Begin typing your search above and press return to search.

CG Politics News: कांग्रेस अध्यक्ष का पद OBC या SC में फंसा, दिल्ली ले ले गए छह- छह नामों का पैनल, जानिए कौन सा दावेदार है मजबूत

CG Politics News: कांग्रेस पर्यवेक्षक छह- छह नामों का पैनल ले गए दिल्ली। जानिए दावेदारों में कौन है मजबूत।

CG Politics News: कांग्रेस अध्यक्ष का पद OBC या SC में फंसा, दिल्ली ले ले गए छह- छह नामों का पैनल, जानिए कौन सा दावेदार है मजबूत
X
By Radhakishan Sharma

CG Politics News: बिलासपुर। कांग्रेस में संगठन चुनाव के लिए चल रहे सृजन अभियान के तहत पार्टी पर्यवेक्षक अपने साथ छह- छह नामों का पैनल लेकर गए हैं। हर पैनल में अधिकतम छह नाम ही रहेंगे, इससे कम चल जाएंगे। बिलासपुर जिले के दो अध्यक्ष और मुंगेली के अध्यक्ष के नामों का पैनल देने के लिए 24 अक्टूबर की तारीख तय की गई है, मगर संकेत मिल रहा है कि दिवाली के पहले ही हाईकमान के पास रिपोर्ट जमा हो जाएगी। इस रिपोर्ट के साथ पर्यवेक्षक अपना फीड बैक भी देंगे, जो उन्होंने दौरे के वक्त सामाजिक संगठनों से मुलाकात में हासिल किया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महामंत्री प्रशासन के.वेणुगोपाल इस रिपोर्ट को लेकर राहुल गांधी के साथ बैठेंगे और फिर नए जिला अध्यक्षों की घोषणा दिवाली के पहले या बाद में हो सकती है।

पर्यवेक्षक की रिपोर्ट के आधार पर बिलासपुर शहर जिला अध्यक्ष, बिलासपुर जिला ग्रामीण अध्यक्ष और मुंगेली जिला अध्यक्ष का फैसला होना है। ग्रामीण में इस बार दो जिला अध्यक्ष दिए जा सकते हैं। बिलासपुर शहर जिला अध्यक्ष का पद सामान्य को ही देने की चर्चा चल रही है। जबकि ग्रामीण जिला अध्यक्ष का समीकरण मुंगेली और जांजगीर में तय होने वाले नामों से प्रभावित रहेगा। पार्टी ओबीसी और एससी में संतुलन बना कर चलना चाह रही है। यदि मुंगेली को ओबीसी जिला अध्यक्ष दिया जाता है तो बिलासपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष में एक नाम एससी यानी अनुसूचित जाति का बनना लगभग तय हो जाएगा। इससे साथ ही जांजगीर में जिला अध्यक्ष सामान्य या ओबीसी से चुना जा सकता है। पार्टी का एक खेमा चाहता है कि बिलासपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष का पद ओबीसी को ही दिया जाना चाहिए, क्योंकि ओबीसी वोटरों की बहुतायत है। बिलासपुर जिले में अब तक रहे जिला अध्यक्षों में चर्चित नाम बोधराम कंवर, रामाधर कश्यप, लक्ष्मण मुकीम, बैजनाथ चंद्राकर, अरुण तिवारी, अनिल टाह और राजेंद्र शुक्ला रहे हैं। वर्तमान जिला अध्यक्षों का कार्यकाल लंबा हो चुका है, इसलिए इनकी वापसी की संभावना लगभग खत्म हो चुकी है। दौरे पर आए पर्यवेक्षकों के सामने कुछ कांग्रेसियों ने इनके कार्यकाल में चुनाव में असफलता के साथ भूपेश बघेल की सरकार के कार्यकाल में भी जिले में संगठन खड़ा नहीं कर पाने को मुख्य मुद्दा बनाया था। भूपेश बघेल की सरकार आते ही 2019 की लोकसभा चुनाव में भी संगठन मजबूत नहीं दिखा और पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद पिछले लोकसभा, विधानसभा, नगरीय निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव में भी यही नतीजा दोहराया गया।

नए जिला अध्यक्षों में किनकी दावेदारी

पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट में किनका नाम देंगे, यह किसी को नहीं पता। फिर भी उनके दौरे के बीच उभरे समीकरण में जिन नामों की दावेदारी ज्यादा मजबूत है, उनमें पूर्व विधायक शैलेष पांडेय का भी नाम है। श्री पांडेय सिंहदेव समर्थक हैं और चुनाव हारने के बाद से संगठन में दमदार वापसी की तैयारी में जुटे हुए हैं। खुद पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव भी चाहते हैं कि शैलेष जिला अध्यक्ष बनें। श्री सिंहदेव पर्यवेक्षक के साथ दौरे पर थे। जबकि कांग्रेसी पारिवारिक पृष्ठभूमि से शिवा मिश्रा का नाम लिया जा रहा है। उनके पिता श्रीधर मिश्रा और दादा रामदुलारे मिश्रा विधायक रह चुके हैं। साथ ही मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित श्यामाचरण शुक्ल के परिवार से उनकी रिश्तेदारी भी है। इसी तरह आंदोलनों से जुड़ाव रखने वाले महेश दुबे की दावेदारी भी कम नहीं है। चाहे हवाई सेवा आंदोलन हो, रेल जोन की मांग का आंदोलन हो, राज्य बनाने की मांग का आंदोलन हो, सभी में महेश का नाम दिखा है। कट्टर कांग्रेसी माने जाने वाले महेश की राजनीति के साथ सामाजिक और धार्मिक आयोजनों में खासी पकड़ है। हाल ही में सबसे बड़ी दुर्गा प्रतिमा के लिए चर्चा में रहे आदर्श दुर्गा पंडाल के आयोजन में महेश का ही नाम आता है। एनएसयूआई पृष्ठभूमि से सुधांशु मिश्रा का नाम चर्चा में है, सरकंडा पार से यह नाम भी ठीकठाक दावेदारी कर रहा है।

ग्रामीण में संगठन में वापसी करने वाले नाम भी

बिलासपुर ग्रामीण जिला कांग्रेस अध्यक्ष के लिए भी दावेदारों की लिस्ट लंबी है। इसमें हाल ही में संगठन में वापसी करने वाले सीमा पांडेय की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। महिला वर्ग से एकमात्र नाम चर्चा में है, ये महिला जिला कांग्रेस की कमान संभाल चुकी हैं। इनके अलावा पूर्व महापौर रामशरण यादव, विनोद साहू, आशीष सिंह ठाकुर, प्रमोद नायक, राजेंद्र साहू डब्बू के नाम ओबीसी के रूप में दावे कर रहे हैंं। जबकि एससी यानी अनुसूचित जाति वर्ग में मस्तूरी के वर्तमान विधायक दिलीप लहरिया का नाम तेजी से सामने आया है। इनके अतिरिक्त पामगढ़ के जिला पंचायत सदस्य रहे प्रेमचंद जायसी, युवक कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी रहे महेंद्र गंगोत्री का नाम है। महेंद्र शहर के सीएमडी कॉलेज के छात्र नेता भी रहे हैं।

Next Story