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CG News: छत्तीसगढ़ में फैल रहा नकली कृषि दवाओं कारोबार: एक लीटर में 10 बूंद कैमिकल और बन गया एक लीटर कीटनाशक दवाई

CG News: छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन में कृषि दवाओं की एक अरब से ज्यादा की बिक्री होती है। कीटनाशक के अलावा खेती किसानी से संंबंधित दवाओं का बहुत बड़ा बाजार है। इसी का फायदा उठाने अब नकली कृषि दवा बनाने का गोरखधंधा भी शुरू हो गया है। NPG.NEWS ने बिलासपुर में नकली कीटनाशक दवा बनाने की फैक्ट्री का भांडाफोड़ किया था। पुलिस ने फौरीतौर पर कार्रवाई भी की थी। पुलिस जांच में चौंकाने वाली बातें सामने आने लगी है। पढ़िए नकली कीटनाशक बनाने वाले कैसे और किस तरह नकली दवाओं को ग्रामीण क्षेत्र में किसानों के बीच खपा रहे हैं। असली ब्रांड के बजाय नकली दवाओं को महंगी कीमत में किसानों को बेच रहे हैं। जाहिर है फसल चौपट होने की आशंका अभी से ही बनने लगी है।

छत्तीसगढ़ में फैल रहा नकली कृषि दवाओं कारोबार: एक लीटर में 10 बूंद कैमिकल और बन गया एक लीटर कीटनाशक दवाई
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By Radhakishan Sharma

CG News: बिलासपुर। नकली कृषि दवा बनाने वाली कंपनी और रैकेट को सख्ती से नहीं रोका गया तो किसानों की बर्बादी तय मानकर चलिए। असली ब्रांड के नाम पर किसानों को धोखे में रैकेट नकली दवा बेच दे रहे हैं। किसान हैं कि दवा लेकर सीधे खेतों में पहुंच रहे हैं और धान की फसल में छिड़काव कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा साइड इफैक्ट ये कि धान की फसलों में लगे कीटपंतग को कोई नुकसान नहीं पहुंच रहा है। कीटपंतग धान की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं,इसके अलावा दवाई के नकली होने के कारण दवा भी फसल को नुकसान पहुंचा रहा है। किसानों को चौतरफा नुकसान उठाना पड़ रहा है।

रोजी में मजदूर रखकर करा रहे काम

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर नगर निगम का एक वार्ड लिंगियाडीह जहां नकली कृषि दवाई बनाने का गोरखधंधा चल रहा है। पुलिस की जांच में और भी चाैंकाने वाली बातें सामने आई है। नकली कृषि दवाई बेचते पुलिस ने जिस व्यक्ति को पकड़ा है वह देहाड़ी मजदूर है। यह नकली कीटनाशक का पैकेजिंग का काम करता था। दवाओं के लिए नकली सामान उपलब्ध कराने वाला व्यक्ति उसे पुराना बस स्टैंड के पास बुलाता था। वहीं उसे सामान देता था। पैकेजिंग के बाद बड़ी संख्या में पैकेट को चार पहिया और दोपहिया से लेकर जाते हैं। गांव में इसे किसानों के बीच असली ब्रांड के नाम पर खपाने का काम कर रहे हैं।

शिकायत के बड़े स्कैम से उठा पर्दा

बिहार के मधुबनी जिला अंतर्गत खजौली थाना क्षेत्र के सुक्की में रहने वाले रंजीत कुमार सिंह ने बाजार में नकली कीटनाशक बिकने की शिकायत की है। इस पर पुलिस ने लिंगियाडीह में दबिश देकर रवि सोनी को हिरासत में लेकर कापी राइट एक्ट के तहत कार्रवाई की है। रंजीत सिंह ने बताया कि उनकी कंपनी पायरेसी डिफरेंस फोर्स नकली सामान की जांच कर कंपनी को सूचना देती है। साथ ही इस संबंध में कानूनी कार्रवाई करती है। उन्हें सूचना मिली थी कि रवि सोनी अपने घर पर नकली कीटनाशक बनाता है। सूचना के आधार पर उन्होंने मौके पर दबिश दी। तब रवि नकली कीटनाशक की पैकिंग कर रहा था। रंजीत की शिकायत पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि रवि को एक व्यक्ति ने पुराना बस स्टैंड के पास कैमिकल और पैकेजिंग का पूरा सामान दिया था। वह केमिकल घोलकर डिब्बे में भरता था। इसके बाद स्टीकर लगाकर उसी व्यक्ति को सौंप देता था। बाजार में खपाने का काम वही अनजान व्यक्ति करता था। पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस की टीम अनजान व्यक्ति की जानकारी जुटा रही है।

एक लीटर पानी और 10 बूंद केमिकल, बन जाता है एक लीटर नकली कीटनाशक

पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि रवि अपने घर पर ही नकली कीटनाशक बनाता था। इसके लिए अनजान व्यक्ति ने उसे कैमिकल के एक-एक लीटर वाले दो डिब्बे दिए थे। केमिकल का 10 बूंद एक लीटर पानी में डालने से, एक लीटर नकली कीटनाशक बनता था। नकली दवा बनाने के बाद डिब्बों भरकर पैकेजिंग का काम करता था। इसके लिए उसे दिहाड़ी के आधार पर रुपये मिल रहे थे।

केमिकल की टेस्टिंग कर दिखाया,तब करने लगा पैकेजिंग

रवि ने पुलिस को बताया कि रैपर और स्टीकर में जहर लिखा हुआ था। इसे देखकर उसने अनजान व्यक्ति को जहर बनाने से इन्कार कर दिया था। तब अनजान व्यक्ति ने बताया कि केमिकल में जहर नहीं है। जिस केमिकल के 10 बूंद से एक लीटर नकली कीटनाशक बनता था उसी कैमिकल को एक ढक्कन पीकर दिखाया। जब उस अनजान व्यक्ति को इसका कोई असर नहीं हआ तब रवि ने पैकेजिंग शुरू की।

ग्रामीण क्षेत्र में हो रही थी सप्लाई

कंपनी के जांच अधिकारी रंजीत ने बताया कि नकली कीटनाशक को ग्रामीण क्षेत्र के बाजार में खपाया जा रहा था। ग्रामीण क्षेत्र से किसानों की लगातार शिकायत मिल रही थी। इसके बाद कंपनी की ओर से इसकी जांच के निर्देश मिले थे। उन्होंने बताया कि पहले भी दुर्ग में इस तरह का मामला सामने आ चुका है। अभी भी छत्तीसगढ़ में कई जगहों पर नकली कीटनाशक बिक रहे हैं। इसकी जांच की जा रही है।

किसानों को चौतरफा नुकसान

फसल को कीट से होने वाली बर्बादी से बचाने के लिए किसान कीटनाशक का सहारा लेते हैं। इसके लिए किसान मोटी रकम खर्च करते हैं। नकली कीटनाशक के चलते वे अपनी फसल को कीट से नहीं बचा पाते। इससे दवा खरीदने के लिए उनकी जमापूंजी और फसल की बर्बादी दोनों होती है। नकली खाद और कीटनाशक किसानों के लिए बर्बादी का कारण बनते हैं।

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