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CG PSC Scam: CGPSC घोटाला मामला: सीबीआई ने चार डिप्टी कलेक्टरों को किया गिरफ्तार, पूर्व IAS का बेटा-बेटी समेत कई राडार पर...

CG PSC Scam: सीजीपीएससी फर्जीवाड़े की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती जा रही है उसी अंदाज में गिरफ्तारियां भी हो रही है। पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के बेटे के बाद भतीजा भी सीबीआई के घेरे में आ गया है।

CG PSC Scam: CGPSC घोटाला मामला: सीबीआई ने चार डिप्टी कलेक्टरों को किया गिरफ्तार, पूर्व IAS का बेटा-बेटी समेत कई राडार पर...
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By Neha Yadav

CG PSC Scam: रायपुर। सीजीपीएससी फर्जीवाड़े की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती जा रही है उसी अंदाज में गिरफ्तारियां भी हो रही है। पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के बेटे के बाद भतीजा भी सीबीआई के घेरे में आ गया है। नितेश का डिप्टी कलेक्टर के पद पर सिलेक्शन हुआ है। उसे सातवीं रैंक मिला है। उद्याेगपति गोयल के बेटे व बहू शशांक गाेयल, भूमिका अटियारसहित पांच लोगों की अब तक गिरफ्तारी सीबीआई ने की है।

सीजीपीएससी फर्जीवाड़े में आईएएस,पूर्व आईएएस सहित उद्योगपति,कांग्रेस नेता व पूर्व चेयरमैन सोनवानी के रिश्तेदारों को राज्य प्रशासनिक सेवा का महत्वपूर्ण पद रेवड़ी की तरह बांट दिया गया है। पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के बेटे नीतेश सोनवानी, भतीजा साहिल सोनवानी, बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल के बेटे शशांक गोयल बहू भूमिका कटियार के अलावा परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर की गिरफ्तारी हो चुकी है। बता दें कि बीते दो दिनों के भीतर सीबीआई ने पांच लोगों को अरेस्ट किया है।

दो डिप्टी कलेक्टर व एक डीएसपी के पद पर हुए सलेक्ट

CGPSC फर्जीवाड़ा में सीबीआई के घेरे में आरे वाले आरोपियों में साहिल सोनवानी टामन सोनवानी के भतीजे हैं। ये DSP के पोस्ट पर सिलेक्ट हुए है। शशांक गोयल बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल बेटे और भूमिका कटियार बहू है। दोनों का डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हुआ है। सीबीआई जांच से पहले ही इन नियुक्तियों पर सवाल उठाए जा रहे थे। आशंका अबब सच साबित होते दिखाई दे रही है। सीबीआई ने इन सभी को अरेस्ट कर लिया है। नितेश सोनवानी का सातवीं रैंक आया था। पूर्व चेयरमैन का भतीजा है। नितेश का चयन सीजीपीएससी 2021 में डीसी के पद पर हुआ था। पहचान छिपाने की कोशिश भी की गई है। सिलेक्शन लिस्ट में उसका नाम लिखा है, सरनेम को छिपा दिया गया है। यह भी चर्चा में रही कि सिलेक्शन लिस्ट में एक ऐसा नाम भी था जो पहली बार सीजीपीएससी में देखने को मिला कि सरनेम का कहीं जिक्र नहीं किया गया। अचरज की बात ये कि इस पर किसी ने ना तो आपत्ति दर्ज कराई और ना ही सरनेम ना देने के पीछे कारण को जानने की कोशिश ही की। नितेश द्वारा एग्जाम से पहले और सिलेक्शन के बाद पेश किए गए दस्तावेजों में नाम के साथ ही नितेश का सरनेम भी लिखा हुआ है। यह सब सीजीपीएससी के आला अफसरों के इशारे पर किया गया।

अफसरों के रिश्तेदारों के सिलेक्शन पर उठे सवाल

सीजीपीएससी 2021 के चयन में उठे विवाद के पीछे का कारण भी साफ है। सिलेक्शन लिस्ट में 18 ऐसे नाम है जो अधिकाशं अधिकारियों के बेटा या बेटी व रिश्तेदार हैं। कांग्रेस नेताओं के बेटे व बेटी भी सिलेक्शन लिस्ट का हिस्सा बने हैं। इसे लेकर विवाद की स्थिति बनी। पीआईएल की सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने टिप्पणी भी की थी। तब कोर्ट ने कहा था कि अफसरों के बेटे व बेटी का सिलेक्शन हो सकता है। मौजूदा परीक्षा में इतनी बड़ी संख्या में चयन होना संयोग है तो ठीक। अगर गलत रास्ते अख्तियार किए गए हों तो यह अनुचित है।

एग्जाम कंट्रोलर की इसलिए हुई गिरफ्तारी

सीजीपीएससी एग्जाम कंट्रोलर ललित गणवीर पूर्व चेयरमैन सोनवानी के बेहद करीबी व विश्वास पात्र थे। सीबीआई को आशंका है कि गणवीर के जरिए पेपर लीक कराया गय। प्रभावशाली लोगों को प्रश्न पत्र पहले ही उपलब्ध करा दिया गया। गणवीर की गिरफ्तारी से पहले सीबीआई ने एग्जाम कंट्रोलर आरती वासनिक से भी पूछताछ की थी। तलाशी के दौरान अहम दस्तावेज भी जब्त किया था। लंबी पूछताछ और मिले दस्तोवजों के आधार पर आरती वासनिक को अरेस्ट किया।

इन परीक्षाओं पर भी विवाद सीजीपीएससी 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद अब भी बना हुआ है। EOW और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार व अनियमितता के आरोप में मामला दर्ज किया है। सीजीपीएसस ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी। इन्हीं भर्तियों को लेकर ज्यादा विवाद है। आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है।

पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की पीआईएल के बाद मचा हड़कंप

पूर्व गृहमत्री ननकीराम कंवर ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में पीआईएल दायर कर फर्जीवाड़े की सीबीआई जांच की मांग की थी। तब कंवर ने अपनी याचिका में उन 18 लोगों के नाम की सूची भी पेश की थी जिनकी नियुक्ति को लेकर सीजीपीएससी के तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने फर्जीवाड़ा किया था। इसमें ब्यूरोक्रेट्स से लेकर कांग्रेस नेताओं के बेटे बेटी व रिश्तेदारों के नाम दिए गए हैं। सीबीआई उन्हीं नामों को फोकस कर रही है। सीबीआई ने जांच का दायरा भी बढ़ा दिया है।

और गिरफ्तारियां होंगी

सीबीआई के जांच का दायरा जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है और अहम दस्तावेज मिल रहे हैं। इससे इस बात की संभावना बढ़ती जा रही है कि पूर्व आईएएस के बेटे व बेटी की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। सीबीआई के राडार में ब्यूरोक्रेट्स व कांग्रेस नेता के बेटे व बेटी के अलावा रिश्तेदार भी है।2

2003 सीजीपीएससी फर्जीवाड़ा, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने दिया था ऐतिहासिक फैसला

राज्य निर्माण के बाद वर्ष 2003 में पहली बार सीजीपीएससी का एग्जाम हुआ।पहला ही एग्जाम विवादों के घेरे में रहा। ईओडब्ल्यू की जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया था। हालांकि तब किसी अभ्यर्थी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। छत्तीसगढ़ हाई काेर्ट के डिवीजन बेंच ने सीजीपीएससी द्वारा जारी सिलेक्शन लिस्ट को रद्द करते हुए नए सिरे से स्केलिंग करने व सिलेक्शन लिस्ट जारी करने का निर्देश दिया था। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य शासन के महत्वपूर्ण पदों पर काबिज और तब के अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगए़ हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच के फैसले पर रोक लगा दी है। तब से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस बीच दागी अफसर आईएएस बन गए हैं और मजे से नौकरी कर रहे हैं।

Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

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