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CG News: विष्णुदेव सरकार में रजिस्टर्ड किसानों से होगी सरकारी धान खरीदी, एग्रीस्टेक और एकीकृत किसान पोर्टल में ऑनलाइन हो रहा किसानों का पंजीकरण

CG News: मर्थन मूल्य पर धान खरीदी किए जाने के लिए समुचित एवं पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के प्रयास में सरकार और प्रशासन जुट गए हैं। खरीफ वर्ष 2025-26 में किसानों का पंजीकरण एग्रीस्टेक पोर्टल के साथ-साथ एकीकृत किसान पोर्टल में किया जाएगा

CG News: विष्णुदेव सरकार में रजिस्टर्ड किसानों से होगी सरकारी धान खरीदी, एग्रीस्टेक और एकीकृत किसान पोर्टल में ऑनलाइन हो रहा किसानों का पंजीकरण
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By Sandeep Kumar

CG News: रायपुर। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में पंजीकृत किसानों से भारत सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर धान खरीदी किए जाने के लिए समुचित एवं पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के प्रयास में सरकार और प्रशासन जुट गए हैं। खरीफ वर्ष 2025-26 में किसानों का पंजीकरण एग्रीस्टेक पोर्टल के साथ-साथ एकीकृत किसान पोर्टल में किया जाएगा। किसान पंजीकरण का कार्य निर्धारित समय-सीमा में संपन्न करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिए गए।

किसानों को उनके द्वारा समर्थन मूल्य पर बेचे गए धान का भुगतान समय पर प्राप्त हो, इसके लिए आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। धान उपार्जन के लिए आवश्यक नये एवं पुराने जूट बारदाने की व्यवस्था समयानुसार सुनिश्चित की जा रही है। धान की रिसाइक्लिंग रोकने हेतु प्रभावी प्रबंध करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध धान की रोकथाम के लिए विशेष जाँच दल गठित करने के निर्देश अफसरों को दिए गए हैं।

फसल प्रविष्टियों का त्रिस्तरीय सत्यापन

खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में धान उपार्जन से पूर्व राज्य शासन ने फसल प्रविष्टियों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए त्रिस्तरीय सत्यापन प्रक्रिया लागू की है। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के निर्देशानुसार एग्रीस्टेक पोर्टल और भुईंया सॉफ्टवेयर में दर्ज प्रविष्टियों का 5 प्रतिशत रैंडम सत्यापन मोबाइल पीवी ऐप के माध्यम से किया जाएगा। यह कार्य तीन चरणों में सम्पन्न होगा। पहले चरण में चयनित खसरों का भौतिक सत्यापन राजस्व एवं कृषि विभाग के फील्ड अधिकारी करेंगे। गलत प्रविष्टियां पाए जाने पर 31 अक्टूबर 2025 तक सुधारना अनिवार्य होगा। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि धान खरीदी के लिए इस बार गिरदावरी का कार्य पूरी तरह ऑनलाइन किया जाएगा। जहां ऑनलाइन सर्वे संभव नहीं है, वहां ऑफलाइन सर्वे कर जानकारी को भुईंया ऐप में अद्यतन किया जाए। उन्होंने कहा कि त्रुटियों का सुधार केवल भौतिक सत्यापन के आधार पर ही किया जाएगा और सभी अधिकारी 15 अक्टूबर तक निर्धारित प्रविष्टियों का सत्यापन कार्य पूर्ण करें।

मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में हुआ नीति निर्धारण

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में धान खरीदी एवं कस्टम मिलिंग की नीति निर्धारण से संबंधित निर्णय लेने हेतु गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक मंत्रालय महानदी भवन में संपन्न हुई। बैठक में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री ओपी चौधरी तथा राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा मौजूद थे। इसके अलावा बैठक में सचिव खाद्य विभाग रीना बाबा साहेब कंगाले, सचिव वित्त विभाग मुकेश बंसल, सचिव वाणिज्य एवं उद्योग विभाग रजत कुमार, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ किरण कौशल, संयुक्त सचिव कृषि विभाग राहुल देव तथा प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक के. एन. कांडे उपस्थित थे।

खाद्यान्न सुरक्षा के दायरे में पौने तीन करोड़ लोग

छत्तीसगढ़ में लगभग 2.73 करोड़ खाद्यान्न सुरक्षा के दायरे में आ चुके हैं, इन्हें नियमित रूप से खाद्यान्न सामग्री उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से वितरित की जा रही है। इनमें प्राथमिकता में शामिल 73.41 लाख परिवारों को निःशुल्क तथा 8.5 लाख गरीबी रेखा से ऊपर जीवन यापन करने वाले परिवारों को रियायती दर पर चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। खाद्य विभाग द्वारा सितंबर माह के लिए खाद्य विभाग द्वारा 2.63 लाख टन चांवल, 10,181 टन नमक, 6,254 टन चना और 7,288 टन शक्कर का आबंटन जारी किया गया है।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में 14,040 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हो रही हैं और पंजीकृत राशन कार्डधारियों द्वारा अपनी पसंद के उचित मूल्य की दुकानों से राशन प्राप्त कर रहे हैं। वर्ष 2025 की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार 89 प्रतिशत जनसंख्या का कव्हरेज हो रहा है। राशन वितरण को पारदर्शी बनाने के लिए आधार सिडिंग का कार्य भी किया जा रहा है। जिसके तहत् 99.7 प्रतिशत सदस्यों का आधार सीडिंग हो चुका है और 83 प्रतिशत ई-केवाईसी भी पूर्ण कर लिया गया है।

किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 15 नवम्बर से शुरू

कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से होगी धान उपार्जन की सतत निगरानी

शासन द्वारा धान उपार्जन एवं निराकरण प्रक्रिया में संभावित अनियमितताओं को नियंत्रित करने के उद्देश्य से विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर ‘इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर’ की स्थापना का निर्णय लिया गया है।

इसके क्रियान्वयन हेतु जिला स्तर पर भी कंट्रोल एंड कमांड सेंटर स्थापित किये जा रहे हैं। इस संदर्भ में मोबाइल एप के माध्यम से विभिन्न प्रकार के अलर्ट के निराकरण की प्रक्रिया पर संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इस हेतु पर्याप्त मानव संसाधन एवं तकनीकी अधोसंरचना की उपलब्धता के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन जिला अधिकारियों को प्रदान किया गया है, जिसे निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूर्ण करना अनिवार्य किया गया है।

किसानों की सुविधा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु विशेष प्रशिक्षण

उपार्जन केंद्रों में धान के उचित रखरखाव एवं किसानों की सुविधाओं के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने हेतु उपार्जन केंद्र प्रभारियों और सहकारिता विभाग के अधिकारियों को भी प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

गौरतलब है कि सरकार द्वारा किसानों से एक-एक दाना धान खरीदे जाने की प्रतिबद्धता को पूर्ण करने के लिए समिति एवं जिला स्तर के अधिकारियों की संवेदनशीलता और तत्परता अपेक्षित है। इसी अनुक्रम में, धान उपार्जन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा या समस्या का तत्काल निराकरण किया जाए।

संवेदनशील केंद्रों पर विशेष निगरानी और उड़नदस्ता दल की तैनाती

प्रदेश के उपार्जन केंद्रों को पूर्व वर्षों में दर्ज प्रकरणों और संभावित अनियमितताओं के आधार पर अतिसंवेदनशील, संवेदनशील और सामान्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।

जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशील तथा अतिसंवेदनशील उपार्जन केंद्रों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इन केंद्रों पर पृथक नोडल अधिकारी नियुक्त किये जाएंगे, जो समय-समय पर उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण करेंगे।

इसके अलावा इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से प्राप्त अलर्ट संदेशों के आधार पर उड़नदस्ता दल द्वारा तत्काल कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश के सीमावर्ती उपार्जन केंद्रों में पर्याप्त चेक पोस्ट की स्थापना की जा रही है ताकि अवैध धान की आवक को रोका जा सके। इस संबंध में सभी जिलों को अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

टोकन व्यवस्था, प्रशिक्षण और ट्रायल रन की समय-सारणी तय

प्रशिक्षणार्थियों को प्रस्तावित टोकन व्यवस्था (ऑनलाइन तथा समिति के माध्यम से) के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही, संग्रहण केंद्रों में धान के उचित रखरखाव के लिए भी आवश्यक निर्देश प्रसारित किए गए।

जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा 25 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2025 के मध्य जिला एवं अनुविभाग स्तर पर धान उपार्जन विषयक प्रशिक्षण आयोजित किया गया। 4 नवम्बर से 7 नवम्बर 2025 के बीच उपार्जन केंद्रों में ट्रायल रन किया जाएगा तथा 9 नवम्बर 2025 से टोकन आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ होगी। सभी जिलों को 30 अक्टूबर 2025 तक धान उपार्जन से संबंधित सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।

एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीयन के फायदे

एग्रीस्टैक पोर्टल पर किसान आईडी बनवाने से किसानों को धान खरीदी, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, किसान क्रेडिट कार्ड, उर्वरक अनुदान, प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, कृषि मशीनीकरण योजना एवं मुख्यमंत्री किसान सहायता योजना जैसी अनेक केंद्र एवं राज्य शासन की योजनाओं का लाभ सीधे प्राप्त होगा। किसान स्वयं मोबाइल ऐप से ऑनलाइन पंजीयन कर सकते हैं। साथ ही, स्थानीय सीएससी सेंटर, सेवा सहकारी समिति एवं पटवारी कार्यालयों के माध्यम से भी निःशुल्क पंजीयन की सुविधा उपलब्ध है।





Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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