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CG Private Colony News: 19 एकड़ प्राइवेट कॉलोनी राजसात: बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर ने की प्रदेश की सबसे बड़ी कार्यवाही...

CG Private Colony News: बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने प्रदेश की सबसे बड़ी कार्यवाही करते हुए 19 एकड़ की पॉश कॉलोनी को राजसात करने की कार्रवाई की है। नियमों के उल्लंघन पर नगर पालिका निगम द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर पूरी कॉलोनी राजसात करने की कार्यवाही की गई है। अब यहां के शेष बचे प्लाटों की बिक्री नगर निगम करेगा।

CG Private Colony News: 19 एकड़ प्राइवेट कॉलोनी राजसात: बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर ने की प्रदेश की सबसे बड़ी कार्यवाही...
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By Radhakishan Sharma

CG Private Colony News: बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम ने प्रदेश की सबसे बड़ी कार्यवाही करते हुए 19 एकड़ प्राइवेट कॉलोनी को राजसात कर लिया है। 19 एकड़ निजी भूमि पर बनी कॉलोनी को राजसात करने के बाद बाकी बचे प्लाटों की बिक्री अब निगम करेगा। जिससे निगम को करोड़ों की आय होगी। 2011 में संशोधित छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 292 ग में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए किसी प्राइवेट कॉलोनी को पूरी तरह से राजसात करने का यह पहला मामला है। नगर निगम आयुक्त अमित कुमार ने बिलासपुर एसडीएम को निगम के नाम उक्त कॉलोनी का नामांतरण करने पत्र लिखा है।

बिलासपुर शहर के बिलासपुर–रायपुर रोड में तिफरा सेक्टर डी मंडपम शादी घर के बाजू में जायसवाल बिल्डर की जायसवाल कॉलोनी है। यह कॉलोनी वर्ष 2003 में बनाई गई थी। इसे डेवलप करने के लिए पहले एसडीएम से अनुमति ली गई थी। जायसवाल भाइयों की संयुक्त भूमि पर यह कॉलोनी बनाई गई थी। एक भाई ने बिक्री के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया और एसडीएम की अनुमति के खिलाफ एडिशनल कलेक्टर के कोर्ट में अपील कर दी। एडिशनल कलेक्टर ने अपील की सुनवाई के बाद एसडीएम द्वारा कॉलोनी को बिक्री के लिए दी गई अनुमति को निरस्त कर दिया। इसके बाद संभागायुक्त कोर्ट में अपील की गई पर वहां से भी अनुमति खारिज हो गई। संभागायुक्त के कोर्ट से अपील खारिज होने के बाद पंचायत सचिव के पास अपील की। चूंकि उस वक्त वह एरिया ग्राम पंचायत के अधीन था इसलिए पंचायत सचिव के यहां अपील की गई थी। पर यहां भी कॉलोनी के डेवलपर केस हार गए। वर्ष 2019 में यह क्षेत्र नगर निगम में शामिल हो गया। यहां औद्योगिक क्षेत्र बनने से औद्योगिक विकास निगम ने कॉलोनी के बीच से सड़क बनाने का नक्शा बनाया और कॉलोनी के डेवलपर्स को मुआवजा देने की बात कही। मुआवजे को लेकर विवाद की स्थिति बनने पर यह मामला जिला प्रशासन और निगम के भी संज्ञान में आ गया।

समिति की रिपोर्ट में गड़बड़ी आई सामने

जिला प्रशासन और निगम की पड़ताल में जानकारी सामने आई कि कालोनाइजर ने शासन के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई है। यहां भूमि का अवैधतरीके से विक्रय किया गया है। जांच के लिए बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने नगर निगम आयुक्त अमित कुमार की अध्यक्षता में समिति गठित की। समिति ने पूरी जांच के बाद कॉलोनी विकास के नियमों का उल्लंघन करने पर छत्तीसगढ़ नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 की धारा 292 ग के अंतर्गत प्राधिकृत अधिकारी द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने एवं छत्तीसगढ़ नगर पालिका निगम अधिनियम 292– च ( अवैध कॉलोनी निर्माण की भूमि का प्रबंधन आयुक्त द्वारा अधिग्रहीत किया जाना) एवं 296 छ, ( अवैध कॉलोनी निर्माण वाली भूमि का समपहरण) के अंतर्गत कार्यवाही प्रस्तावित किए जाने की अनुशंसा की।

दावा आपत्ति और हुई सुनवाई

समिति की गई अनुशंसा के अनुसार आयुक्त नगर पालिक निगम बिलासपुर ने आम सूचना के माध्यम से दावा-आपत्ति आमंत्रित की. जिसमे प्रथम आम सूचना चार सितंबर 2025 में प्राप्त 30 दावा आपत्तियों, द्वितीय आम सूचना 19 सितंबर 2025 में प्राप्त 21 दावा आपत्तियों एवं तृतीय आम सूचना 14 अक्टूबर 2025 में प्राप्त 12 दावा आपत्तियों का निराकरण करते हुए व्यक्तिगत सुनवाई की गई है।

खसरा नम्बर की ये भूमि राजसात

प्राप्त दावा आपत्तियों के निराकरण एवं सुनवाई पश्चात गुण-दोष के आधार पर प्रकरण से संबंधित ग्राम तिफरा स्थित भूमि खसरा नं 1367/9, 1369/2, 1370/2. 1357, 1369/3, 1355/7, 1371, 1372/2, 1356/1, 1356/2, 1366/1, 1355/4. 1355/6, 1388, 1369/5, 1370/5, 1367/10, 1368/2, 1355/8, 1367/11, 1368/3, 1367/13, 1368/5, 1075/1ख, 1075/17, 1355/10, 1355/5, 1367/12, 1368/4. 1369/4, 1370/4, 1372/1 कुल रकबा 19.35 एकड़ की भूमि को छ.ग. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292-च (अवैध कॉलोनी निर्माण की भूमि का प्रबंधन आयुक्त द्वारा अधिग्रहित किया जाना) एवं 292 छ, (अवैध कॉलोनी निर्माण की भूमि का समपहरण) के अन्तर्गत अधिकार हक और हित के अधीन प्रबंधन अधिग्रहण किए जाने का आदेश आयुक्त नगर पालिका निगम बिलासपुर ने किया है।

प्राइवेट कॉलोनी राजसात करने का पहला मामला

जब कॉलोनी विकसित होती है तो विकास के एवज में निगम कॉलोनी के अंदर एक निश्चित एरिया की भूमि बंधक के रूप में छोड़ा जाता है। कॉलोनी का विकास जब पूरा हो जाता है तब इसे फ्री होल्ड किया जाता है। यदि कॉलोनी का विकास नहीं किया जाता तब यह बंधक भूमि निगम की ही हो जाती है और उसे रिलीज नहीं किया जाता। अब तक देखने में यह आता था कि सिर्फ बंधक भूमि को ही राजसात किया जाता था। पर पहली बार प्रदेश में ऐसा हो रहा है की पूरी की पूरी प्राइवेट कॉलोनी ही राजसात कर ली गई है। यह पूरी तरह से निजी भूमि थी। जिसे नियमों के उल्लंघन पर राजसात किया गया है।

बिक्री हो चुके है 50 प्लाट,बाकी बचे 80 प्लाटों की निगम करेगा बिक्री

उक्त कॉलोनी में 50 प्लाट बिक्री हो चुकी है. बाकी बचे लगभग 80 प्लाटों की बिक्री अब नगर निगम करेगा। यह कॉलोनी रायपुर–बिलासपुर मुख्य मार्ग पर मेन रोड में स्थित है। नेशनल हाईवे में मुख्य मार्ग से लगी कॉलोनी होने के चलते यहां जमीन काफी कीमती है। इसकी बिक्री से शासन को करोड़ों का राजस्व प्राप्त होगा। हालांकि पहले बिक चुके 50 प्लाटों का स्वामित्व वर्तमान में जिन्होंने रजिस्ट्री करा ली है उनके ही पास रहेगा। नगर निगम आयुक्त अमित कुमार ने बिलासपुर एसडीएम को निगम के नाम उक्त कॉलोनी का नामांतरण करने पत्र लिखा है।

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