ बच्चों की दर्ज संख्या कम होना।

4. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और दूरस्थ वनांचल के स्कूलों के युक्तियुक्तकरण के अधिकार कलेक्टर को।

ये काम पहले हो जाना था

अफसरों का कहना था कि युक्तियुक्तकरण का काम पहले हो जाना था। उन्होंने इसके ये फायदे गिनाए....

1. शिक्षक विहीन या सिंगल टीचर वाले स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर हो जाएगी।

2. स्थापना व्यय में कमी आएगी।

3. एक ही परिसर के स्कूलों के युक्यिक्तकरण से बच्चों के ड्रॉप आाउट में कमी आएगी।

4. एक ही परिसर के स्कूलों से बार-बार प्रवेश प्रक्रिया से बच्चों को राहत मिलेगी।

5. एक ही परिसर के स्कूलों को एक-दूसरे में मर्ज करने पर अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चन मुहैया हो सकेगा।

युक्तियुक्तकरण की जरूरत क्यों?

स्कूलों के युक्तियुक्तकरण की जरूरत क्यों समझी गई? इस सवाल के जवाब में अफसरों ने बताया कि पिछले कुछ सालों में दर्ज बच्चों की संख्या में काफी कमी आई है। इसके कई कारण है। मसलन, स्कूलों का उन्नयन। स्वामी आत्मानंद स्कूलों का प्रारंभ होना। आरटीई के तहत निजी स्कूलों में दाखिला बढ़ा है। आत्मानंद स्कूलों से खासकर शहरों के सरकारी स्कूलों में भी बच्चे कम हुए हैं। वे अंग्रेजी स्कूलों में माईग्रेट हो गए। फिर महत्वपूर्ण यह भी कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शालाओं के एकीकरण का प्रावधान।

केवियेट दायर

स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों और शिक्षकों का युक्यिक्तकरण करने से पहले बिलासपुर हाई कोर्ट में केवियेट दायर कर दिया है। इसका मतलब यह है कि युक्तियुक्तकरण के खिलाफ अब कोई कोर्ट जाएगा तो उस पर फैसला लेने से पहले सरकार का पक्ष भी सुना जाएगा।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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