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CG News: ये है मनरेगा का पंचायत दर्पण: QR कोड सिस्टम से हर काम का मिलेगा पूरा हिसाब, केंद्र सरकार ने की तारीफ…

CG News: छत्तीसगढ़ के पंचायत विभाग ने एक ऐसा दर्पण तैयार किया है, इसमें केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के काम का एक एक हिसाब नजर आता है। कामकाज का ब्यौरा देखने के लिए आपको क्यूआर कोड स्कैन करना होगा। यह करते ही आपके सेलफोन के स्क्रीन पर मनरेगा के बजट व कार्यों की जानकारी दिखाई देने लगेगी।

CG News: ये है मनरेगा का पंचायत दर्पण: QR कोड सिस्टम से हर काम का मिलेगा पूरा हिसाब, केंद्र सरकार ने की तारीफ…
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By Anjali Vaishnav

CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ के पंचायत विभाग ने एक ऐसा दर्पण तैयार किया है, इसमें केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के काम का एक एक हिसाब नजर आता है। कामकाज का ब्यौरा देखने के लिए आपको क्यूआर कोड स्कैन करना होगा। यह करते ही आपके सेलफोन के स्क्रीन पर मनरेगा के बजट व कार्यों की जानकारी दिखाई देने लगेगी। पंचायत विभाग ने इसका नाम रखा है, पंचायत दर्पण। इसके पीछे केंद्र सरकार की योजना में पूरी तरह पारदर्शिता बरतना माना जा रहा है।

मनरेगा में QR कोड पहल अत्यंत सफल रही है। बहुत ही कम समय में इसे सभी ग्राम पंचायतों में स्थापित कर दिया गया है। अब तक 2 लाख से अधिक स्कैन किए जा चुके हैं। हाल ही में भारत सरकार में आयोजित बैठक में इस पहल की विशेष प्रशंसा की गई है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ने प्रदेश में डिजिटल युग की ओर कदम बढ़ाते हुए ग्रामीण विकास में एक नई पहल की शुरुआत की है।

केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त योजना से शुरू हुई QR कोड सिस्टम से मनरेगा के कामकाज में पारदर्शिता आएगी। मनरेगा कमिश्नर तारण प्रकाश सिन्हा ने इस सिस्टम को पंचायत दर्पण' नाम दिया है। इस दर्पण को स्कैन करने पर बीते पांच वर्षों में स्वीकृत सभी व्यक्तिगत और सामुदायिक कार्यों की जानकारी, कार्य का विवरण, खर्च और प्रगति का पूरा डेटा कम्प्यूटर या फिर मोबाइल के स्क्रीन पर दिखाई देने लगेगा।

मनरेगा का उद्देश्य गांव में ही लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है। योजना के क्रियान्यवन के लिए केंद्र व रासजय सरकार बजट तय करती है। आमतौर पर किस मद में कितनी राशि दी गई और क्या काम हुए। मजदूरों को कितना भुगतान हुआ, इसकी जानकारी नहीं मिलती थी। सरपंच और सचिवों पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहे हैं। जानकारी मांगने पर भी पंचायतें हिसाब नहीं देती थी। आरटीआई के सहारा लेना पड़ता था।

अब QR कोड स्कैन कर काम का हिसाब देख सकेंगे। लागत, मजदूरों की संख्या, भुगतान, तकनीकी स्वीकृति जैसी जानकारी एक नजर में सामने आ जायेगी।

राज्य की 8 हजार पंचायतों में लगा QR कोड

क्यूआर कोड चस्पा किए गए कमिश्नर महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना तारण प्रकाश सिन्हा ने बताया कि प्रदेश की 11 हजार ग्राम पंचायतों में से 8 हजार में QR कोड लगा दिए गए हैं।

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