CG News: जेल में बंद आदिवासी नेता की अस्पताल में मौत: आदिवासी समाज ने एनएच किया जाम, सहायक जेल अधीक्षक की छुट्टी
CG News: कांकेर जेल में बंद सर्व आदिवासी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष जीवन ठाकुर को तबीयत बिगड़ने पर पहले रायपुर जेल शिफ्ट किया गया और वहां से आंबेडकर अस्पताल दाखिल कराया गया। इलाज के दौरान शुक्रवार को उनकी मौत हो गई। आदिवासी समाज ने जेल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए नेशनल हाईवे क्रमांक 30 पर चक्काजाम कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजी जेल ने कांकेर जेल की सहायक जेल अधीक्षक रेणु ध्रुव को हटा दिया है।

CG News: कांकेर। आदिवासी नेता और सर्व आदिवासी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष जीवन ठाकुर की कांकेर जेल से रायपुर ले जाने और इलाज के लिए अम्बेडकर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत के बाद बड़ा बवाल मच गया। आदिवासी समाज ने नेशनल हाईवे क्रमांक तीस पर चारामा थाने के सामने जाम कर दिया। जिसके बाद डीजी जेल हिमांशु गुप्ता ने कांकेर की सहायक जेल अधीक्षक रेणु ध्रुव को हटा दिया है। उन्हें जगदलपुर जेल अटैच कर दिया गया है। धमतरी जेलर महेश कुमार को कांकेर जेल का प्रभार दिया गया है।
कांकेर के मयाना गांव के ग्रामीणों ने आदिवासी नेता जीवन ठाकुर पर फर्जी वन अधिकार पट्टा बनाने की शिकायत की थी। शिकायत जांच में सही पाए जाने पर तत्कालीन तहसीलदार सत्येंद्र शुक्ला ने जीवन ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। 12 अक्टूबर को जीवन को गिरफ्तार कर कांकेर जेल भेज दिया गया था। दो दिसंबर को तबीयत बिगड़ने पर उन्हें रायपुर जेल शिफ्ट किया गया और वहां से उन्हें अस्पताल में दाखिल करवाया गया। यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
बताया जाता है कि पिछले काफी समय से जीवन ठाकुर की तबीयत खराब थी। लेकिन उपचार कराने में कांकेर की सहायक जेल अधीक्षक रेणु ध्रुव के द्वारा लापरवाही बरती जा रही थी। हालत गंभीर होने पर बिना किसी सूचना के रायपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया और वहां से उन्हें अस्पताल दाखिल करवाया गया। जहां उपचार के दौरान कल शुक्रवार को उनकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों और आदिवासी समाज ने आरोप लगाया कि जीवन ठाकुर की मौत की जानकारी उन्हें कई घंटों बाद दी गई।
कल शुक्रवार की शाम नेशनल हाईवे क्रमांक तीस चारामा में थाने के सामने आदिवासी समाज ने चक्काजाम कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर शाम साढ़े पांच बजे से चक्काजाम शुरू कर दिया। सर्व आदिवासी समाज के लोगों द्वारा किया जा रहा चक्काजाम देर रात तक जारी रहा। ठंड के बीच प्रदर्शनकारी अलाव का सहारा लेकर अपनी मांगों पर डटे हुए थे।
धरने पर बैठे लोगों ने हाईवे पर ही भोजन और पानी की व्यवस्था की थी, जिससे आंदोलन बिना बाधा जारी रह सके प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब तक जीवन ठाकुर की मौत के जिम्मेदार दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक वे स्थल नहीं छोड़ेंगे और चक्का जाम जारी रखेंगे।
अचानक हुए इस आंदोलन से हाईवे का यातायात प्रभावित हो गया और नेशनल हाईवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी लाईन लग गई। मौके पर पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई और एसडीएम नरेंद्र बंजारा, एसडीओपी मोहसिन खान ने लोगो से बातचीत कर आंदोलन खत्म करने की कोशिश की। आदिवासी समाज ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द निर्णायक कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
वहीं दूसरी तरफ डीजी जेल हिमांशु गुप्ता ने कांकेर की सहायक जेल अधीक्षक रेणु ध्रुव को हटा कर जगदलपुर जेल अटैच कर दिया और धमतरी जेलर महेश कुमार को कांकेर जेल की जवाबदारी दी। इसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों ने आंदोलनकारियो को दी तब किसी तरह 6 घंटे की जाम के बाद आदिवादियों ने आंदोलन खत्म किया। हालांकि अन्य जिम्मेदारों पर एक सप्ताह में कार्यवाही नहीं होने पर फिर से चक्काजाम की चेतावनी सर्व आदिवासी समाज ने दी है।
