CG News: छत्तीसगढ़ वेटलैंड प्राधिकरण के आदेशों की खुली अवहेलना! कर्बला तालाब में निर्माण कार्य जारी
CG News: कर्बला तलाब मामले में छत्तीसगढ़ वेटलैंड अथॉरिटी के आदेश के बाद भी निर्माण कार्य जारी है, जिसे लेकर रायपुर के सामाजिक कार्यकर्ता और ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. राकेश गुप्ता ने छत्तीसगढ़ के वन मंत्री को पत्र लिखा है.

CG News: रायपुर के कर्बला तलाब को लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है, छत्तीसगढ़ वेटलैंड अथॉरिटी के आदेश के बाद भी तलाब में निर्माण कार्य जारी है, मामले को लेकर रायपुर के सामाजिक कार्यकर्ता और ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. राकेश गुप्ता ने छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप को एक विस्तृत पत्र लिखकर कर्बला तालाब क्षेत्र में जारी अवैध और प्रतिबंधित निर्माण कार्यों पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
गौरतलब है कि वन मंत्री केदार कश्यप छत्तीसगढ़ वेटलैंड प्राधिकरण के अध्यक्ष हैं, छत्तीसगढ़ वेटलैंड अथॉरिटी ने कलेक्टर रायपुर को 30 सितंबर 2025 को आदेशित किया था कि रायपुर के कर्बला तालाब में किए जाने वाले नए निर्माण कार्य और अन्य कार्यों के नियम विरुद्ध पाए जाने पर तत्काल रोक लगाने हेतु आयुक्त, नगर निगम रायपुर को निर्देशित करें। वेटलैंड अथॉरिटी ने पत्र की प्रति आयुक्त नगर निगम रायपुर को भी भेजी थी।
डॉ. गुप्ता ने अपने पत्र में कहा है कि वेटलैंड प्राधिकरण द्वारा जारी स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, कर्बला तालाब क्षेत्र में रायपुर नगर निगम की देखरेख और संरक्षण में, प्रतिबंधित गतिविधियों के अंतर्गत आने वाले हाईएस्ट मीन फ्लड लेवल (HMFL) से 50 मीटर के भीतर सीमेंट की दीवारें, रिटेनिंग वॉल और नए कंक्रीट कॉलम जैसे पक्के निर्माण जारी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि नगर निगम अधिकारियों के संरक्षण में एक निर्माणधीन कॉम्प्लेक्स के मालिक ने भी 50 मीटर के भीतर एक नई दीवार खड़ी कर दी है, जो न केवल स्पष्ट रूप से वेटलैंड नियमों का उल्लंघन है, बल्कि भविष्य में पूरे तालाब क्षेत्र के लिए गंभीर पर्यावरणीय खतरा उत्पन्न करेगा। प्रमाण स्वरूप दिनांक 13.10.2025 को चल रहे कार्यों की फोटो भी वन मंत्री को भेजी गई है, जो यह स्पष्ट दर्शाती है कि वेटलैंड अथॉरिटी के आदेशों की अनदेखी की जा रही है।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि यह न केवल वेटलैंड (प्रबंधन एवं संरक्षण) नियम, 2017 के विरुद्ध है, बल्कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बी.के. बालाकृष्णन प्रकरण (2017) में दिए गए दिशा-निर्देशों की भी अवमानना है। उन्होंने आरोप लगाया कि कलेक्टर रायपुर एवं आयुक्त, नगर पालिक निगम रायपुर द्वारा वेटलैंड प्राधिकरण, जिसके अध्यक्ष स्वयं मंत्री हैं, उनके आदेशों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक अनुशासन का घोर उल्लंघन है बल्कि शासन की विश्वसनीयता और पर्यावरणीय प्रतिबद्धता पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करती है।
डॉ. गुप्ता ने उम्मीद जताई है कि मंत्री इस मामले को गंभीरता से लेते हुए व्यक्तिगत रूप से संज्ञान में लेंगे, ताकि छत्तीसगढ़ वेटलैंड प्राधिकरण के आदेशों की गरिमा बनी रहे और कर्बला तालाब सहित प्रदेश के अन्य जलाशयों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि “यदि इस पर शीघ्र कार्रवाई नहीं होती, तो यह संदेश जाएगा कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर शासन की संवेदनशीलता केवल कागज़ों तक सीमित रह गई है।”
