Begin typing your search above and press return to search.

CG News: धर्मांतरण का दंश आया सामने: क्रिश्चन धर्म अपना चुके मृतक के शव को दफनाने का ग्रामीण कर रहे विरोध, गांव में तनाव का माहौल

CG News: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में एक शव को दफनाने को लेकर बवाल मच गया. इसकी वजह धर्मांतरण है. यहाँ रहने वाले क्रिश्चन धर्म अपना चुके बुजुर्ग की बीमारी के चलते मौत हो गयी. लेकिन ग्रामीणों ने मृतक के शव को गांव में दफनाने से मना कर दिया है.

CG News: धर्मांतरण का दंश आया सामने: क्रिश्चन धर्म अपना चुके मृतक के शव को दफनाने का ग्रामीण कर रहे विरोध, गांव में तनाव का माहौल
X
By Neha Yadav

CG News: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में एक शव को दफनाने को लेकर बवाल मच गया. इसकी वजह धर्मांतरण है. यहाँ रहने वाले क्रिश्चन धर्म अपना चुके बुजुर्ग की बीमारी के चलते मौत हो गयी. लेकिन ग्रामीणों ने मृतक के शव को गांव में दफनाने से मना कर दिया है.

क्या है मामला

यह पूरा मामला जिले के अंतागढ़ ब्लॉक अंतर्गत हवेचूर गाँव का है. यहाँ रहने वाले 55 वर्षीय अंकालू पोटाई की मृत्यु बीमारी के चलते हो गयी. मृतक और उसका परिवार आदिवासी समाज से आते थे लेकिन उन्होंने अपना धर्म बदला और ईसाई बन गए थे. जिसके बाद उनका आदिवासी परंपरा व अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में आना जान बंद हो गया था. वहीँ दूसरा धर्म अपनाने के चलते गांव में अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया गया है.

शव दफनाने को लेकर गाँव में विवाद हो गया है. ग्रामीण क्रिश्चन धर्म अपना चूके मृतक का शव गाँव में दफनाने से मना कर रहे हैं. इसके खिलाफ खूब विरोध हुआ. जिसके बाद मामले की सूचना पर ताड़ोकी थाना प्रभारी व अंतागढ़ तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे. और लोगों को शांत कराया गया.

तहसीलदार ने NPG न्यूज से क्या कहा?

वहीँ, इस मामले में जब NPG न्यूज ने अंतागढ़ तहसीलदार वीरेंद्र नेताम से बात की तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. तहसीलदार वीरेंद्र नेताम ने कहा, इस सम्बन्ध में SDM से बात करिये, उन्हें कुछ भी जानकारी नहीं है.

इसके पहले भी हो चुका है विवाद, मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा

बता दें, यह पहली बार नहीं है जब में धर्म परिवर्तन के कारण अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हुआ है. इससे पहले भी बस्तर संभाग से ऐसे कई केस सामने आ चुके हैं. वहीँ, बस्तर संभाग में धर्मांतरण के कई मामले पिछले साल से लगातार देखे जा रहे हैं. धर्मांतरण के बढ़ते मामले से ग्रामीण नाराज हैं. इसके खिलाफ में विरोध और चक्काजाम का सिलसिला जारी है. लेकिन प्रशासन द्वारा कोई समाधान नहीं निकाला जा रहा है. कुछ समय पहले, पादरी की मौत के बाद ग्रामीणों ने उसके बेटे को गांव में अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था. मामला हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गांव से 14 किलोमीटर दूर कब्रिस्तान में प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में बेटे ने पिता का अंतिम संस्कार किया था.

Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

Read MoreRead Less

Next Story