CG News: जीएसटी में रिकार्ड ग्रोथ और रिफार्म से छत्तीसगढ़ के मंत्री ओपी चौधरी का दिल्ली में बढ़ा वेटेज, 4 विशेष मंत्री समूहों में किए गए शामिल
CG News: छत्तीसगढ़ ने पिछले वित्तीय वर्ष में जीएसटी कलेक्शन में गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे राज्यों को पीछे छोड़ देश को चौंका दिया था। सूबे में व्यापारियों की सहूलियतें के लिए कई कदम उठाए गए तो पंजीयन में भी दूरगामी सुधार किए गए। जीएसटी में 15-15 साल से जमे अधिकारियों को हटाया गया। इसी का परिणाम रहा कि चुनिंदा राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी को भारत सरकार ने 4 महत्त्वपूर्ण विशेष मंत्री समूह में शामिल किया गया है। आज दिल्ली में इसकी एक अहम बैठक हुई, जिसमें हिस्सा लेने पहुंचे मंत्री ओपी चौधरी ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

CG News: रायपुर। आज दिल्ली में मुख्यमंत्री गोवा के साथ पूरे देश में जीएसटी राजस्व में वृद्धि एवं रिफॉर्म हेतु गठित मंत्रियों के विशेष समूह की बैठक में प्रदेश के वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने भाग लिया। ज़ाहिर है कि भाजपा की छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद जीएसटी में रिफॉर्म के अनेक कदम उठाये गए हैं। अनेक रिफॉर्म को देश के अनेक राज्यों ने भी अनुसरण किया है।
पिछले वित्तीय वर्ष देश में छत्तीसगढ़ ने सर्वाधिक वृद्धि दर 18 फीसदी हासिल किया है। गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे बड़े और विकसित राज्यों से भी तेज वृद्धि दर प्राप्त कर छत्तीसगढ़ ने पूरे देश को चौंका दिया था। जीएसटी मिनिस्टर ओपी चौधरी द्वारा लगातार किए जा रहे रिफार्म से यह संभव हो पाया। जानकारों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में जीएसटी का अमला जिस अंदाज में काम कर रहा है, उसमें अगर स्टील, आयरन सेक्टर में मंदी नहीं होता तो ये आंकड़ा और उपर जाता।
व्यापारियों को फायदा
मॉनिटरिंग और सिस्टम में कसावट की वजह से छत्तीसगढ़ ने न केवल उच्च विकास दर अर्जित किया बल्कि व्यापारी साथियों के सुविधाओं की दृष्टि से भी अनेक रिफार्म करके दिखाए। पिछले बजट में व्यापारियों की सुविधा की दृष्टि से ई-वे बिल की सीमा को 50 हज़ार की सीमा को बढ़ा कर 1 लाख करने का निर्णय लिया गया। इससे लगभग 75 परसेंट ई-वे बिल जनरेट करने की आवश्यकता ही समाप्त हो गयी। 10 साल से ऊपर के 25 हजार से कम राशि के सभी केस को सरकार ने एक झटके में पिछले बजट में समाप्त कर दिया। इससे 65 हज़ार प्रकरण समाप्त हुए और 40 हज़ार से अधिक व्यापारियों को सीधा लाभ हुआ। बात राशि की नहीं थी, छूट तो केवल 12 करोड़ की थी, लेकिन इससे व्यापारियों को ऑफ़िसों के चक्कर काटने से मुक्ति मिली, प्रकरण सीधे समाप्त होने से वकील करने की जरूरत नहीं पड़ी। EoDB सेल गठित किया गया। काल सेंटर की व्यवस्था को दुरुस्त किया गया। पंजीयन की प्रक्रिया का इस कदर सरलीकरण किया गया कि पंजीयन के लिए लगने वाले औसत 14 दिन घटकर 3 दिन पर आ गया। सतत स्टेक होल्डर चर्चा की गई। कर्मचारियों की ट्रेनिंग की गई। 15-15 साल से जमे हुये अधिकारियों का एक साथ स्थानांतरण किया गया।
चार समूहों में ओपी शामिल
छत्तीसगढ़ में किए गए सुधारों का नतीजा रहा कि चुनिदा राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ छत्तीसगढ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। जाहिर है, इस मंत्री समूह में सबको मौका नहीं मिलता। पढ़े-लिखे विजन वाले मंत्रियों को शामिल किया जाता है। बताते हैं, आज की बैठक में सभी राज्यों के जीएसटी अंतर्गत राजस्ववार विश्लेषण, आर्थिक एवं अन्य कारकों का जीएसटी पर प्रभाव, एंटी इवेजन और अनुपालन उपायों का समन्वय तथा राजस्व वृद्धि हेतु नीतिगत सुझाव जैसे विषयों पर चर्चा हुई। यह बैठक, अपने सुझाव जीएसटी परिषद तक पहुंचाने एवं उन्हें लागू कराये जाने हेतु अत्यंत उपयोगी साबित होगी।
एआई की मदद
बैठक में कर अपवंचन को रोकने एवं राजस्व में उत्तरोत्तर वृद्धि हेतु आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, एवं मशीन लर्निंग के उपयोग को बढ़ावा दिये जाने पर जोर दिया गया जिसके अंतर्गत बीफा, जीएसटी प्राइम एवं ई-वे बिल पोर्टल जैसे अत्याधुनिक टूल्स का प्रजेंटेशन दिया गया। जिससे बोगस व्यवसाईयों को पंजीयन के दौरान ही चिन्हांकित कर निषिद्ध किया जा सके।
छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा, बोगस व्यवसाईयों पर कार्यवाही फर्जी बिलों पर नियंत्रण, फर्जी इनपुट के उपभोग, डाटा आधारित अनियमित व्यवसाईयों की पहचान आदि नवीन तकनीकी प्रणालियों द्वारा किये जाने सहित एजेण्डा के सभी विषयों पर अपने सुझाव प्रस्तुत किये गये।
इन मंत्रियों के समूहों में शामिल किए गए ओपी चौधरी
1. जीएसटी सिस्टम रिफार्म
2. रिस्ट्रक्चरिंग कंपेनेसेशन सेस
3. एनालिसिस ऑफ रेवेन्यू फ्रॉम जीएसटी
4. रेवेन्यू मोबलाइजेशन इन केस और नेचरल केलेमिटिज ऑर डिजास्टर्स
