CG News: शिक्षक होकर किया ऐसा छल! मां की संपत्ति हड़पने पर महिला आयोग की फटकार- गुरुजी के नाम पर कलंक हो
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और सदस्य के अलावा जनसुनवाई के दौरान उपस्थित लोग यह सुनकर दंग रह गए कि एक शिक्षक ने अपनी मां का अनपढ़ होने का बेजा लाभ उठाते हुए संपत्ति अपने नाम कर ली। आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक यह देखकर ना केवल नाराज हो गईं साथ ही भी कह दिया कि तुम तो गुरुजी के नाम पर कलंक हो। अपने ही मां और खून के रिश्तों के भरोसे को तार-तार कर दिया है।

जगदलपुर। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न संबंधी मामलों की सुनवाई की।10 मामले की सुनवाई आयोग ने की। इस दौरान एक शिक्षक बेटे की अध्यक्ष ने जमकर क्लास लगाई। यहां दो भाइयों के बीच पुस्तैनी जमीन और मां की सेवा करने को लेकर जनसुनवाई थी। जिसमें बड़े बेटे ने कहा कि मेरी मां मर गई थी, मैंने उन्हें जिंदा किया है। बेटे ने कहा कि, जब मैं पांचवीं क्लास में था तब मेरे पैसों से पिताजी ने जमीन खरीदी थी। बेटे के इस तर्क पर किरणमयी नायक ने उन्हें जमकर फटकार लगाई और कहा कि आप को शर्म आनी चाहिए शिक्षक के नाम पर कलंक हो।
मां की सेवा करने और गरीब किसान भाई की मदद करने की बजाय संपत्ति हड़प लिए । शिक्षक होकर भी ऐसा कृत्य कर रहे हो तो बच्चों और समाज को क्या शिक्षा दोगे? दरअसल, मामला बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक का है। 90 साल की महिला अपने छोटे किसान बेटे के साथ रह रही थी। करीब साल-डेढ़ साल पहले लेक्चरर बेटा अपनी मां को अपने साथ ले गया था। उसके बुढ़ापे और अशिक्षित होने का फायदा उठाकर डेढ़ एकड़ पैतृक जमीन और पैतृक मकान को अपने नाम करवा लिया। जब छोटे बेटे को इसकी जानकारी मिली तो उसने इसपर आपत्ति दर्ज कराई। इसे लेकर दोनों भाइयों के बीच विवाद शुरू हो गया।
बड़े बेटे ने अपने छोटे किसान भाई को सबक सिखाने के लिए मां के नाम पर राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज करवा दी थी। शिक्षक का यह दांव उलटा पड़ गया है। अन्य प्रकरण आवेदिका और अनावेदक अपने ग्यारह वर्षीय पुत्र को लेकर आयोग में उपस्थित हो कर वो बहाने कर रहा है और अपने दूसरे विवाह को स्वीकार करने के बाद आवेदिका का चरित्र ध्वस्त करने का प्रयास कर रहा है। आयोग की ओर से अनावेदक क्र. 01 मुक्तांजली वाहन जगदलपुर में (ढिमरापाल मेडिकल कॉलेज) में कार्य करता है। उसके मेडिकल कॉलेज में कार्य सेवा समाप्त करने का अनुशंसा भेजा जायेगा तथा अनावेदिका 02 जो शास. कोमलदेव हॉस्पिटल ने नर्स के पद पर कार्यरत है, उसकी सेवा समाप्ति की अनुशंसा इसलिये किया जायेगी क्योकि उसने विवाहित व्यक्ति से दूसरा विवाह किया है और आवेदिका का जीवन खराब किया है।
इस स्तर पर दोनो अनावेदक ने अपनी गलती स्वीकार किया और दोनो ने प्रस्ताव दिया कि दोनो मिलकर 10,000/- दोनो बच्चों और पत्नी की परवरिश के लिये प्रतिमाह देंगे और अनावेदक क्र. 01 प्रोटेक्शन ऑफिसर के साथ जाकर अपने 11 वर्षीय पुत्र को आवेदिका को देगा। वो उसके सारे गहने, दस्तावेज और सामान आवेदिका को सुपुर्द करेगा तथा अपना आधार कार्ड की कापी दोनो बच्चों के समस्त दस्तावेज आवेदिका को सुपुर्द करेगा और इस बात को भी सुनिश्चित करेगा कि आवेदिका के साथ कोई भी दुर्व्यवहार न करे। इस प्रकरण से पीओ वीनू हिरवानी को नियुक्त किया जाता हैं कि प्रतिमाह आवेदिका को भरण पोषण मा की 10 तारीख तक मिल रहा है कि नहीं सुनिश्चित करें और इस प्रकरण की नियमित देखरेख मान शोरी जी और मान. मंडावी मैडम करेंगें अनावेदक गणों के द्वारा कभी भी भरण पोषण में लापरवाही किये जाने पर दोनो अनावेदिकगणों की सेवा समाप्ति की अनुशंसा किया जायेगा।
आवेदिकाको बच्चे व सामान मिलने के पश्चात प्रकरण नस्तीबद्ध किया जायेगा। आवेदिका को आर्डरशीट की निःशुल्क प्रति पीओ और आवेदिका को दिया गया।