CG News: छत्तीसगढ़ के ये निकाय फिसड्डी! निकायों की खुली पोल, पढ़िए कलेक्टर कांफ्रेंस के बाद की इनसाइड स्टोरी
CG News: कलेक्टर्स कांफ्रेंस के दौरान जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नगरीय निकायों के कामकाज की पड़ताल की तब प्रदेश के बीरगांव सहित बड़े निकायों की पोल खुल गई। पढ़िए कलेक्टर्स कांफ्रेंस के बाद कि इनसाइड स्टोरी।

CG News: रायपुर। कलेक्टर्स कांफ्रेंस के दौरान जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नगरीय निकायों के कामकाज की पड़ताल की तब प्रदेश के बीरगांव सहित बड़े निकायों की पोल खुल गई। शहरी विकास, स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में आधा दर्जन के करीब नगरीय निकाय फिसड्डी साबित हो गई है। मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट कहा, “कमजोर प्रदर्शन वाले निकायों को 60 दिनों में सुधार दिखाना होगा, अन्यथा जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने कलेक्टर को निगरानी के निर्देश भी दिए।
छत्तीसगढ़ का नगरीय प्रशासन विभाग अब पारंपरिक सफाई व्यवस्था से आगे बढ़कर स्मार्ट अर्बन गवर्नेंस की ओर बढ़ रहा है। विभागीय समीक्षा के दौरान जिन निकायों का प्रदर्शन कमतर रहा, जिले के कलेक्टर को निगरानी करने व सुधार के निर्देश सीएम ने दिए। बेहतर काम करने वाले निकायों के अफ़सरों को शाबासी भी मिली।
कमजोर निकायों को मिली चेतावनी
कुछ नगर निकायों का प्रदर्शन औसत से नीचे पाया गया।
रायपुर (बीरगांव), रायगढ़, मनेंद्रगढ़-भरतपुर, भिलाई-चरौदा और दुर्ग नगर निगमों के साथ-साथ बैकुंठपुर, लोरमी और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही नगरपालिकाओं को सुधार के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने साफ कहा, कमजोर प्रदर्शन वाले निकायों को 60 दिनों में सुधार दिखाना होगा, अन्यथा जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय है।”
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कलेक्टर कॉन्फ्रेंस 2025 में छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन विभाग ने शहरी विकास, स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़ी अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। विभाग का मुख्य फोकस रहा — “हर शहर स्वच्छ, हर गली हरी, हर निकाय पारदर्शी”।
स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार
राज्य के 169 नगरीय निकायों में स्वच्छता मिशन को व्यापक रूप से लागू किया गया है। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, कचरे की छंटाई (Segregation) और प्रसंस्करण (Processing) को 100% लक्ष्य के साथ आगे बढ़ाया गया।
विभागीय रिपोर्ट के अनुसार
- डोर-टू-डोर कलेक्शन की औसत प्राप्ति 97%
- कचरे की छंटाई 68%
- कचरे का प्रसंस्करण 83% रहा।
दुर्ग, गरियाबंद और बस्तर जैसे जिलों ने 85% से अधिक औसत प्रदर्शन किया, जबकि कुछ नगर निकायों में सुधार की आवश्यकता बताई गई।
मॉडल से बदल रही तस्वीर
कई नगर निगमों ने अपने क्षेत्रों में स्वच्छता सुधार के मॉडल प्रस्तुत किए, जिनसे आम नागरिकों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला। रिसाली, भिलाई-चरौदा, मगरलोड, फरसगांव और बिलासपुर जैसे शहरों में सड़कों, नालियों और कचरा निस्तारण की व्यवस्थाओं में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा
“नागरिकों की भागीदारी से ही स्वच्छता मिशन सफल हो सकता है। हर शहर को अपनी पहचान स्वच्छता से बनानी होगी।”
‘वेस्ट टू वंडर’ प्रोजेक्ट ने बटोरी सराहना
कई नगर निगमों ने ठोस कचरे से उपयोगी वस्तुएँ और कला-पार्क बनाने की पहल की है। नगर निगम बिलासपुर और भिलाई ने “Waste to Wonder” मॉडल अपनाते हुए कबाड़ से सजावटी मूर्तियाँ और पब्लिक आर्ट इंस्टॉलेशन तैयार किए हैं। यह प्रोजेक्ट पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ रोजगार का नया अवसर भी बन रहा है।
फीकल स्लज मैनेजमेंट: बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा में अब तक यूनिट स्थापित नहीं हुई
राज्य में शहरी स्वच्छता के तहत फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (FSTP) का विस्तार किया जा रहा है।रायगढ़, बिलासपुर, बलौदाबाजार, रायपुर, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया और सुरजपुर जिलों में ये संयंत्र कार्यरत हैं, जबकि बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा में अब तक यूनिट स्थापित नहीं हो पाई है। सरकार का लक्ष्य है कि दिसंबर 2025 तक सभी नगर निकायों में FSTP यूनिट पूरी तरह कार्यशील हों
स्वच्छ भारत मिशन (Urban) 2.0 में शानदार उपलब्धियाँ
छत्तीसगढ़ के 111 नगर निकायों ने अपनी राष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार किया है।
Garbage Free City Rating (GFC) में राज्य ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया
- रायपुर को मिला 7 स्टार रेटिंग,
- अंबिकापुर, बिलासपुर और पाटन को 5 स्टार,
- 18 नगर निकायों को 3 स्टार रेटिंग प्राप्त हुई।
कुल मिलाकर 68% नगर निकायों ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है, जो राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
पुरस्कार और सम्मान
केंद्रीय स्वच्छता मंत्रालय ने रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, भिलाई और अंबिकापुर नगर निगमों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया है। इन निकायों ने “Zero Waste City” और “Best Innovative City” कैटेगरी में स्थान पाया।
आगामी लक्ष्य
- विभाग ने वर्ष 2025–26 के लिए स्पष्ट लक्ष्य तय किए हैं
- सभी नगर निकायों में 100% डोर-टू-डोर कलेक्शन।
- कचरे का पूर्ण प्रसंस्करण और स्रोत स्तर पर छंटाई।
- हर शहर में 3-स्टार या उससे अधिक की GFC रेटिंग।
- नागरिक सहभागिता से “जन-सफाई आंदोलन” की शुरुआत।
स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management)
- राज्य के लगभग 169 नगरीय निकायों में से सभी को स्वच्छता कार्यों में शामिल किया गया है।
- डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, कचरे की छंटाई (Segregation) और प्रसंस्करण (Processing) को अनिवार्य किया गया।
सुधार मॉडल
कई नगर निकायों ने अपने क्षेत्रों में स्वच्छता सुधार के दृश्य परिणाम दिखाए।
उदाहरण
- नगर निगम रिसाली, भिलाई-चरौदा,
- नगर पंचायत मगरलोड, फरसगांव,
- नगर निगम बिलासपुर
इन शहरों में सड़कों, नालियों, और कचरा निस्तारण व्यवस्था में दृश्यमान सुधार दर्ज हुआ है।
कमजोर प्रदर्शन करने वाले नगर निकाय
कुछ निकायों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं पाया गया।
कमजोर प्रदर्शन वाले नगर निगम:
- रायपुर (बीरगांव) – औसत 57%
- रायगढ़ – औसत 65%
- मनेंद्रगढ़–भरतपुर–चिरमिरी – औसत 79%
- भिलाई–चरौदा – औसत 81%
- दुर्ग – औसत 85%
कमजोर नगरपालिकाएँ
- बैकुंठपुर (कोरिया) – 20%
- लोरमी (मुंगेली) – 48%
- गौरेला–पेंड्रा–मरवाही – 49%
मुख्यमंत्री ने इन जिलों के कलेक्टरों को चेतावनी देते हुए कहा कि “सुधार अगले 60 दिनों में दिखना चाहिए।”
फीकल स्लज प्रबंधन (Fecal Sludge Management)
- रायगढ़, बिलासपुर, बलौदाबाजार, रायपुर, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया, सुरजपुर में FSTP संयंत्र कार्यरत हैं।
- बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा में अभी कोई संयंत्र नहीं है।
- 2025 तक सभी नगर निकायों में FSTP यूनिट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
- स्वच्छ भारत मिशन (Urban) 2.0 की प्रगति
- छत्तीसगढ़ के 111 नगर निकायों ने अपनी राष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार किया।
Garbage Free City Rating (GFC) में बड़ी उपलब्धियाँ दर्ज की गईं
- रायपुर – 7 स्टार
- अंबिकापुर, बिलासपुर, पाटन – 5 स्टार
- 18 निकायों को 3-स्टार
- 93 निकायों को 1-स्टार रेटिंग
- कुल 68% निकायों ने अपनी रेटिंग बढ़ाई है।
पुरस्कार और सम्मान
केंद्रीय स्वच्छता मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ के इन नगर निकायों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया:
रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, भिलाई, अंबिकापुर इन शहरों ने “Zero Waste City” और “Innovative Waste Reuse” श्रेणी में पुरस्कार जीते।
डिजिटल शहरी प्रबंधन प्रणाली
- सभी 169 निकायों में ऑनलाइन मॉनिटरिंग पोर्टल कार्यरत है।
- स्वच्छता निरीक्षण रिपोर्ट अब मोबाइल एप “Swachh Chhattisgarh Tracker” से अपडेट की जाती है।
- नागरिक शिकायतों के समाधान हेतु कॉल सेंटर और हेल्पलाइन 1800-233-3663 सक्रिय की गई।
- आगामी लक्ष्य (Targets 2025–26)
- दिसंबर 2025 तक 100% डोर-टू-डोर कलेक्शन।
- सभी FSTP यूनिट्स को पूरी तरह कार्यशील बनाना।
- हर निकाय को कम से कम 3 स्टार रेटिंग दिलाना।
- नगर निकायों में स्वच्छता प्रतियोगिता और नागरिक सहभागिता कार्यक्रम शुरू करना।
- सभी नगर निगमों में “Waste Segregation at Source” मॉडल लागू करना।
