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CG Politics News: कोल घोटाले पर कांग्रेस की PC, पूर्व सीएम ने कहा: क्या अब सुपारी लेकर फंसाने का काम हो रहा है?

CG Politics News: पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा, :अब जांच एजेंसियां खुद ही झूठे बयान और सबूत तैयार कर रही हैं। क्या अब सुपारी लेकर फंसाने का काम हो रहा है? एजेंसियां अदालत को दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेज़ बना रही हैं, और उन्हें न्यायिक बयान बताकर पेश कर रही हैं।

CG Politics News: कोल घोटाले पर कांग्रेस की PC, पूर्व सीएम ने कहा: क्या अब सुपारी लेकर फंसाने का काम हो रहा है?
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By Radhakishan Sharma

CG Politics News: रायपुर। प्रदेश के चर्चित कोयला घोटाला में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जांच एजेंसी एसीबी ईओडब्लू की जांच की मांग कांग्रेस पार्टी ने की। जांच एजेंसियों पर गंभीर आरोप पूर्व मुख्यमंत्री ने लगाए और अदालत को गुमराह करते हुए झूठे बयान गढ़ने का आरोप लगाया। उन्होंने जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़े करते हुए एजेंसियों पर झूठे बयान गढ़ निर्दोषों को फंसाने की बात कही।

आज कोयला घोटाला मामले में कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत, पीसीसी चेयरमैन दीपक बैज व पूर्व सीएम भूपेश बघेल साथ साथ नजर आए। पूर्व सीएम बघेल ने जांच एजेंसी की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुये कहा फैसला पहले से लिखा हुआ है फिर अदालत में सफाई कैसी? भूपेश बघेल ने कहा कि EOW के अधिकारी पहले से टाइप कर तैयार बयानों में दस्तखत करने के लिए गवाहों पर दबाव बना रहे हैं। प्रायोजित बयान को बीएनएस की धारा 183 के तहत दर्ज बयान बताया जा रहा है।

प्रक्रियाओं का घोर दुरुपयोग

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाते हुए है कि बयान दर्ज करने की कानूनी प्रक्रिया का अफसरों के द्वारा सरासर उल्लंघन किया गया है। अब जबकि BNS 183 के तहत बयान दर्ज करने की प्रक्रिया अधिक सख्त और पारदर्शी हो चुकी है, ऐसे में ACB द्वारा पेन ड्राइव से पूर्व-टाइप बयान कोर्ट के सिस्टम में अपलोड किया जाना कानून की दृष्टि से गंभीर चूक है।कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मजिस्ट्रेट के समक्ष कोई मौखिक या लिखित कार्यवाही नहीं हुई, जो न्यायिक प्रक्रिया की बुनियादी शर्त है।

बयानों के फ़ॉन्ट में अंतर का आरोप

EOW द्वारा कोर्ट में पेश किए गए निखिल चंद्राकर के बयान में तकनीकी विसंगतियां सामने आई हैं। दस्तावेज़ में दो अलग-अलग फॉन्ट्स पाए गए हैं और न्यायिक फॉर्मेट पूरी तरह गायब है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह बयान न तो कोर्ट परिसर में टाइप हुआ, न ही किसी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में, बल्कि किसी अन्य स्थान पर तैयार कर लिया गया। जिसके बाद उसे कोर्ट के दस्तावेजों में संलग्न कर दिया गया।

सीलबंद लिफाफा मीडिया तक कैसे पहुंचा?

कांग्रेस नेताओ ने यह भी सवाल उठाया कि जिस बयान को अदालत में सीलबंद लिफाफे में रखा गया था, वह मीडिया संस्थानों तक कैसे पहुंच गया। भूपेश बघेल ने कहा –“क्या अदालत में जमा गोपनीय दस्तावेज़ों का इस तरह लीक होना न्याय प्रक्रिया का मज़ाक नहीं है? जब तक इस पर जवाब नहीं मिलता, कांग्रेस इस मुद्दे को जनता के बीच उठाती रहेगी।

बघेल बोले अब जांच एजेंसियां खुद गढ़ रही झूठी कहानी

भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये तीखा हमला करते हुए लिखा –“अब जांच एजेंसियां खुद ही झूठे बयान और सबूत तैयार कर रही हैं। क्या अब सुपारी लेकर फंसाने का काम हो रहा है? एजेंसियां अदालत को दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेज़ बना रही हैं, और उन्हें न्यायिक बयान बताकर पेश कर रही हैं।” बघेल ने आरोप लगाया कि यह पूरा संचालन दिल्ली से नियंत्रित हो रहा है। उनके अनुसार, “स्थानीय अधिकारी अब छत्तीसगढ़ की जनता और नेताओं की बात नहीं सुनते, वे सिर्फ ऊपर से मिले निर्देशों पर काम कर रहे हैं।”

कांग्रेस ने कहा जवाब आने तक संघर्ष जारी

कांग्रेस ने फिलहाल किसी बड़े प्रदर्शन या आंदोलन की घोषणा नहीं की है, लेकिन पार्टी नेताओं का कहना है कि जब तक जांच एजेंसियों की भूमिका पर स्पष्टता नहीं आती, यह मामला जनता और अदालत – दोनों के बीच उठाया जाता रहेगा।

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