CG News: फर्जीवाड़ा: अस्पताल में भोजन का ठेका लेने जमा किया फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र! गुस्से में कलेक्टर
CG News: जशपुर जिले में एक स्व-सहायता समूह ने अनोखा काम किया है। जिला अस्पताल में भोजन का ठेका हासिल करने के लिए अनुभव का फर्जी प्रमाणपत्र जमा कर दिया।

CG News: जशपुर। जिला अस्पताल में मरीजों और परिजनों के लिए भोजन की व्यवस्था करने के लिए स्व-सहायता समूहों से आवेदन मांगे गए थे। जिस स्वसहायता समूह को भोजन का ठेका दिया गया, उसका अनुभव प्रमाणपत्र ही फर्जी निकल गया है। शिकायत आने के बाद नाराज कलेक्टर रोहित व्यास ने इस स्व-सहायता समूह के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। खास बात यह है कि यह स्व-सहायता समूह बीते एक साल से अधिक समय से ठेका लेकर काम कर रहा है। अब जाकर शिकायत हुई तो हकीकत सामने आयी है।
मामला विभागों के कामों की समीक्षा के दौरान सामने आया, जब कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी से जिला अस्पताल में मरीजों को दी जा रही भोजन की गुणवत्ता की जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि जिला अस्पताल में जिस अधि श्री स्व सहायता समूह द्वारा भोजन का ठेका दिया गया है, उसकी शिकायत प्राप्त हुई और शिकायत के अनुसार समूह द्वारा गलत अनुभव प्रमाण पत्र बनाकर ठेका प्राप्त किया गया है। इस पर कलेक्टर ने गहरी नाराजगी व्यक्त की और अधि श्री स्व सहायता समूह पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भोजन की गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
दूसरी ओर जशपुर के सिविल सर्जन डॉ. विपिन इंदवार का कहना है कि अधि श्री स्व-सहायता समूह सितंबर 2024 से काम कर रहा है। विभाग की जानकारी के अनुसार स्व-सहायता समूह ने सही अनुभव प्रमाणपत्र जमा किया था। फिर भी, चूंकि कलेक्टर से शिकायत हुई है तो अनुभव प्रमाणपत्र को दोबारा सत्यापन करवा कर उसकी रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी जाएगी। उन्होंने जानकारी दी कि अभी भोजन का नया ठेका देने के लिए टेंडर जारी हो चुका है और इसकी आखिरी तारीख 15 अक्टूबर है। यदि वर्तमान स्वसहायता समूह का अनुभव प्रमाणपत्र फर्जी निकलता है तो उसे हटा दिया जाएगा और भविष्य में ठेका नहीं दिया जाएगा। जशपुर के सीएमएचओ डॉ. जीएस जात्रा ने कहा कि यह मामला सिविल सर्जन के अधीन है। प्रमाणपत्र फर्जी मिलने पर पुलिस को भी जांच के लिए सौंपा जा सकता है। आगे की कार्रवाई पुलिस करेगी।
लंबे समय से गायब कर्मचारी भी निशाने पर
कलेक्टर ने जिले में लंबे समय से गायब सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के मामले को भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि लम्बे समय से अनुपस्थित कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करके विभागीय जांच के माध्यम से शासकीय सेवा से पृथक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए।
