CG Paddy News: सीएस के फरमान पर मंत्रालय के समूचे सेक्रेटरी सड़क पर उतरे, सीधे CS को रिपोर्ट करेंगे, इस टॉप प्रायरिटी के विषय पर सिस्टम गंभीर
CG Paddy News: छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव विकास शील ने सभी प्रभारी सचिवों को मैदान पर उतार दिया है। आज डेढ़ दर्जन से अधिक सिकरेट्रीज अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर कलेक्टरों के साथ दिन भर मीटिंग, निरीक्षण करते रहे। सभी प्रभारी सचिव सीधे मुख्य सचिव को रिपोर्ट करेंगे।

CG Paddy News: रायपुर। मुख्य सचिव विकास शील के निर्देश पर बड़ी संख्या में मंत्रालय के सचिव अपने प्रभार वाले जिलों में निकल पड़े। चीफ सिकरेट्री ने सचिवों को तीन दिन का टाईमलाइन दिया था। 15 से 17 नवंबर के बीच सारे सचिव मैदान में होने चाहिए।
दरअसल, ऐन धान खरीदी की शुरूआत में समिति प्रबंधकों की हड़ताल ने सिस्टम को हिला दिया। इसके लिए व्यापक तौर पर कार्रवाइयां शुरू हुई। रायपुर, बलौदा बाजार, बिलासपुर, दुर्ग समेत कई जिलों में बड़ी संख्या में समिति प्रबंधकों को सस्पेंड और बर्खास्त किया गया है। इस बार विचित्र बात ये हुई कि सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल को देखते राजस्व, कृषि और पंचायत विभाग के कर्मियों की वैकल्पिक ड्यूटी लगाई गई, कई जगहों पर वे भी हड़ताल का समर्थन करते हुए धान खरीदी केंद्रों में उपस्थित नहीं हुए। इसको देखते सरकार ने एस्मा लागू कर दिया। कई जिलों में कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
एक्शन में चीफ सिकरेट्री
धान खरीदी में विषम परिस्थिति को देखते मुख्य सचिव विकास शील ने सभी सचिवों को आदेश दिया कि वे अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर धान खरीदी की स्थिति का आंकलन करें। उन्होंने इसके लिए तीन दिन का वक्त दिया था। 15 से 17 नवंबर। इस तीन दिन के भीतर सविवों को अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर कलेक्टरों के साथ मीटिंग करना और कम-से-कम 10 धान खरीदी केंद्रों का निरीक्षण कर उसकी रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय को भेजने कहा था। चूकि 15 और 16 नवंबर धान खरीदी के शुरूआती दिन के होने के साथ अवकाश भी थे, इसलिए धान खरीदी केंद्रों में खास चहल-पहल नहीं रही। आज 17 नवंबर को अधिकांश सिकरेट्री अपने प्रभार वाले जिलों में गए और खरीदी केंद्रों का मुआयना किया।
क्यों भेजा प्रभारी सचिवों को जिले में?
मुख्य सचिव द्वारा प्रभारी सचिवों को मैदान पर उतारने का एक मकसद ये भी था कि संदेश जाए कि समितियों की हड़ताल के बाद भी सरकार धान खरीदी को लेकर गंभीर है। दूसरा कलेक्टरों को भी बताना था कि सरकार इसको लेकर संजीदा है, टॉप प्रायरिटी देकर धान खरीदी कराएं। फिर कुछ कलेक्टर नए या फिर कमजोर परफर्मेंस वाले हैं। प्रभारी सचिवों के जिलों में जाने से कलेक्टर रिचार्ज हो जाएंगे। जिले की छोटी-मोटी कोई दिक्कतें होंगी तो वो भी प्रभारी सचिवों की नोटिस में आ जाएगी। प्रभारी सचिव सीधे मुख्य सचिव को रिपोर्ट करेंगे, इसलिए कोई कमियां होगी तो उसका शीघ्र्र निराकरण किया जा सकता है।
