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CG News: सड़क मंत्री बिलासपुर के और खराब सड़क पर बिलासपुर में केंद्रीय मंत्री का रास्ता रोक दिया, PWD अपने मंत्री के इलाके की सड़कें ठीक नहीं किया

CG News: छत्तीसगढ़ के सड़क मंत्री के इलाके में कल केंद्रीय राज्य मंत्री का खराब सड़क को लेकर रास्ता रोक दिया गया। चक्का जाम में विरोध इतना तीव्र था कि उनके सुरक्षाकर्मी भी कुछ नहीं कर सके। केंद्रीय मंत्री को वापस बिलासपुर आना पड़ा। पीडब्लूडी के अधिकारियो को कम-से-कम अपने विभागीय मंत्री के इलाके की सड़कें तो ठीक कर देनी चाहिए। बिलासपुर संभाग की सड़कों की हालत ठीक नहीं है। हाई कोर्ट ने इसको लेकर नोटिस जारी की है।

CG News: सड़क मंत्री बिलासपुर के और खराब सड़क पर बिलासपुर में केंद्रीय मंत्री का रास्ता रोक दिया, PWD अपने मंत्री के इलाके की सड़कें ठीक नहीं किया
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By Supriya Pandey

CG News: बिलासपुर। डिप्टी सीएम और पीडब्ल्यूडी के प्रभारी मंत्री अरुण साव बिलासपुर संभाग के लोरमी का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसी तरह बिलासपुर के सांसद तोखन साहू अभी केंद्रीय आवासन व शहरी विकास राज्य मंत्री हैं। उम्मीद की जा रही थी कि साव को लोक निर्माण विभाग मिलने से इलाके की सड़कों की हालत में सुधार होगा। इसके विपरीत अब तक कहीं से अच्छी खबर नहीं आ रही है।


बारिश में स्थिति और खराब हो चुकी है। इसी का नतीजा शुक्रवार को देखने को मिला, जब अपने गृहग्राम मुंगेली जा रहे केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू का रास्ता मनियारी पुल के पास युवाओं ने रोक दिया।

चक्का जाम इस कदर था कि सुरक्षा कर्मी भी असहाय हो गए और मंत्री जी को बैरंग बिलासपुर लौटना पड़ गया। चूंकि सड़क की देखभाल का जिम्मा भी बिलासपुर संभाग के मंत्री के पास है और सड़क ही बड़ा मुद्दा बन गया, इस कारण राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर हड़कंप मच गया है।

खराब सड़कों से चलता रहा मंत्रीजी का आना-जाना-

मुंगेली में गृहग्राम होने के कारण केंद्रीय मंत्री तोखन का सड़क मार्ग से आना- जाना लगा रहता है, इसी तरह डिप्टी सीएम साव का भी लोरमी आना- जाना लगा रहता है, इसके बाद भी पीडब्लूडी के अधिकारियों ने खराब सड़कों को लेकर संज्ञान लेकर मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दिया गया। बारिश से पहले आमतौर पर मरम्मत कर गड्ढों को दुरुस्त करने का प्रयास किया जाता है, इस ओर ठोस प्रयास नहीं किया गया है।

रायपुर से बिलासपुर हाइवे भी बहुत ठीक स्थिति में नहीं है, यह अच्छी बात है कि मरम्मत का काम बारह माह चलता ही रहता है। खुद बिलासपुर शहर में सड़कों की हालत बहुत खराब है और हाईकोर्ट की सख्ती के बाद भी इसमें सुधार नहीं हो रहा है। बारिश से पहले गिट्टी डामर डाल कर गड्ढों को ढंकने की असफल कोशिश की गई थी, मूसलाधार बारिश ने इस डामर को धोकर रख दिया है। केंद्रीय मंत्री का रास्ता रोकने के बाद प्रशासन सक्रिय हो गया है और पीडब्ल्यूडी अफसरों से इस पर जवाब मांगा गया है, साथ ही सड़कों की मरम्मत और नवीनीकरण के लिए बनाए गए प्रस्ताव की जानकारी मांगी गई है। दूसरी ओर भाजपा में अंदरुनी तौर पर सड़क के मसले पर सवाल उठने लगे हैं। लगे हाथ कांग्रेस भी सियासत तेज करने के मूड में आ गई है।

हाईकोर्ट ने दो दिन पहले ही मांगा जवाब-

खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट खराब सड़कों को लेकर पहले संज्ञान ले चुका है। दो दिन पहले हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी और नगर निगम के प्रति सख्त रुख दिखाया था। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने दोनों विभाग के अफसरों से शपथपत्र में पूछा था कि जर्जर सड़कों की मरम्मत आखिर कब तक कर दी जाएगी। इसके लिए जवाबदेही तय की जाएगी। हाईकोर्ट ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि खराब सड़कों को दुरुस्त करने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की जा रही है। इस पर अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।

मुंगेली से बेमेतरा राशि मंजूर, बिलासपुर मार्ग शामिल नहीं-

विशेष बात यह है कि बेमेतरा, मुंगेली, राजनांदगांव, जशपुर, बिलासपुर और खैरागढ़ जिलों में आठ राज्य सड़क खंडों के विकास के लिए सीआरआईएफ से वित्तीय वर्ष 2024-25 में 892 करोड़ 36 लाख रुपए की स्वीकृति केंद्र सरकार द्वारा दी गई है। बेमेतरा और मुंगेली जिले में नांदघाट- मुंगेली सड़क खंड और बेमेतरा-नवागढ़-मुंगेली सड़क खंड का चौड़ीकरण किया जा रहा है। इसी तरह राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव-चौकी-मोहला मानपुर सड़क खंड, बिलासपुर जिले के सिरगिट्टी-सरवानी-पसीद-अमलडिहा-बरतोरी-दगोरी सड़क खंड को इसमें शामिल किया गया है। जिस मार्ग में मंत्री को रोका गया, वहां के लिए कोई विशेष फंड नहीं दिया गया है, केवल रुटीन बजट से काम चल रहा है।

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