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CG News: धान खरीदी से पहले हड़ताल: अनिश्चितकालीन हड़ताल में जा रहे कर्मचारी, ये चार सूत्रीय मांगों को लेकर करेंगे हड़ताल

CG News: धान खरीदी से पहले सहकारी कर्मचारी समिति संघ ने अपने चार सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। आज कर्मचारियों और संघ के पदाधिकारियों ने बैठक कर इसका निर्णय लिया और ज्ञापन सौंपा।

CG News: धान खरीदी से पहले हड़ताल: अनिश्चितकालीन हड़ताल में जा रहे कर्मचारी, ये चार सूत्रीय मांगों को लेकर करेंगे हड़ताल
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By Radhakishan Sharma

CG News: बिलासपुर। प्रदेश में धान खरीदी शुरू होने से पहले बड़ा संकट मंडरा गया है। 3 नवंबर से सहकारी समिति कर्मचारी समिति संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। चार सूत्रीय मांगों को लेकर खरीदी से पहले हड़ताल पर कर्मचारियों के जाने से धान खरीदी पर संकट मंडरा गया है। कर्मचारियों का कहना है कि पिछले साल भी लिखित आश्वासन सरकार से मिला था पर अब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो पाई है,जिसके चलते उन्होंने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।

प्रदेश में इस बार धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू होने जा रही है। प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है, लेकिन इसी बीच एक बड़ी चिंता की खबर सामने आई है। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर 3 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। अगर यह हड़ताल होती है तो आने वाले दिनों में धान खरीदी की पूरी प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।

धान खरीदी को लेकर पूरे प्रदेश में तैयारियां जोरों पर हैं। लेकिन सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने सरकार की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघ का कहना है कि सरकार लगातार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। पिछले वर्ष भी शासन ने लिखित आश्वासन दिया था कि कर्मचारियों को सुखद राशि दी जाएगी, लेकिन आज तक वह वादा अधूरा है। संघ के प्रतिनिधियों ने बताया कि इस बार कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रबंधक संघ भी एकजुट होकर आंदोलन में शामिल होंगे। संयुक्त संगठन के रूप में यह आंदोलन तीन चरणों में किया जाएगा।पहला चरण 24 अक्टूबर को होगा, जब जिले स्तर पर रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। दूसरा चरण 28 अक्टूबर को संभाग स्तर पर आंदोलन के रूप में मनाया जाएगा।और तीसरे चरण में 3 नवंबर से पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत होगी।सहकारी समिति कर्मचारी संघ का कहना है कि धान खरीदी में सबसे बड़ी भूमिका उनके कर्मचारियों की होती है। खरीदी केंद्रों में किसानों के पंजीयन से लेकर तौल, भुगतान और भंडारण तक, हर प्रक्रिया में समिति कर्मियों की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में अगर वे हड़ताल पर चले गए, तो पूरी व्यवस्था ठप पड़ सकती है।

कर्मचारियों ने साफ कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे धान खरीदी का बहिष्कार करेंगे। अब देखना होगा कि शासन इस आंदोलन से पहले कर्मचारियों को मनाने की कोशिश करता है या फिर इस बार धान खरीदी की शुरुआत पर संकट के बादल मंडराते रहेंगे।धान खरीदी छत्तीसगढ़ के किसानों की जीवनरेखा मानी जाती है। ऐसे में यह आंदोलन केवल कर्मचारियों का नहीं, बल्कि प्रदेश के लाखों किसानों के भविष्य से भी जुड़ा है। अब सबकी निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।

संघ के कर्मचारी नेताओं ने कहा कि करीब 15,000 सहकारी समिति कर्मचारियों और 39 उपार्जन केंद्रों के संविदा कंप्यूटर ऑपरेटरों के भविष्य से जुड़ी इन मांगों को लेकर संगठन ने मोर्चा खोल दिया है। संगठनों का कहना है कि यदि सरकार समय रहते उनकी जायज मांगों पर निर्णय नहीं लेती, तो धान उपार्जन प्रक्रिया पूरी तरह प्रभावित होगी। इसकी जिम्मेदारी शासन की होगी। उन्होंने कहा कि उनकी सभी मांगे जायज है और उनकी भविष्य को लेकर है।

कर्मचारियों ने खाद्य विभाग से दो सूत्रीय लंबित मांगों को पूरा करने और सहकारिता विभाग से दो सूत्रीय लंबित मांगों को पूरा करने की मांग की है। यह है मांगें

समर्थन मूल्य धान खरीदी वर्ष 2023–24 नवंबर से 2024–25 में धान परिदान पश्चात हुई संपूर्ण सूखत मान्य कर राशि समितियों को देते हुए धान खरीदी वर्ष 2024–25 कंडिका 1.10 में परिवहन पश्चात संपूर्ण सूखत समिति को दे अथवा प्रत्येक सप्ताह संपूर्ण परिवहन हो और वर्ष 2024–25 में शून्य शॉर्टेज प्रोत्साहन का भी प्रावधान कर विभिन्न प्रदत्त कमीशन, प्रासंगिक सुरक्षा व्यय में बढ़ोतरी की जावे एवं मध्य प्रदेश सरकार की भांति शासकीय उचित मूल्य दुकानदारों के विक्रेताओं को प्रतिमाह तीन हजार रूपये प्रतिमाह दी जावे, छत्तीसगढ़ शासन के कलेक्टर द्वारा नामित प्रशासनिक धान खरीदी अधिकारी प्रभारी को खरीदी से संपूर्ण धान परिवहन मिलान अंतिम तक सुखत लिखित में जारी किया जावे।

धान खरीदी नीति वर्ष 2024– 25 में वर्णित कंडिका क्रमांक 11.3.3 आउट सोर्स द्वारा कंप्यूटर ऑपरेटर के नियोजन को विलोपित कर विभाग तय करते हुए नियमितीकरण किया जाए।

सहकारिता विभाग संबंधित मांग

प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को वेतनमान देने हेतु प्रति वर्ष प्रत्येक समितियों को तीन–तीन लाख रुपए प्रबंधकीय अनुदान राशि मध्यप्रदेश सरकार की भांति दी जावे। कांडे कमेटी की अध्यक्षता रिपोर्ट सेवानियम 2018 संशोधन भविष्य निधि,महंगाई भत्ता, ईएसआईसी सुविधा, समिति की सीधी भर्ती में प्राथमिकता देने की मांग की गई है।

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