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CG News: घूसखोरी का खुलासा, DEO पर विभागीय कार्रवाई का खतरा, DPI ने भेजा शोकाज नोटिस, विधवा शिक्षिका से मांगी थी रिश्वत

CG News: विधवा शिक्षिका से रिश्वत मांगने वाले बिलासपुर के डीईओ विजय तांडे को डीपीआई ने नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए है। इसके लिए डीईओ को सात दिन की मोहलत दी गई है। डीपीआई ने चेतावनी दी है कि नोटिस का तय समय में जवाब ना देने पर एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी। NPG.NEWS ने एक रिपोर्ट भी प्रकाशित की थी कि बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक में बीईओ रहते विजय तांडे ने महिला शिक्षिका से एक लाख चार हजार रुपये घूस लेने का आरोप है।

CG News: घूसखोरी का खुलासा, DEO पर विभागीय कार्रवाई का खतरा, DPI ने भेजा शोकाज नोटिस, विधवा शिक्षिका से मांगी थी रिश्वत
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By Radhakishan Sharma

CG News: विधवा शिक्षिका से रिश्वत मांगने वाले बिलासपुर के डीईओ विजय तांडे को डीपीआई ने नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए है। इसके लिए डीईओ को सात दिन की मोहलत दी गई है। डीपीआई ने चेतावनी दी है कि नोटिस का तय समय में जवाब ना देने पर एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी। NPG.NEWS ने एक रिपोर्ट भी प्रकाशित की थी कि बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक में बीईओ रहते विजय तांडे ने महिला शिक्षिका से एक लाख चार हजार रुपये घूस लेने का आरोप है। जांच में आरोप की पुष्टि के बाद कलेक्टर ने उसे पद से हटा दिया था। कलेक्टर अवनीश शरण ने BEO के खिलाफ विभागीय जांच की अनुशंसा की थी, पहुंच के चलते घूसखोर बीईओ बिलासपुर डीईओ बन गए। एनपीजी ने बीईओ के पद पर रहने के दौरान उनके द्वारा की गई घूसखोरी का पर्दाफाश किया था। डीपीआई ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।




DPI का कड़ा पत्र, मांगा जवाब-

डीपीआई ने पत्र में लिखा है कि विकास खंड शिक्षा अधिकारी कोटा के कार्यकाल के दौरान नीलम भारद्वाज शिक्षिका शासकीय प्राथमिक शाला ओछिनापारा वि.खं. कोटा द्वारा 07 मार्च 2025 को कलेक्टर बिलासपुर को प्रस्तुत शिकायत में उनके पति स्व पुष्कर भारद्वाज, शिक्षक की मृत्यु उपरांत देय स्वत्वों के भुगतान के एवज में राशि की मांग किये जाने की जांच प्रतिवेदन संचालनालय को प्रेषित किया गया है।

जांच अधिकारियों ने प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में शिकायत को सही माना है। जांच प्रतिवेदन के अनुसार आपके द्वारा स्व. पुष्कर भारद्वाज, शिक्षक के माह फरवरी 2024 से जुलाई 2024 के अवधि के वेतन भत्तों के भुगतान के लिये कार्यालय के सहायक ग्रेड-2 एकादशी पोर्ते के माध्यम से मृतक की विधवा नीलम भारद्वाज से एक लाख 34 हजार की मांग की है।

जांच प्रतिवेदन के साथ उपलब्ध कराये गए अभिलेखों से यह भी पाया गया कि आपने ने मृतक कर्मचारी के माह फरवरी 2024 से जुलाई 2024 तक के वेतन भत्तों का कोषालय से 21 जनवरी 2025 को बिना अवकाश स्वीकृति के आहरण करने के बाद भी मृतक के दावेदारों को भुगतान नहीं किया। शिकायत के बाद आपने 17 मार्च्र 2025 को मृतक की विधवा नीलम भारद्वाज को चेक के माध्यम से 2 लाख 44 हजार 25- रुपये की राशि मृतक के अवकाश खाते में शेष अर्जित अवकाश एवं लघुकृत अवकाश स्वीकृत कर भुगतान किया गया है। जिससे कोषालय से आहरित राशि के भुगतान के बाद 1 लाख 48 हजार 610/ की राशि शेष बच गयी। उक्त कृत्य आपके स्वेच्छाचारिता, वित्तीय अनियमितता एवं गंभीर अनुशासनहीनता को प्रदर्शित करता है

कृत्य छ.ग. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 का उल्लंघन है। क्यों न आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित की जाए। इस संबंध में आपको पक्ष रखने का अवसर दिया जाता है। अपना पक्ष युक्तियुक्त दस्तावेजो साक्ष्य के साथ पत्र प्राति के 07 दिवस के भीतर अधोहस्ताक्षरकर्ता को प्रस्तुत करें। निर्धारित समयावधि में पक्ष नहीं रखने की स्थिति में आपके विरुद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की जावेगी।

क्या है मामला-

ओछिनपारा में पदस्थ विधवा शिक्षिका नीलम भारद्वाज से 1 लाख 24 हजार रुपए रिश्वत लेने के आरोप लगे थे। यह रकम बीईओ कार्यालय में पदस्थ क्लर्क एकादशी पोर्ते ने ली थी। 3 मार्च को शिक्षिका नीलम भारद्वाज ने इसकी शिकायत जनदर्शन में तत्कालीन कलेक्टर अवनीश शरण से की थी। कलेक्टर के निर्देश पर इस मामले में तीन सदस्यीय जांच टीम बनी। कमेटी ने 21 मार्च को रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में क्लर्क एकादशी पोर्ते व बीईओ विजय तांडे को रिश्वतखोरी में संलिप्त पाया गया था। जांच में यह बात सामने आई थी कि दोनों ने मिलकर महिला - शिक्षिका का करीब डेढ़ महीने की सैलेरी भी रोक दी थी।

कोटा के तत्कालीन बीईओ विजय तांडे पर शिक्षक को गलत स्कूल में ज्वाइन कराने का आरोप लगा था। सितंबर 2022 में प्रदेश स्तर पर शिक्षकों के तबादले हुए थे। सूची में बिल्लीबंद के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक शैलेष यादव का स्थानांतरण धौराभाठा बिल्हा में हुआ था। शिक्षक को वहां जॉइनिंग देनी थी पर उन्होंने कोटा के ही धौराभाठा स्कूल में पदभार ग्रहण कर लिया। विजय तांडे उस समय कोटा ब्लाक में बीईओ के पद पर पदस्थ थे। 17 अक्टूबर 2022 को शैलेष यादव को बिल्लीबंद से रिलीव कर धौराभाठा कोटा में पदभार ग्रहण करने का आदेश निकाल दिया था। जबकि स्थानांतरण आदेश में शिक्षक का स्थानांतरण बिल्लीबंद कोटा से धौराभाठा बिल्हा किया गया था। शासन के आदेश को धता बताते हुए इस तरह की गड़बड़ी करने का आरोप भी लगा।

विभागीय जांच की अनुशंसा, फाइल दबा दी गई-

विधवा शिक्षिका के बैंक खाते में रकम जमा कराने के बजाय कोटा ब्लॉक के तत्कालीन बीईओ तांडे ने अपने बैंक अकाउंट में राशि जमा करा ली। दिसंबर से जारी राशि को मार्च तक अपने अकाउंट में जमा रखा। जांच में इस बात का खुलासा किया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन कलेक्टर अवनीश शरण ने विभागीय जांच की अनुशंसा की थी। अचरज की बात ये कि आजतक इस गंभीर मामले की जांच कराई ही नहीं गई। फाइल दबाकर रख ली गई। दागी अफसर को बिलासपुर जैसे महत्वपूर्ण जिले का डीईओ बनाकर भेज दिया गया है।

ये है तत्कालीन कलेक्टर अवनीश शरण का आदेश-

कलेक्टर बिलासपुर 10. मार्च 2025 के माध्यम से शिकायतकर्ता नीलम भारद्वाज, सहायक शिक्षिका एलवी. शा०प्रा० शा० ओछिनापाना विकासखंड कोटा द्वारा प्रस्तुत शिकायत उनके पति स्व पुष्कर भारद्वाज, शिक्षक के मृत्यु उपरांत देय स्यत्वों के भुगतान न किये जाने व उनके एवज में विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कोटा के लिपिक एकादशी पोर्ते द्वारा रूपये 1 लाख 24 हजार की मांग किये जाने की जांघ तीन सदस्यी टीम गठित कर कराई गई।

जांच अधिकारी ने अपने प्रतिवेदन 21.मार्च.2025 द्वारा प्रकरण पर जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए अपने अभिमत में स्पष्ट करते हुए लेख किया है कि विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कोटा विजय टाण्डे एवं लिपिक एकादशी पोर्ते की मिली भगत से शिकायत 07.मार्च .2025 तक डेढ़ माह की विस्तारित अवधि तक मृत्य शिक्षक के परिवार राशि को रोककर रखना, संबंधित को भुगतान नहीं करना लेन देन की मंशा रखना एवं शिकायतकर्ता की शिकायत की पुष्टि करता है।

प्रकरण की गंम्भीरता को ध्यान में रखते हुए प्रकरण पर विभागीय जांच संस्थिति किया जाना प्रस्तावित किया जाता है, एतद् द्वारा विजय टाण्डेय, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कोटा को आगामी आदेश पर्यन्त कार्य संपादन हेतु प्राचार्य शा०हाई स्कूल खुरदूर विकास खंड कोटा में किया जाता है।

जांच रिपोर्ट में इस तरह किया खुलासा-

शिकायतकर्ता नीलम भारद्वाज ने अपने उत्तर में पति की मृत्यु 25.जुलाई.2024 होना बताया। उनमें अवधि 02-24 से 07-24 के वेतन में से 1,34,000 रूपये की मांग सहायक ग्रेड-02 एकादशी पोर्ते के द्वारा मांगना तथा खण्ड शिक्षा अधिकारी कोटा विजय टांडे से मिलने को कहा। जिनका भारद्वाज ने दो घण्टे इंतजार किया अगले दिवस 1-3-25 फोन नं. 8319131611 से मात्र एक माह का वेतन 67072 रू ही देने कहा गया। लिपिक पोर्ते द्वारा उक्त राशि के अभाव में पेन्शन प्रकरण नहीं बनेगा बोला गया। अनुकंपा राशि रू0 50,000 रुपये भारद्वाज द्वारा दिया जाना बताया गया। यह भी बताया कि बीमा राशि तीन लाख भुगतान के एवज में लिपिक पोर्ते द्वारा 3000 रुपये लिया गया। पति की मेडिकल रिइम्बर्समेंट राशि 184438/- एवं 118452/- भी भुगतान नहीं होना बताया। कथन के पक्ष में उन्होंने शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया।

लिपिक एकादशी पोर्ते सहा. ग्रेड-02 को कुल 07 प्रश्न दिया गया स्थापना का प्रभार उनके पास होना स्वीकार किया गया। लिखित में 21 जनवरी 2025 एवं 22/01/2025 को कुल 06 बिल के माध्यम से राशि रू0 392635/- आहरण कर खाता क्रमांक 2500005500000085 में जमा करना स्वीकार किया गया। इस तथ्य को विजय टांडे विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कोटा द्वारा भी लिखित में स्वीकार किया है।

यह भी कि लिपिक पोर्ते ने अपने उत्तर के बिन्दु-03 में राशि का आहरण स्वीकार किया किन्तु भुगतान का कारण अवकाश की गणना नहीं हो पाना बताया गया। यह बात शिकायतकर्ता को 28/02/2025 को बताई गई जबकि राशि 22/01/2025 को ही आहरित हो चुकी थी और वह भी पात्रता राशि से रू0 148610/- अधिक आहरित कर ली गई।

पोर्ते ने बिन्दु (05) में शिकायतकर्ता को विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी साहब से मिलने कहना,स्वीकार किया। शिकायतकर्ता को फोन करना एवं रिश्वत की मांग को मनगढ़ंत बताया। ये 14 वर्ष से उसी कार्यालय में पदस्थ हैं। विजय टांडे वि.खं.शि.अधि.कोटा को कुल 06 प्रश्न दिये गये। ये इस कार्यालय में 04 वर्ष से बिन्दु 03 में आपने बताया कि शिकायतकर्ता ने लिपिक द्वारा पैसों की मांग की शिकायत उन तक नहीं की है। उत्तर बिन्दु 04 में स्वीकार किया कि कार्यालय द्वारा 175 दिवस का वेतन रू0 392635/- (रू0 तीन लाख बयानवे हजार छः सौ पैंतीस मात्र) आहरित किया गया किन्तु उनको 109 दिवस के अवकाश की पात्रता थी जिसके अनुसार रू0 244025/- (रू0 दो लाख चवालीस हजार पचीस मात्र) ही देय है। अतिरिक्त 66 दिवस की राशि रू0 148610/- (रू० एक लाख अड़तालीस हजार छः सौ दस मात्र) कोषालय में जमा करूंगा ऐसा कहा गया है। उत्तर बिन्दु 05 के अनुसार अंशदान अंतिम भुगतान राशि रू0 19095/-(रू० उन्नीस हजार पन्चानवे मात्र) भुगतान नहीं होना बताया गया।

यह भी बताया गया कि अवकाश अवधि का वेतन रू0 244025/- (रू0 दो लाख चवालीस हजार पचीस मात्र) संबंधित को 17.03.2025 को भुगतान किया गया किन्तु भुगतान का कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके। संलग्न सहपत्र क्र.06 में खण्ड शिक्षा अधिकारी ने अवकाश अवधि का वेतन अवकाश बिना गणना किये 06 व्हाउचर के माध्यम से 21 एवं 22 जनवरी, 2025 दो दिवस की अवधि में आहरण कर खाता क्रमांक 2500005500000085 में जमा करना स्वीकार किया किन्तु संबंधित को भुगतान नहीं किया गया। शिकायत की पुष्टि हुई। जिस पर शिकायतकर्ता द्वारा आहरित राशि का भुगतान 01 माह 15 दिवस तक भी भुगतान नहीं होने पर व्यथित होकर कलेक्टर महोदय को शिकायत प्रस्तुत की गयी।

पीड़िता ने शपथ पत्र में लगाया आरोप-

शिक्षिका नीलम भारद्वाज ने शपथ पत्र के साथ शिकायत की थी कि मेरे पति स्वं पुष्कर कुमार भारद्वाज शासकीय पूर्व माघ शाला नवागांव (मोहदा) संकुल पोड़ी विकाश खण्ड कोटा में शिक्षक के पद पर पदस्त रहते हुए दिनांक 25/07/2024 को मृत्यु हो गया था। मृत्यु के पूर्व दुर्घटना हो जाने के कारण उनका छः माह तक अस्पताल में इलाज हुआ था। मेरे पति की मृत्यु हो जाने के पश्चात शासन द्वारा देह राशि खंण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय कोटा द्वारा भुगत्तात्त किया जाना था। उनके मृत्यु के पश्चात मुझे एक्सग्रसिया कि राशि रूपए 50,000 तथा बीमा की राशि 3,00,000 का भुगतान मुझे किया गया था जिसके एवज में मुझसे रू. 3000 एकादशी पोर्ते बाबु लिया गया था

मेरे स्व. पति के इलाज के अवधि का चिकित्सा अवकाश स्वीकृत कर मुझे छः माह का वेतन फरवरी 24 से जुलाई 24 तक का भुगतान किया जाना हैं। जिसका हिसाब एकादशी पोर्ते बाबू द्वारा रूपए 67072 प्रति माह की दर से कुल 3.92.263 रूपए भुगतान किया जाना बताया गया। इस हेतु मुझसे दो माह का वेतन 1,34,000 की मांग कि गई और बोले कि बी.ई.ओ. साहब विजय ताण्डे के द्वारा उक्त राशि कि मांग कि गई हैं। अभी साहब ऑफिस में नही इंतजार करके उनसे भेंट करके बातचीत करके जाना। मै दो घण्टा इंतजार करने के बाद साहब के नहीं आने पर वापस घर लौट आई।

दूसरे दिन 1 मार्च 25 को एकादशी पोर्ते बाबू ने फोन कर मुझसे बुलवाया की यदि दो माह की राशि ज्यादा लग रहा है तो एक माह की राशि आर्थात 67072 रूपए दे दो काम हो जाएगा और उन्होने मुझे चेतावनी दी यति राशि नहीं दोगे तो काम नहीं होगा और आपको पति के मृत्यु के पश्चात जो पेंशन मिलना है वह भी नही बनाउंगा। उपरोक्तानुशार मुझसे बहुत अधिक राशि मांगने से में व्यतीत होकर घर लौट आई और श्री मान कलेक्टर महोदय के समक्ष 07/03/2025 को उपस्थित होकर इस संबंध अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत की जिसकी प्रतिलिपि जिला शिक्षा अधिकारी को भी प्रस्तुत की। मेरे पति के द्वारा इलाज के दौरान अस्पताल में खर्च हुई राशि के रिएम्बर्स मेंट के लिए भी आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसकी राशि कमशः 1लाख 84 हजार 438 रुपये एवं 1 लाख 18 हजार 452 रुपये है, दोनों राशि आज तक प्राप्त है।

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