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CG News: शिक्षा मंत्री जी जरा सुनिए! छुट्टी मना रही मैडम से परेशान ग्रामीणों को बीईओ साहब ने थमा दिया आपका पता...46 दिन से अवकाश मना रही हैं शिक्षिका, ऐसे में कैसे सुधरेगा बच्चों का भविष्य

CG News: गरियाबंद। गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक के राजपुर प्राथमिक शाला में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। इस शिक्षा सत्र में अब तक 66 दिन स्कूल खुला, लेकिन स्कूल में पदस्थ शिक्षिका अनुसुइया चंद्राकर बमुश्किल 20 दिन स्कूल पढ़ाने पहुंचीं। स्थिति यह है कि स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व में भी शिक्षिका मौजूद नहीं रहीं। स्कूल में एकमात्र प्रधान पाठक पांच कक्षाओं को संभालते हैं। जब वे सरकारी कामकाज के सिलसिले में मुख्यालय जाते हैं, तो बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो जाती है। जिसके चलते आज ग्रामीणों और पालकों ने स्कूल में तालाबंदी कर दी।

CG News: शिक्षा मंत्री जी जरा सुनिए! छुट्टी मना रही मैडम से परेशान ग्रामीणों को बीईओ साहब ने थमा दिया आपका पता...46 दिन से अवकाश मना रही हैं शिक्षिका, ऐसे में कैसे सुधरेगा बच्चों का भविष्य
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By Radhakishan Sharma

CG News: गरियाबंद। गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक के राजपुर प्राथमिक शाला में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। इस शिक्षा सत्र में अब तक 66 दिन स्कूल खुला, लेकिन स्कूल में पदस्थ शिक्षिका अनुसुइया चंद्राकर बमुश्किल 20 दिन स्कूल पढ़ाने पहुंचीं। स्थिति यह है कि स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व में भी शिक्षिका मौजूद नहीं रहीं। स्कूल में एकमात्र प्रधान पाठक पांच कक्षाओं को संभालते हैं। जब वे सरकारी कामकाज के सिलसिले में मुख्यालय जाते हैं, तो बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो जाती है। जिसके चलते आज ग्रामीणों और पालकों ने स्कूल में तालाबंदी कर दी।

स्कूल में प्रदर्शन कर रहे पालकों का कहना है कि विद्यालय बाउंड्रीविहीन है और पास ही कुआं स्थित है। पालक आशंकित रहते हैं कि खेलते-कूदते बच्चे कहीं कुएं तक न चले जाएं। शिक्षा के साथ बच्चों की सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है।

बीईओ पर सांठगांठ का आरोप-

ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षिका विद्यालय आने के बजाय सीधे बीईओ कार्यालय से छुट्टी ले लेती हैं। इसकी जानकारी प्रधान पाठक को भी नहीं होती। प्रधान पाठक प्रमोद मोगरे ने भी इसकी पुष्टि की और अवकाश की जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर की। प्रधान पाठक के अनुसार शिक्षिका कब-कब छुट्टी लेती है उन्हें पता नहीं होता। वह सीधे बीईओ कार्यालय से छूट्टी लेती हैं और इसकी जानकारी प्रधान पाठक को भी नहीं देती। दरअसल शिक्षिका अनुसुइया चंद्राकर सक्ती जिले की रहने वाली हैं। इसलिए वह छुट्टी लेकर अक्सर अपने घर चली जाती है।

शिक्षा मंत्री से शिकायत करने की सलाह-

ग्रामीणों का आरोप है कि जब पालक समस्या लेकर बीईओ एल मतवाले के पास पहुंचे तो उन्होंने शिकायत सुनने के बजाय उन्हें शिक्षा मंत्री के पास जाने की सलाह दे दी।

डीईओ का तर्क – जबरदस्ती नही करा सकते ड्यूटी

जिला शिक्षा अधिकारी DEO जगजीत सिंह धीर ने कहा कि शिक्षक बदलना या नया देना संभव नहीं है। उनका कहना था कि अगर कोई छुट्टी लेकर घर पर बैठा है तो उसे जबरदस्ती स्कूल नहीं बुलाया जा सकता। डीईओ ने स्पष्ट कहा – गांव वालों की मनमर्जी से शिक्षक नहीं बदले जाएंगे। हां, अगर शिक्षिका ने अर्जित अवकाश से ज्यादा छुट्टी ली है तो बीईओ से प्रतिवेदन मांगा जाएगा। उस आधार पर उनके वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी।

तालाबंदी पर अड़े पालक-

लगातार लापरवाही और विभागीय उदासीनता से परेशान पालकों ने स्कूल में तालाबंदी कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि वे अब ‘छुट्टी वाली मैडम’ को स्थायी छुट्टी दिलाकर ही मानेंगे। अभिभावक शिक्षा मंत्री तक जाकर शिकायत करने की भी तैयारी में हैं।


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