Begin typing your search above and press return to search.

CG News: छत्तीसगढ़ की मेडिकल शिक्षा पर दाग? रावतपुरा कॉलेज में अनियमितताओं पर सिविल सोसाइटी का सख्त रुख, राज्य सरकार से की बड़ी कार्रवाई की मांग

CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है। इस संबंध में सिविल सोसाइटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी (एमडी, डीएम) ने राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। डॉ. सोलंकी ने कहा कि रावतपुरा मेडिकल कॉलेज में हुए गंभीर अनियमितताओं से न केवल प्रदेश के चिकित्सा क्षेत्र की गरिमा को ठेस पहुंची है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेज में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और इसकी सच्चाई सामने लाने की आवश्यकता है। बता दें, डॉ0 सोलंकी रायपुर आईएमए के प्रेसिडेंट भी है।

CG News: छत्तीसगढ़ की मेडिकल शिक्षा पर दाग? रावतपुरा कॉलेज में अनियमितताओं पर सिविल सोसाइटी का सख्त रुख, राज्य सरकार से की बड़ी कार्रवाई की मांग
X

CG News

By Supriya Pandey

CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है। इस संबंध में सिविल सोसाइटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी (एमडी, डीएम) ने राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। डॉ. सोलंकी ने कहा कि रावतपुरा मेडिकल कॉलेज में हुए गंभीर अनियमितताओं से न केवल प्रदेश के चिकित्सा क्षेत्र की गरिमा को ठेस पहुंची है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेज में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और इसकी सच्चाई सामने लाने की आवश्यकता है।

सिविल सोसाइटी की ओर से पत्र में तीन प्रमुख मांगें रखी गई हैं-

1. कॉलेज को तुरंत बंद किया जाए- जब तक कॉलेज को सीबीआई से क्लीन चिट नहीं मिलती, तब तक इसे बंद रखा जाए।

2. छात्रों का भविष्य सुरक्षित किया जाए- एमबीबीएस के 150 छात्रों को पारदर्शी काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से अन्य निजी मेडिकल कॉलेजों में स्थानांतरित किया जाए। इसके लिए एनएमसी(नेशनल मेडिकल काउंसिल) के दिशा-निर्देशों का पालन किया जा सकता है।

3.अन्य पाठ्यक्रमों की भी जांच हो- रावतपुरा सरकार ट्रस्ट द्वारा संचालित नर्सिंग, फार्मेसी और अन्य कोर्सेज की भी ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) से जांच कराई जाए। यदि अनियमितताएं पाई जाएं तो संबंधित संस्थानों को भी बंद कर छात्रों को अन्य संस्थानों में समाहित किया जाए।

सिविल सोसाइटी ने चेताया है कि यदि इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो छात्र और उनके अभिभावक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। राज्य सरकार से मांग की गई है कि वह छात्रों के भविष्य और चिकित्सा शिक्षा की साख को ध्यान में रखते हुए त्वरित और निष्पक्ष निर्णय ले।

Next Story