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CG Principal Promotion News: प्राचार्य पदोन्नति विवाद, राज्य शासन ने रखा अपना पक्ष, कल भी होगी सुनवाई

लेक्चरर से प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति को लेकर दायर याचिकाओं पर हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच में आज भी सुनवाई हुई। राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जवाब पेश किया। पदोन्नति को लेकर आज दो और याचिका दायर की गई। नई याचिकाओं को पुरानी याचिकाओं के साथ मर्ज कर दिया है। सभी याचिकाओं की डिवीजन बेंच में एकसाथ सुनवाई हो रही है।

CG High Court News:
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Bilaspur High Court

By Radhakishan Sharma

CG Principal Promotion News: बिलासपुर। लेक्चरर से प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति को लेकर आधा दर्जन से ज्यादा याचिकाओं पर हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच में लगातार सुनवाई हो रही है। राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने पक्ष रखा। सोमवार को इसी मामले से संबंधित दो याचिका और दायर की गई। दोनों याचिकाओं को पूर्व की याचिकाओं में मर्ज करते हुए एकसाथ सुनवाई का निर्णय हाई कोर्ट ने लिया है। मंगलवार को याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी।

प्राचार्य पदोन्नति फोरम की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता अनूप मजूमदार, आलोक बख्शी,अमृतोदास, विनोद देशमुख से हाई कोर्ट ने पूछा कि याचिकाकर्ताओं ने राज्य शासन के मापदंडों को चुनौती दी है या फिर शासन के नियमों व निर्देशों का समर्थन करते हुए याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि लेक्चरर से प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति के लिए राज्य शासन ने जो मापदंड तय किया है उसी के अनुरुप प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी करने की मांगकरते हुए याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं का पक्ष सुनने के बाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की व्यवस्था की है। मंगलवार को हस्तक्षेप याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश की जाने वाली दलीलों को कोर्ट सुनेगा। हस्तक्षेप याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अपनी बात रखेंगे। छत्तीसगढ़ प्राचार्य पदोन्नति फोरम के अनिल शुक्ला ने बताया कि सुनवाई के दौरान प्राचार्य पदोन्नति फोरम के प्रतिनिधि के रूप में आकाश राय,विकाश नायक एवं एस के चिंचालकर व टीचर्स एसोसिएशन मनोज सनाढ्य, चंद्रशेखर गुप्ता उपस्थित थे।

11 जून से लगातार हो रही है सुनवाई-

11 जून से हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच में याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। शुक्रवार को भोजनावकाश से ठीक पहले याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने अपनी बहस पूरी की। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ताओं ने व्याख्याता से प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए बीएड की डिग्री की अनिवार्यता बताई और बीएड डिग्रीधारकों को ही प्राचार्य के पद पर पदोन्नति देने की मांग की। बीएड डिग्री के अलावा याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने प्रधान पाठक माध्यमिक विद्यालय से पदोन्नत व्याख्याता की वरिष्ठता के मुद्दे को भी समाने रखा। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं की बहस पूरी होने के बाद डिवीजन बेंच ने राज्य शासन तथा प्राचार्य पदोन्नति फोरम के द्वारा दायर हस्तक्षेप याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं द्वारा पेश किए जाने तर्कों को सुनेंगे।

प्राचार्य पदोन्नति को लेकर याचिका, डे-टू-डे अपडेट-

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने जब कोर्ट को बजाया कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी शिक्षकों को प्राचार्य पद पर ज्वाइन कराया गया। नाराज कोर्ट ने तब कहा था कि यह न्यायालयीन अवमानना का मामला बनता है। आगामी आदेश तक सभी ज्वाइनिंग को भी हाईकोर्ट ने अमान्य कर दिया था। प्राचार्य प्रमोशन को लेकर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं लगी है। एक मामला 2019 से जुड़ा हुआ है, जबकि दूसरा प्रकरण 2025 और बीएड-डीएलएड से जुड़ा है।

इन शिक्षकों ने दायर की है याचिका, हस्तक्षेप याचिका भी, आज भी दायर हुई दो याचिका-

पी गलिक राव, लक्ष्मी प्रसाद रबेठ, दूज राम खरे, संजय कुमार वखारिया,रुपनारायण कुशवाहा, अनुराग त्रिवेदी, अखिलेश त्रिपाठी, आनंद प्रसाद साहू,कोमल प्रसाद साहू, पुरुषोत्तम सिंह यदु।

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