CG News: EE सस्पेंड, वित्तीय अनियमितता बरतने वाले कार्यपालन अभियंता को राज्य सरकार ने किया निलंबित
CG News: सुरक्षानिधि को कार्य पूरा हुए बिना और समय सीमा खत्म होने से पहले ठेकेदार को वापस लौटा गंभीर वित्तीय अनियमितता बरतने वाले कार्यपालन अभियंता विजय जामनिक को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

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जशपुर। छत्तीसगढ़ जलसंसाधन विभाग में एक बड़ा वित्तीय घोटाला उजागर हुआ है। जशपुर संभाग में सुसडेगा व्यपवर्तन योजना के अंतर्गत ठेकेदार को करोड़ों रुपये की अतिरिक्त सुरक्षा निधि समय से पूर्व जारी कर दी गई। इस गंभीर वित्तीय अनियमितता और लापरवाही के मामले में शासन ने तत्कालीन कार्यपालन अभियंता विजय जामनिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और विभागीय जांच के आदेश जारी किए हैं।
साल 2021 में अनुबंध क्रमांक 19 डी.एल./2020-21 (दिनांक 15 फरवरी 2021) के अंतर्गत योजना का काम शुरू किया गया था। इसके लिए ठेकेदार द्वारा कुल 2,93,90,000 (दो करोड़ तिरानबे लाख नब्बे हजार रुपये) की अतिरिक्त सुरक्षा निधि जमा की गई थी। नियमों के अनुसार यह राशि कार्य पूर्ण होने और पूर्णता प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही वापस की जानी थी। लेकिन जांच में सामने आया कि तत्कालीन कार्यपालन अभियंता विजय जामनिक ने नियमों का उल्लंघन करते हुए ठेकेदार की दो एफडीआर समय से पहले ही रिलीज कर दीं जिनमें-
• एफडीआर संख्या 1764903 (1,46,95,000 रुपए)
• एफडीआर संख्या 1764904 (1,46,95,000 रूपये )
इस तरह ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुँचाया गया, जबकि कार्य की प्रगति अधूरी थी।
कार्य प्रगति मात्र 60 प्रतिशत-
विभागीय निरीक्षण में पाया गया कि अनुबंधित कार्य की प्रगति अब तक सिर्फ 60 प्रतिशत ही है। ठेकेदार द्वारा शेष कार्य को पूरा करने के लिए गंभीर प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में यदि कार्य अधूरा रह जाता है, तो विभाग जमा सुरक्षा निधि को राजसात करने में सक्षम नहीं होगा, जिससे विभागीय हितों को भारी नुकसान पहुँचेगा। यह सीधे तौर पर शासन की वित्तीय पारदर्शिता और अनुशासन पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
शासन की कार्रवाई-
राज्य शासन ने इस मामले को वित्तीय अनियमितता, अनुशासनहीनता और गंभीर लापरवाही मानते हुए कड़ी कार्रवाई की है। कार्यपालन अभियंता विजय जामनिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय मुख्य अभियंता, महानदी गोदावरी कच्छार, जल संसाधन विभाग, रायपुर निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। साथ ही शासन ने इस पूरे प्रकरण की विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं
