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CG PMAY: रिश्वत का ऑडियोः CM की चेतावनी का असर नहीं, PM आवास के लिए 25 हजार का चाहिए चढ़ावा, कलेक्टर से शिकायत, सुनिये ऑडियो

CG PMAY: छत्तीसगढ़ में सरकार मुलाजिम कितने ढीठ हो गए हैं कि न तो उन्हें एसीबी से ट्रेप होने का डर रह गया है और न ही मुख्यमंत्री की चेतावनियों का। पीएम आवास को लेकर मुख्यमंत्री के तेवर बड़े सख्त हैं, उन्होंने पहले भी इस बारे में कलेक्टरों को कड़े निर्देश दिए थे और सुशासन तिहार में भी सीधे सस्पेंड करने की चेतावनी दे रहे हैं...बावजूद इसके भ्रष्ट सिस्टम चेत नहीं रहा है। बेमेतरा जिले के इस मामले का ऑडियो शिकायकर्ता ने एनपीजी न्यूज को भेजा है...उसमें महिला रोजगार सहायक सीधे बोल रही कि जिसको जितना दिए हो, उससे मुझे मतलब नहीं, आवास का जियो टैग करने के लिए मुझे 25 हजार चाहिए ही। नीचे सुनिये ऑडियो...

CG PMAY: रिश्वत का ऑडियोः CM की चेतावनी का असर नहीं, PM आवास के लिए 25 हजार का चाहिए चढ़ावा, कलेक्टर से शिकायत, सुनिये ऑडियो
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By Sandeep Kumar

CG PMAY: रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पीएम आवास को लेकर तीखे तेवर अख्तियार किए हुए हैं। कलेक्टर कांफ्रेंस में उन्होंने साफ तौर पर चेताया था कि पीएम आवास में एक रुपए की भी किसी ने रिश्वत मांगी तो कलेक्टर सस्पेंड किए जाएंगे। कल कोरबा में भी उन्होंने इसे दोहराया। मगर सरकार मुलाजिमों को करप्शन का ऐसा चस्का लग गया है कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।

पीएम आवास के लिए रिश्वत मांगे जाने की शिकायत का यह ताजा मामला बेमतरा जिले की है। शिकायतकर्ता ने कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को लिखित शिकायत करते हुए ऑडियो भी सौंपा है, जिसमें रोजगार सहायिका द्वारा आवास के एवज में सीधे-सीधे पैसे की डिमांड की जा रही है।

ऑडियो में हितग्राही से कहा जा रहा है कि 25000 की रिश्वत देने पर ही उसे योजना में मिलने वाली किस्त का भुगतान किया जाएगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी ललित पाटिल पिता बुलाकी पाटिल ने कलेक्टर और मुख्य कार्यापालन अधिकारी को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री आवास योजना में रिश्वतखोरी की शिकायत की है। पीड़ित ललित पाटिल की शिकायत के मुताबिक, ग्राम एरमशाही पो.घुरसेना, तहसील नांदघाट का निवासी है। उसकी पत्नी अनिता पाटिल के नाम से प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ है, जिसमें प्रथम किस्त की राशि प्राप्त हो चुकी है। उसके द्वारा आवास का छत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही उसके द्वारा रोजगार सहायक के पति को 10000 की रिश्वत भी दिया गया है। अब जियो टैग के नाम पर आवास मित्र व रोजगार सहायक के द्वारा फिर से 25000 की रिश्वत मांगी जा रही है। रिश्वत नहीं देने पर जीयो टैग नहीं किया जा रहा है। पीड़ित ने कलेक्टर से मांग की है कि वो एक निर्धन परिवार से है और 25000 रिश्वत देने में असमर्थ भी, जिसकी वजह से उसका मकान का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है।

आप भी सुनिये ऑडियो...


Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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