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CG Rajat Mahotsav: छत्तीसगढ़ निर्माण गाथा: एयरपोर्ट में 'लीक' हुआ नए सीएम का नाम, CM से धक्का-मुक्की, फटा कुर्ता…

CG Rajat Mahotsav: एक नवंबर 2000 को अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री का नाम बहुत ही नाटकीय अंदाज में सामने आया था। कांग्रेस में स्वर्गीय विद्याचरण शुक्ल का नाम भी सीएम के दावेदारों में प्रमुखता से लिया जा रहा था, मगर दस जनपथ ने दूसरा ही नाम देकर तत्कालीन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को रायपुर भेज दिया।

CG Rajat Mahotsav: छत्तीसगढ़ निर्माण गाथा: एयरपोर्ट में लीक हुआ नए सीएम का नाम, CM से धक्का-मुक्की, फटा कुर्ता…
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By Anjali Vaishnav

CG Rajat Mahotsav: रायपुर। छत्तीसगढ़ अब 25 बरस का हो रहा है, पूरे प्रदेश में इसे रजत महोेत्सव के रूप में मनाया जा रहा है, छत्तीसगढ़ निर्माण के पीछे कई कहानियां, कई किस्से हैं, छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री का नाम सामने आने के पीछे भी एक किस्सा छुपा हुआ है.

दरअसल मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या ज्यादा होने के कारण कांग्रेस की सरकार थी और दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे। विभाजन के बाद छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में कांग्रेस विधायक ज्यादा थे, इस कारण कांग्रेस की सरकार बनना तय थी, लेकिन मुख्यमंत्री कौन बनेंगे, इस पर लगातार अटकलों का दौर चल रहा था। सस्पेंस के बीच यह भी संकेत मिल गए थे कि मुख्यमंत्री का नाम दिल्ली के दस जनपथ से सोनिया गांधी ही तय करेंगी और विधायक दल की बैठक में औपचारिक मुहर लगेगी। यह जानकारी बहुत कम लोगों को है कि नए मुख्यमंत्री का नाम माना एयरपोर्ट पर ही लीक हो गया था।

राज्य निर्माण के वक्त शहर के कुछ बड़े होटल भी गतिविधियों के केंद्र बने हुए थे। एक दोपहर होटल मयूरा में नेताओं का जमघट था और इस कारण सारे पत्रकार भी वहीं पहुंच गए थे। एक पत्रकार के गले पर हाथ डाल कर अजीत जोगी भी खड़े थे और भावी सीएम को लेकर चल रही अटकलों की बातचीत में वे भी शामिल हो गए थे। वहां पर भावी सीएम के लिए कई नामों पर कारण सहित अटकलें लगाई जाती रहीं। इसी के दो-तीन बाद ही खबर आयी कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह रायपुर आ रहे हैं और विधायक दल की बैठक भी होगी। मध्यप्रदेश से अलग हो रहे छत्तीसगढ़ के लिए कुछ बड़े अखबारों ने भोपाल से भी अपने कुछ अनुभवी पत्रकारों का कवरेज के लिए रायपुर भेज दिया था। इनमें से एक पत्रकार रायपुर में थे और उनका दिग्विजय सिंह से अच्छे संबंध थे।

एयरपोर्ट में वो दो मिनट

तय समय पर दिग्विजय सिंह का विमान माना एयरपोर्ट पर उतरा। सीएम के दावेदारों के समर्थक भी उनके स्वागत में एयरपोर्ट पहुंच गए थे, इस कारण वहां भारी भीड़ हो गई थी। हर काेई भावी सीएम का नाम जानने को उत्सुक था। दिग्विजय सिंह आए और स्वागत की औपचारिकता के बाद लॉबी की ओर आ रहे थे। उसी वक्त वह पत्रकार उन्हें दिखा। पत्रकार ने इशारा किया तो दिग्विजय सिंह भीड़ से अलग होकर उन पत्रकार के साथ एक किनारे की ओर गए। उसी दो मिनट की एकांत चर्चा में दिग्विजय सिंह ने बता दिया कि विधायक दल की बैठक के लिए दिल्ली से आए लिफाफे में अजीत जोगी का नाम है। वहां एकत्रित और किसी व्यक्ति को उस वक्त इस नाम की जानकारी नहीं हो सकी। यह नाम अविश्वसनीय था, क्योंकि कहीं पर भी इस नाम की चर्चा नहीं हो रही थी और न ही उस वक्त तक अजीत जोगी की गतिविधियों से लग रहा था कि वे मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं। हकीकत यह थी कि दिल्ली से अजीत जोगी का नाम आया है।

विद्या भैया के फार्म हाउस में फटा दिग्गी का कुर्ता

अगले दिन विधायक दल की औपचारिक बैठक में इसी नाम पर मुहर लग गई। नाम सामने आने के बाद कांग्रेस में अंदरुनी तौर पर हलचल तेज हो गई थी। मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह वर्तमान राज्य अतिथि गृह पहुना में बैठक निपटाने के बाद विद्याचरण शुक्ल के फार्म हाउस गए। सीएम का काफिला तेजी से फार्म हाउस में घुस गया और पत्रकारों का दल पीछे रह गया। फार्म हाउस के मेन गेट से लेकर अंदर पहुंचने तक का रास्ता थोड़ा लंबा है। ऊपर से गाड़ियों की भीड़ के कारण जाम लग गया था। अंदर जाने के बाद यह सूचना तेजी से फैल गई कि दिग्विजय सिंह के साथ फार्म हाउस में कुछ विद्या भैया के समर्थकों ने धक्का- मुक्की कर दी है। इस पर और भी बहुत कहा गया, मगर पुष्टि किसी ने नहीं की। चर्चा की बीच जब वापस जाने के लिए सिंह बाहर आए तो उनका कुर्ता फटा हुआ था। पत्रकारों ने इस संबंध में उनसे सवाल किया तो उन्होंने हंस कर अपनी फटी जेब दिखाई और कहा कि भीड़ में इतना तो हो ही जाता है। दरअसल, कहा ये जा रहा था कि विद्याचरण शुक्ल के समर्थक शुक्ल को ही सीएम के रूप में देखना चाहते थे और अचानक से जोगी का नाम आने से वे क्रोधित थे।

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