CG PSC Scam: PSC के बंटी-बबली ने अपने रिश्तेदार को भी नहीं बख्शा, फूड इंस्पेक्टर बनाने झटक लिया 25 लाख, पढ़िये ठगी की कंप्लीट स्टोरी...
CG PSC Scam: छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा-2022 भी घोटालों से बच नहीं सका। तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी का साला और उसकी साली ने लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर करोड़ों रुपए ठग लिए। रायपुर पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए देर रात एफआईआर दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। खाते में पैसा ट्रांसफर हुआ, इसलिए पुलिस को साक्ष्य के लिए ज्यादा माथापच्ची नहीं करनी पड़ी। बहरहाल, जिनकी नौकरी नहीं लगी वे रायपुर पुलिस में शिकायत की हैं मगर जिनकी नौकरी लग गई...वे मजे से नौकरी कर रहे होंगे। खबर में नीचे पढ़िये एफआईआर में युवती ने अपने मौसा-मौसी के बारे में क्या बताया...

CG PSC Scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ पीएससी की 2022 की परीक्षा भी घोटालों और ठगी से बच नहीं सकी। 2021 परीक्षा में हुए बड़े गड़बडझाले में सीबीआई ने पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी समेत कई डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी को गिरफ्तार किया है।
पीएससी 2021 के स्कैम में सीबीआई की गिरफ्तारियां अभी चल ही रही है कि पीएससी 2022 की परीक्षा भी घोटालों के जद में आ गया है। पूर्व चेयरमैन के साले और उसकी पत्नी ने कई बेरोजगार युवाओं को नौकर दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी कर ली।
ठगी का यह मामला तब हुआ, जब टामन सिंह सोनवानी पीएससी के चेयरमैन थे। जाहिर है, सोनवानी इतने जल्दी में थे कि 2021 की परीक्षा के रिजल्ट निकालने के छह महीने के भीतर 2022 परीक्षा के भी नतीजे घोषित कर दिए थे। 2022 की परीक्षा का रिजल्ट उन्होंने तब निकाला, जब उनके रिटायरमेंट में महीने भर से भी कम समय बचे थे।
रायपुर के सिविल लाइन थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक टामन सिंह सोनवानी के साले और उसकी पत्नी खुद को बड़े अधिकारियों के परिचित बताकर विशेष अनुशंसा के तहत नौकरी लगाने का झांसा देते थे। बाद में वे फर्जी नियुक्ति पत्र देकर रकम ऐंठ लेते थे।
इन पर आरोप है कि फूड इंस्पेक्टर, लेक्चरर और पटवारी जैसी नौकरियों का झांसा देकर 9 पीड़ितों से भारी रकम वसूली। आरोपियों ने रिश्तेदारों समेत अन्य कई पीड़ितों से करोड़ों रुपये की ठगी की है। सिविल लाईन थाना पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है।
यहां पढ़िए रिश्तेदार युवती ने FIR में क्या बताया...
महोदय, निवेदन है कि मैं अंजना गहिरवार पिता राजनारायण गहिरवार उम्र 32 वर्ष सा एमजी रोड गोल्ड स्टोरेज के पीछे पटपरिया थाना अंबिकापुर जिला सुरजपुर की निवासी हूं। देवेन्द्र जोशी निवासी डा राजेन्द्र नगर रायपुर मेरे रिश्ते में मौसा जी है। माह फरवरी 2021 को में अपने परिवार के साथ रापपुर आई थी तब डा राजेन्द्र नगर रायपुर में मौसाजी देवेन्द्र जोशी एवं मौसी झगीता जोशी के साथ उनके घर में मिली जहां बातचीत के दौरान मैंने बताया कि मैं नौकरी करना चाहती हूं तब मौसाजी देवेन्द्र जोशी ने बताया कि मेरा बड़े अधिकारी से जान पहचान है जो सेटिंग कर सरकारी नौकरी लगाते है शासन में बड़े अधिकारी है उनके माध्यम से सेटिंग होता है।
फिर कुछ दिन बाद मेरे मौसाजी देवेन्द्र जोशी अपने मोबाईल वाट्सएप काल कर मुझे बताये कि अभी फूड इंस्पेक्टर का वैकेंसी निकला है। तुम फार्म भर दी इसमें 25.00000/- रू लगेगा उसके बात में वर्ष 2022 में फुड इंस्पेक्टर का फार्म आनलाईन भरी थी मेरा रजिस्टर आइडी नं FCF12 था मेरे द्वारा फुड इंस्पेक्टर का एक्जाम देने के बाद मेरे मौसाजी देवेन्द्र जोशी ने मुझे पुनः मोबाईल से वाट्सएप काल बताया कि फुड इंस्पेक्टर में गारंटी के साथ भर्ती करवा दूंगा कहकर आश्वसन दिया।
कुछ दिन बाद जब रिजल्ट आया तो मेरा नंबर कम आया था जिसके बारे में मौसाजी देवेन्द्र जोशी को बताई तो उनके द्वारा कहा गया कि विशेष अनुशंसा में तुम्हारा करवा रहे है तो तुम्हारा दूसरा रिजल्ट आयेगा करीबन 15 दिन के बाद मौसाजी देवेन्द्र जोशी के द्वारा उनके घर डा राजेन्द्र नगर रायपुर में विशेष अनुशंसा वाला रिजल्ट मुझे दिये जिसमें मेरा नाम था। कुछ दिन के बाद में मौसाजी देवेन्द्र जोशी के द्वारा मोबाइल के वाट्सएप काल में बोला गया कि तेरा रिजल्ट में नाम आ गया है बाकी का रकम भी कांउसलिंग के पहले दे दो कहने पर मैं अपने परिवार के साथ उनके घर डा राजेन्द्र नगर रायपुर गई थी उसी समय उनको नगद 6.35,000 रु अपने भारतीय स्टेट बैंक के खाता क्रमांक 3 से निकाल कर दी थी।
देवेन्द्र जोशी के कहने पर उनकी बेटी पीयूषा जोशी के एस बी आई बैंक खाता क्रमांक 3 में पैसा भेजने कहने पर मेरे द्वारा दिनांक 20.06.2022 को 3,10,000/- रू ट्रांसफर किया गया था उसके बाद मेरी मां कृष्णा गहिरवार ने लोन लेकर मुझे अपने सेंट्रल बैंक खाता क्रमांक से 5,50,000 रु का नगद राशि दी थी दिनांक 16.04.2022 को मेरी मां अपने बैंक आफ इंडिया के खात क्रमांक 93801 से 1,50,000 स व दिनांक 24.05.2023 को 1,60,000 स निकाल कर देने पर मौसाजी देवेन्द्र जोशी को नगद दिया गया।
दिनांक 05.08.2022 को प्रातः 11.00 बजे मेरे मौसाजी देवेन्द्र जोशी मुझे कांउसलिंग है कहकर अपने साथ संचनालय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग इंद्रावती भवन ब्लाक 02 तृतीय तल नवार रायपुर अटल नगर अभिलेख सत्यापन हेतु लेकर गये जहां वो मेरे साथ में दस्तावेज सत्यापन कराये जिसका पावती भी मुझे उक्त कार्यालय के द्वारा दिया गया तब में निश्चित हो गई कि मेरी नौकरी लग गई उसके बाद मेरे द्वारा उनको फोन कर ज्वाईनिंग के लिये बार बार पूछने पर हो जायेगा बोलते थे, किंतु जब फुड इंस्पेक्टर का लास्ट चयन सूची जारी होने पर मेरे द्वारा आनलाईन चेक करने पर मेरा नाम नहीं था.
फिर मैं उनको फोन कर बताई तो तुम्हारा विशेष अनुशंसा में करा रहा हूं कहकर आश्वासन दिये फिर और रकम मांगे तब मेरी मां कृष्णा गाहिरवार के नाम की स्कार्पियो वाहन क्रमांक CG1586654 को 2,60,000 में बिक्री कर एवं दूसरा वाहन बुलेरो क्रमांक CG1587268 को बिक्री कर एवं 7,45,000 रू कुल 25,00000/- रू नगद राशि उन्हें दी गई। पुरी रकम देने के बाद भी उनके द्वारा नौकरी लगा दूंगा कहकर टाल मटोल करते रहे तब मुझे एहसास हुआ कि मेरा साथ धोखाधडी हुआ है और मेरा फोन जब उठाते थे तो गाली गलौज व जान से मारने की धमकी देते थे।
बाद में फोन उठाना बंद कर दीये। इस तरह से मेरे मौसाजी देवेन्द्र जोशी ने मुझे फूड इंस्पेक्टर की नौकरी न लगाकर छल पूर्वक धोखाधड़ी कर कुल 25,00000/- रू फुड इंस्पेक्टर की नौकरी लगाने के नाम से लिये है जो मुझे नौकरी नहीं लगाये है। मेरी मौसी झगीता जोशी भी पैसा देते समय वहां रहती थी और तेरे मौसाजी नौकरी लगा देंगे कहकर चिंता मत करो कहकर बार बार आवासन देती थी।
नौकरी नहीं लगेगा तो पैसा वापस हो जायेगा कहकर पति पत्नी आश्वासन देते थे। स्वप्रिल दुबे को मैं नहीं जानती हूं। मुझे जानकारी मिली है कि देवेन्द्र जोशी के द्वारा फुड इंस्पेक्टर के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर गजेन्द्र लहरे, कुणाल देव, भुनेवर सोनवानी से भी 25-25 लाख रूपये लेकर नौकरी नहीं लगाये है। अतः निवेदन है देवेन्द्र जोशी एवं उसकी पत्नी झगीता जोशी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाये।