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CG News: हेड कांस्टेबल बर्खास्त, नौकरी दिलाने के नाम पर महिला प्रधान आरक्षक ने की ठगी, SSP ने की कार्रवाई

CG News: दुर्ग। महिला प्रधान आरक्षक को नौकरी लगवाने के नाम से ठगी के मामले में एसएसपी ने बर्खास्त कर दिया है। मामले में जांचकर्ता अधिकारी एडिशनल एसपी के तर्कों से सहमत होते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पूरे मामले का परीक्षण करने के उपरांत बर्खास्तगी आदेश जारी किया है।

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By Radhakishan Sharma

CG News:दुर्ग। महिला प्रधान आरक्षक को नौकरी लगवाने के नाम से ठगी के मामले में एसएसपी ने बर्खास्त कर दिया है। मामले में जांचकर्ता अधिकारी एडिशनल एसपी के तर्कों से सहमत होते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पूरे मामले का परीक्षण करने के उपरांत बर्खास्तगी आदेश जारी किया है।

मोहन नगर थाना में प्रधान आरक्षक क्रमांक 942 मोनिका सोनी उर्फ मोनिका गुप्ता पदस्थ थीं। अपनी पदस्थापना के दौरान प्रार्थी अजय कुमार साहू की पुत्री पलक साहू से नौकरी लगवाने के नाम पर रकम वसूल कर ठगी मोनिका सोनी ने की थी। जिस पर उन्हें लाइन अटैच कर विभागीय जांच कार्रवाई गई। ठगी करने पर मोहन नगर थाना में महिला प्रधान आरक्षक के खिलाफ अपराध दर्ज भी करवाया गया और चालान प्रस्तुत हुआ। मामला न्यायालय में विचाराधीन है। मामले में निरीक्षक श्रद्धा पाठक प्रस्तुतकर्ता अधिकारी और एडिशनल एसपी पद्मश्री तंवर प्रस्तुतकर्ता अधिकारी थीं। जांच अधिकारी ने साक्ष्य और गवाहों के बयान लिए । मामले में आरोपों की पुष्टि हुई।

19 जुलाई 2025 को मोनिका सोनी को आरोप पत्र की प्रति प्रदान की गई थी लेकिन उन्होंने निर्धारित समय में अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया। इसके बाद 28 जुलाई 2025 को अंतिम स्मरण पत्र भी जारी किया गया और उसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया। एसएसपी विजय अग्रवाल ने जब पूरे मामले का परीक्षण किया तो स्पष्ट हुआ कि प्रधान आरक्षक क्रमांक 942 मोनिका सोनी उर्फ मोनिका गुप्ता को पूर्व में सेवा में लापरवाही एवं अनुशासनहीनता प्रदर्शित किए जाने पर तीन बार असंचयी प्रभाव से वेतन वृद्धि रोकने और नौ बार लघुशास्तिया देने की सजा दी गई थी बावजूद इसके उनके आचरण में कोई सुधार नहीं आया। पुलिस नियमावली व सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन करने पर उन्हें एसएसपी विजय अग्रवाल ने बर्खास्त कर दिया है।

बर्खास्तगी आदेश की प्रति पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज सहित संबंधित अधिकारियों को भेजी गई है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस आदेश के विरुद्ध मोनिका सोनी 30 दिनों के भीतर पुलिस महानिरीक्षक के समक्ष अपील कर सकती हैं।

पुलिस विभाग के लिए अयोग्य माना-

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन और साक्ष्यों के आधार पर यह सिद्ध हुआ कि मोनिका सोनी ने अपने पद का गंभीर दुरुपयोग करते हुए अवैध वसूली की। इस कृत्य को कदाचार और अनुशासनहीनता की श्रेणी में रखते हुए उनके आचरण को पुलिस विभाग के लिए अयोग्य माना गया तथा बर्खास्तगी की कार्यवाही की गई।

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