CG News: ED-EOW की पकड़ में ठग गुरु, BPL खातों के जरिये केके श्रीवास्तव ने किया करोड़ों का फर्जीवाड़ा, पूर्व सीएम के नाम का लिया सहारा
कांग्रेस शासनकाल में सत्ता के गलियारों में अपनी धाक जमाने वाले सियासी तांत्रिक व पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेहद करीबी केके श्रीवास्तव ने सत्ता का जमकर दुरुपयोग किया है। सीएम के करीबी होने का धाक जमाकर 15 करोड़ की ठगी कर ली। पैसों के लेनदेन के लिए गजब का खेल खेला, बीपीएल हितग्राहियों के खाते के जरिए 300 करोड़ का वारा-न्यारा कर दिया ।

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रायपुर। नवा रायपुर प्राेजेक्ट और स्मार्ट सिटी में ठेका दिलाने के एवज में दिल्ली के एक बड़े ठेका कंपनी के कर्ताधर्ता से 15 करोड़ की ठगी कर ली। 500 करोड़ का ठेका मिलने के लालच में कंपनी के कर्ताधर्ता ने केके श्रीवास्तव को धन राशि दे दी। SIT की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। अपने आपको तांत्रिक और तत्कालीन सीएम का करीबी बताने वाले श्रीवास्तव ने गरीबों को भी नहीं बख्शा है। 300 करोड़ का ट्रांजेक्शन बीपीएल हितग्राहियों के नाम से बने बैंक खातों के जरिए किया गया है। ठगी के मास्टर माइंड श्रीवास्तव ने सब-कुछ प्री प्लांड तो किया पर जांच में ठगी की पोल खुल ही गई। फर्जीवाड़े की गहन पड़ताल के लिए तेलीबांधी पुलिस ने स्पेशल कोर्ट से रिमांड ले लिया है। स्पेशल कोर्ट ने एक जुलाई तक रिमांड पर रखने और पूछताछ की छूट पुलिस को दे दी है। शुरुआती जांच में चौकाने वाली बाते सामने आई है। बीपीएल श्रेणी से जुड़े लोगों के बैंक खातों में 300 करोड़ का ट्रांजेक्शन मिला है। पैसे के लेनदेन और स्रोत को लेकर श्रीवास्तव से पूछताछ की जा रही है। इतनी बड़ी धनराशि आई कहां से। इस राशि को लेने के लिए बीपीएल श्रेणी से जुड़े लोगों के बैंक खाते की जरुरत क्यों पड़ी।
ED और EOW के घेरे में श्रीवास्तव-
ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ की ठगी के अलावा ED और EOW के शिकंजे में भी श्रीवास्तव फंसे चुके हैं। मनी लांड्रिंग के अलावा शराब घोटाले से भी तार जोड़ा जा रहा है। एसआईटी जांच के अलावा राज्य सरकार की दोनों प्रमुख जांच एजेंसियों के अफसर भी पूछताछ करेंगे। ईडी को मनी लांड्रिंग का क्लू मिला है। इस दिशा मेें अफसरों ने जांच आगे बढ़ा दिया है।
ईडी ने मार्च में मारा था छापा-
केके श्रीवास्तव के यहां ईडी भी दबिश दे चुकी है। कोयला में लेवी वसूली के मामले की जांच कर रही ईडी ने जांच की थी। श्रीवास्तव कोयला और राख परिवहन से जुड़े हैं। ईडी की टीम उनके बिलासपुर आवास और कोरबा में कार्यालय में 28 मार्च को पहुंची थी।
धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और कूट रचना का अपराध दर्ज-
कृष्ण कुमार श्रीवास्तव याने केके श्रीवास्तव के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और कूट रचना का अपराध दर्ज किया गया है। केके श्रीवास्तव के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश की कंस्ट्रक्शन कंपनी से स्मार्ट सिटी का काम दिलवाने की एवज में 15 करोड रुपए की ठगी कर ली। इसके बाद रकम वापसी के लिए मांग करने पर कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक और परिवार को जान से मारने की धमकी दी। केके श्रीवास्तव के अलावा कंचन श्रीवास्तव को भी पुलिस ने आरोपी बनाया है। मामला तेलीबांधा थाना क्षेत्र का है।
ठेका दिलाने रावत एसोसिएट को लगाया चूना-
उत्तर प्रदेश के नोएडा की कंपनी रावत एसोसिएट्स में अजय कुमार एडमिन मैनेजर के पद पर पदस्थ है। जिनकी शिकायत पर अपराध दर्ज किया गया है। रावत एसोसिएट्स का कार्यालय उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित है। साथ ही उनका रायपुर के अलावा लाभांडी में भी कार्यालय स्थित है। कंपनी के मालिक अर्जुन रावत है। वह पिछले 30 साल से सड़क निर्माण, सरकारी बिल्डिंग निर्माण, हाईवे कंस्ट्रक्शन, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का ठेका ले ठेका पूरा करने का काम करते हैं। प्रार्थी अजय कुमार ने अपनी शिकायत में बताया है कि आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णन के माध्यम से वे केके श्रीवास्तव से मिले। आचार्य प्रमोद कृष्णन से उनके कई वर्षों से संबंध है। उन्होंने बताया कि मैं छत्तीसगढ़ में एक ऐसे व्यक्ति से मिलवाऊंगा जो आपका व्यापार बढ़ाने में मदद करेगा।
वे अपने साथ मुझे इंडिगो की फ्लाइट से 24 जून 2023 को रायपुर लेकर आए और क्लार्क इन होटल में के के श्रीवास्तव से मिलवाया। केके श्रीवास्तव ने खुद को छत्तीसगढ़ के बड़े राजनेता का ओएसडी बताया और कहा कि मैं आपके व्यापार में काफी मदद कर सकता हूं। बातचीत के बाद उसी दिन कंपनी के मालिक वापस नोएडा चले गए। जिसके बाद लगातार केके श्रीवास्तव कंपनी के मलिक अर्जुन श्रीवास्तव के संपर्क में फोन के माध्यम से रहने लगे। उनके ग्रेटर नोएडा स्थित कार्यालय और रायपुर स्थित कार्यालय भी गए। केके श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व मंत्री के भाई असगर ने नवा रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड से 500 करोड़ का ठेका लिया है और इसे सबलेट अर्थात पेटी में देना चाहते हैं। प्रोजेक्ट लेने के लिए सरकार को उन्होंने 15 करोड रुपए की राशि परफॉर्मेंस सिक्योरिटी और गारंटी मनी के रूप में जमा करवाई है। यदि आपको ठेका चाहिए तो 15 करोड रुपए की राशि दे देंगे तो यह ठेका आपको मिल जाएगा। केके श्रीवास्तव ने प्रोजेक्ट के फर्जी दस्तावेज भी दिखाएं जिससे उन्हें यकीन हो गया।
जालसाजी के लिए खुलवाए अकाउंट-
केके श्रीवास्तव ने कहा कि मैं जिन अकाउंट नंबर में बोलूंगा उसमें रुपए डलवा देना फिर आपका काम हो जाएगा। केके श्रीवास्तव के द्वारा जो-जो अकाउंट बताए गए उनमें कुल 15 करोड रुपए ठेका पाने की चाह में कंपनी के मालिक अर्जुन रावत ने जमा करवा दिए। शिकायत के अनुसार यह अकाउंट सिर्फ जालसाजी के लिए केके श्रीवास्तव ने खुलवाए थे और पैसे भेजते ही उन्हें निकलवा कर अकाउंट खाली कर दिया। विश्वास दिलाने के लिए खुद केके श्रीवास्तव ने कंपनी मालिक को पीडब्ल्यूडी में रजिस्ट्रेशन व जीएसटी नंबर बनवा कर दिया। काफी दिनों बाद भी जब ठेका नहीं मिला तब कंपनी मालिक ने केके श्रीवास्तव के खिलाफ शिकायत करने की बात कही।
तीन-तीन करोड रुपए के दिया तीन चेक, सभी हो गए बाउंस-
ठेका नहीं मिलने पर फिर से पैसा देने के लिए कहा तो केके श्रीवास्तव ने 17 सितंबर 2023 तक पैसे लौटा देने का वादा किया। फिर से पैसे नहीं देने पर पुलिस को शिकायत देने की बात कही तो कंचन श्रीवास्तव के अकाउंट से विभिन्न खातों में 3 करोड़ 40 लाख रुपए वापस लौटाया। इसके अलावा तीन-तीन करोड रुपए के तीन चेक भी दिए। 30 मार्च 2024 को व्हाट्सएप पर मैसेज किया कि मैं यह चेक बैंक में डाल रहा हूं और बैंक में चेक लगाने पर बैंक ने चेक वापस कर दिया। जब बैंक से पता किया गया तो बताया गया कि तीनों चेक पर केके श्रीवास्तव ने स्टाप पेमेंट लगा रखा है। फोन पर संपर्क करने पर लगातार गुमराह करता रहा। फिर धमकी देते हुए कहने लगा कि मेरे नक्सलियों और प्रदेश के बड़े नेताओं से संबंध है। तुम्हें और तुम्हारे परिवार को जान से मरवा दूंगा। पीड़ित ने केके श्रीवास्तव के खिलाफ प्रदेश के कुछ बड़े राजनीतिक लोगों से मिलकर गिरोह बनाकर आपराधिक षड्यंत्र करने की शिकायत पुलिस में की। जिस पर पुलिस ने धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र समेत विभिन्न धाराओं में केके श्रीवास्तव, कंचन श्रीवास्तव अपराध दर्ज कर जांच कर रही है।
