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CG News: गोलीकांड के आरोपी का मंत्री कनेक्शन: बिलासपुर से भागा आरोपी कांग्रेस नेता मंत्री के बंगले में छुपा मिला

CG News: छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर के मस्तूरी में गोलीकांड ने सबको चौंका दिया है। सुपारी किलिंग के इस मामले में जो चेहरे सामने दिख रहे हैं उससे भी भयावह पर्दे के पीछे की कहानी है। राजनीतिक वर्चस्व से लेकर जमीन के धंधे की कटुता और दुश्मनी को इस अंदाज में सामने आना ही था। एनएसयूआई की राजनीति से शुरू हुआ विवाद अब जमीन के धंधे में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है। गोलीकांड के बाद जो कुछ सामने आ रहा है, वह भी कम चौकाने वाला नहीं है। कांग्रेसी नेता को एक मंत्री के संरक्षण को लेकर चर्चा हो रही है। बात यहां तक हो रही है कि गोलीकांड के बाद आरोपी सीधे राजधानी का रूख किया था। मंत्री के बंगले में पूरी तरह सुरक्षित हो गया।

Dhamtari News: कलेक्टर जनदर्शन में आत्महत्या की कोशिश
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Dhamtari News: कलेक्टर जनदर्शन में आत्महत्या की कोशिश

By Anjali Vaishnav

CG News: बिलासपुर। बिलासपुर के मस्तूरी में कांग्रेस नेता और जनपद उपाध्यक्ष नितेश सिंह के ऊपर हुए जानलेवा हमले और गोली कांड के बाद अब परत-परत दर षड़यंत्रकारियों के चेहरे सामने आने लगे हैं। ब्लाक कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस नेता अकबर खान की गिरफ्तारी ने सभी को चौंका दिया है। इस घटना में उनकी संलिप्तता के तार तो पहले ही जुड़ चुके थे। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फोटो ने और भी पुख्ता कर दिया। अकबर खान की गिरफ्तारी से पहले पुलिस कार्रवाई पर नजर दौड़ाते हैं। शूटरों ने गोली चलाई, टारगेट पर निशाना नहीं लगा। चूक गया। दूसरी तरफ से चली जवाबी गोलियों के कारण शूटरों को भागना पड़ा। मौके से भागे और पहले से तय जगहों के लिए रवाना हो गए। एक कोरबा चला गया। गोली दागने वाला मुख्य आरोपी कांग्रेस नेता सीधे राजधानी रायपुर की तरफ भागा। कांग्रेस नेता को वहां एक मंत्री का संरक्षण मिल गया।

न्यायधानी यानी बिलासपुर शहर से 15 किमी दूर मस्तूरी के भीड़ भरे इलाके में गोलीकांड के बाद फरार शूटरों को पकड़ना पुलिस के सामने किसी चुनौती से कम नहीं थी। सीसीटीवी फुटेज खंगलाने के बाद एक-एक कर आरोपियों की गिरफ्तारी करने लगे। इस बीच पुलिस को जानकारी मिली कि मुख्य आरोपी रायपुर की ओर भागा है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज सहित अपने संपर्क सूत्रों के अलावा राजधानी की पुलिस के सहयोग से यह पता तो लगा लिया कि मुख्य आरोपी कहां छिपा हुआ है। पुलिस अफसरों के सामने दुविधा ये कि बंगले से आरोपी को निकालकर गिरफ्तार कैसे करें। पुलिस अफसरों ने इसकी जानकारी आला अफसरों को दी। जरुरी मंथन के बाद अफसरों ने तय किया कि सीधे मंत्री से ही बात की जाए। आरोपी के बारे में लोगों के बीच हो रही चर्चा से मंत्री को अवगत कराया गया और बताया कि कांग्रेस नेता आरोपी के मंत्री बंगले में छिपे होने और मंत्री के संरक्षण की बात जब पब्लिक डोमेन में जाएगी तो सरकार की तो भद्द पिटेगी साथ ही उनकी छवि को भी धक्का पहुंचेगा। पुलिस की समझाइश का असर हुआ। मंत्री ने कांग्रेस नेता गोलीकांड के आरोपी को शर्तों के साथ पुलिस के साथ भेजने को राजी हुआ। शर्तें ऐसी कि जिसे पब्लिक डोमेन पर लाया नहीं जा सकता। बहरहाल इस बात की चर्चा अब जोर पकड़ने लगी है कि गोलीकांड के आरोपी कांग्रेसी नेता को भाजपा के एक मंत्री का सहारा मिला।

ये है मामला

बिलासपुर के मस्तूरी थाना क्षेत्र के मस्तूरी नहर रोड के किनारे तिवारी होटल के सामने कांग्रेस नेता और जनपद उपाध्यक्ष नितेश सिंह का निजी दफ्तर है। 28 अक्टूबर की शाम 6:00 बजे वह अपने साथियों और परिजनों के साथ दफ्तर के बाहर बैठे थे। इसी दौरान दो बाईकों में चार बाइक सवार आए और गोलीबारी कर दी। गोली चलने से ऑफिस के बाहर बैठे लोग इधर-उधर और ऑफिस के अंदर भागे। गोलीबारी में चंद्रकांत सिंह के हाथ और राजू सिंह की जंग में गोली लग गई। ऑफिस के अंदर से नितेश सिंह ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल निकाल कर जवाबी फायरिंग जब की तब हमलावर भागे। घायलों को तत्काल आसपास के लोगों ने मस्तूरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अपोलो रेफर कर दिया गया।

मुख्य आरोपी कांग्रेस का निष्कासित युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष विश्वजीत अनंत निकला। युवक कांग्रेस चुनाव को लेकर विश्वजीत अनंत और नितेश सिंह के बीच कांग्रेस भवन में 2 साल पहले विवाद हुआ था। जिसके बाद दोनों पक्षों में मैग्नेटो मॉल के सामने मारपीट भी हुई। मामले में विश्वजीत अनंत ने नितेश सिंह से मार खाने के बाद उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। वही विश्वजीत अनंत ने पूर्व में युवक कांग्रेस मस्तूरी विधानसभा अध्यक्ष से मारपीट भी की थी। मस्तूरी युवक कांग्रेस अध्यक्ष नितेश सिंह के गुट का था। नितेश सिंह गुट की शिकायत पर विश्वजीत अनंत को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। विश्वजीत अनंत कांग्रेस से निकल जाने के बाद प्रदेश भाजपा के एक प्रभावशाली नेता का करीबी हो गया।

दूसरी तरफ पंचायत चुनाव में नितेश सिंह ने फिर से जीत हासिल की और दोबारा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष चुने गए। नितेश सिंह के बढ़ते राजनैतिक कद से विश्वजीत अनंत और विरोधी गुट की खुन्नस और बढ़ गई। इसी के चलते विश्वजीत अनंत ने अपने दोनों भाइयों और अन्य साथियों के साथ मिलकर नितेश सिंह के हत्या की योजना बनाई। पुलिस के मुताबिक इसके लिए विश्वजीत अनंत ने तारकेश्वर पाटले से एक लाख रुपए नगद लेकर शूटरों को वितरित किया।

सात आरोपियों को पूर्व में पुलिस ने गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड में लिया और पूछताछ की। पूछताछ और शहर के सबसे अधिक सीसीटीवी फुटेज कंगाल कर कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए अज्ञात हमलावरों और आपराधिक षड्यंत्र में शामिल अन्य आरटीओ को भी पुलिस ने चिन्हांकित किया।

गिरफ्तार आरोपी

विश्वजीत अनंत, अरमान उर्फ बलमजीत अनंत, चाहत उर्फ विक्रमजीत, मोहम्मद मुस्तिकीम, मोहम्मद मतीन, ब्रायनजीत उर्फ आरजू, एक नाबालिग, अकबर खान




आरोपियों से अब तक तीन नग देशी पिस्टल, दो नग देशी कट्टा, नग मैगजीन 6 नग, जिंदा कारतूस नग, 13 नग खाली खोखा कारतूस, मोबाइल फोन पांच नग बरामद किया जा चुका है।

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