CG News: BJP में बवाल, भाजपा की टीम में कांग्रेसी की घुसपैठ से बवाल, सामंजस्य की समझाइश
CG News: दो दिन पहले ही भाजपा के प्रशिक्षण वर्ग में सभी को सामंजस्य कर और सबका ध्यान रखने की बात कही गई थी। अब बिलासपुर सहित कुछ जिलों में मूल कांग्रेसियों को टीम में शामिल होने से बवाल हो रहा है।

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CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेसियों ने बड़ी संख्या में भाजपा में प्रवेश किया था। इसके लिए चुनावी सभाओं में सदस्यता अभियान का एक दौर चल निकला था। तब कांग्रेस ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया था कि प्रलोभन देकर दलबदल करवाया जा रहा है। भाजपा में शामिल होने वालों में कुछ बड़े कांग्रेसी नाम भी थे।
सरकार बनने के बाद अब यही दलबदल अभियान खुद भाजपा के लिए अंदरुनी तौर पर कलह का कारण बनता जा रहा है। संभवत: पार्टी के बड़े नेता इसे भांप चुके हैं और यही कारण है कि संगठन की बैठकों में संतुलन और सामंजस्य बना कर करने की सीख दी जा रही है। दूसरी ओर प्रदेश में भाजपा सरकार की वापसी के बाद उत्साहित पदाधिकारी और कार्यकर्ता खुद को महत्व मिलने को लेकर आशान्वित थे। सरकार, निगम मंडल और संगठन में निचले क्रम को जगह देकर अपेक्षाओं को पूरा करने की कोशिश की गई है। प्रदेश भाजपा की टीम बन चुकी है और सभी जिला अध्यक्षों सहित मोर्चा व प्रकोष्ठों के अध्यक्षों का भी चुनाव हो चुका है।
अब मोर्चा- प्रकोष्ठ के साथ जिलों में टीमों का गठन किया जाना है। प्रदेश पदाधिकारियों की टीम बनी, तब भी यह सवाल भाजपा के अंदरखाने में उठा कि मूल कांग्रेसियों को क्यों ज्यादा महत्व दिया जा रहा है, जबकि दरी बिछाने और चप्पलें घिसने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं का जगह नहीं मिल रही है। अब जिलों में टीम बनाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। एक दिन पहले ही बिलासपुर में जिला भाजपा की जंबो टीम बनाई गई है।
इस टीम में शामिल कुछ नाम कांग्रेसी हैं, क्योंकि वे कांग्रेस से भाजपा में आए थे। अब जिला भाजपा के भीतर इसे लेकर सवाल खड़ा किया जा रहा है और असंतोष पनपने लगा है। जिन्होंने बिलासपुर विधानसभा सीट में भाजपा की चुनाव में वापसी कराई है, उनमें से कुछ लोगों को ऐसी नियुक्तियां पच नहीं रही हैं। इस तरह की टीम बनाने के पीछे संगठन के लोग तर्क दे रहे हैं कि आखिर कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले लोगों ने भी तो पार्टी के लिए ही काम किया है, ऐसे में सभी तरह के समीकरण का ध्यान रखा जाना चाहिए। मगर यह तर्क किसी के गले नहीं उतर रहा है। अभी प्रदेश में कई जिलों में टीमों का गठन होना है, ऐसे में देखना होगा कि इस तरह के असंतोष को संगठन किस तरह मैनेज करता है।
