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CG News: निगम के इंजीनियरों का कमाल: बिना अनुमति पांच साल में तन गए 10 हजार मकान, राजीनामा स्कीम से निगम के खजाने में जमा होंगे 150 करोड़ रुपये

CG News: बिना अनुमति और नक्शा पास कराए बगैर पांच साल के भीतर शहर के अलग-अलग हिस्सों में तकरीबन 10 हजार मकान बनकर खड़ा हो गया है। नगर निगम ने अब इन मकानों व प्रतिष्ठानों को वैध करने की कार्रवाई करने जा रहा है। निगम कमिश्नर अमित कुमार सुनवाई करेंगे। राजीनामा योग्य प्रकरणों में विकास शुल्क और राजीनामा शुल्क लेकर वैध करेंगे। अनुमान के मुताबिक इस स्कीम से नगर निगम के खजाने में तकरीबन 150 करोड़ रुपये जमा होंगे। इससे निगम की आर्थिक तंगी भी दूर होगी।

CG News:  निगम के इंजीनियरों का कमाल: बिना अनुमति पांच साल में तन गए 10 हजार मकान, राजीनामा स्कीम से निगम के खजाने में जमा होंगे 150 करोड़ रुपये
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By Radhakishan Sharma

CG News: बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम सीमा क्षेत्र में 5 साल में बिना अनुमति और नक्शा पास करवा 10 हजार से ज्यादा मकान बन गए। अब निगम उनका निराकरण कर अवैध निर्माण को वैध करने का अवसर प्रदान कर रहा है। नगर निगम उन भवन मालिकों को राहत देने जा रहा है, जिन्होंने बिना अनुमति या नियम विपरीत निर्माण कर लिया है। ऐसे सभी प्रकरणों की सुनवाई हर गुरुवार शाम 4 से 5 बजे निगम कमिश्नर की मौजूदगी में होगी और राजीनामा प्रक्रिया के जरिए भवनों को वैध किया जाएगा। इसके लिए कमिश्नर अमित कुमार ने सभी जोन कमिश्नरों, भवन शाखा और संबंधित इंजीनियरों को अवैध निर्माण चिह्नांकित कर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। जो निर्माण राजीनामा योग्य होंगे, उन्हें विकास शुल्क व राजीनामा शुल्क लेकर नियमित किया जाएगा। सुनवाई के दौरान भवन मालिकों को सभी दस्तावेज साथ लाने होंगे।

बिलासपुर नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि भवन अनुज्ञा के लिए निर्धारित सामने का खुला क्षेत्र और पार्किंग नियमों का कड़ाई से पालन अनिवार्य होगा। मार्ग संरचना वाली कॉलोनियों में एमआईसी द्वारा तय विकास शुल्क जमा करने के बाद ही अनुमति दी जाएगी। यदि किसी भवन मालिक ने राजीनामा सुनवाई के बाद भी अवैध निर्माण वैध नहीं कराया, तो उस पर तोड़फोड़ की कार्रवाई की जाएगी।

ऐसे करेंगे शुल्क का निर्धारण

- 100 वर्गमीटर तक-अनुज्ञा शुल्क का 15 गुणा

- 100 से 200 वर्गमीटर का - अनुज्ञा शुल्क का 20 गुणा

- 200 से 300 वर्गमीटर का-अनुज्ञा शुल्क का 25 गुणा

- 300 से 400 वर्गमीटर का-अनुज्ञा शुल्क का 30 गुणा

- 400 से 500 वर्गमीटर का -अनुज्ञा शुल्क का 35 गुणा

- 500 से 600 वर्गमीटर का-अनुज्ञा शुल्क का 40 गुणा

- 600 से 700 वर्गमीटर का-अनुज्ञा शुल्क का 45 गुणा

- 700 वर्गमीटर से अधिक-अनुज्ञा शुल्क का 50 गुणा

FAR और नियमों का पालन करने वालों को मिलेगी राहत

नुकसान की भरपाई और अवैध निर्माणों को वैध करने के लिए निगम ने ‘राजीनामा योजना’ लागू की है। योजना का लाभ केवल उन्हीं मकानों को मिलेगा, जिन्होंने एफएआर, पार्किंग, ओपन स्पेस और अन्य भवन निर्माण नियमों का पालन किया है। ऐसे भवनों के नक्शे, तय मापदंड के तहत निर्धारित शुल्क जमा करने के बाद पास किए जाएंगे। जिन मकान मालिकों ने एक-दो मंजिल की अनुमति लेकर अधिक निर्माण कर लिया है, ऐसे लोगों को राजीनामा योजना के दायरे से बाहर कर दिया गया है। जहां पार्किंग नहीं है, ऐसे भवनों को निगम ने पूरी तरह अवैध मानते हुए नियमित नहीं करने का निर्णय लिया है। योजना का लाभ लेने वालों केा डेवलपमेंट चार्ज और बकाया हाउस टैक्स चुकाने होंगे। सड़क–नाली न होने वाले क्षेत्रों में टीएनसीपी के माध्यम से विकास शुल्क लेकर ही ढांचा विकसित होगा।

शुल्क के लिए ये मापदंड जरुरी

- मकान की स्थिति

- उपयोग (रेजिडेंशियल या कमर्शियल)

- लोकेशन।

निगम कमिश्नर ने कहा: नियमों का पालन किया तो आएंगे योजना के दायरे में

नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने बताया कि नगर पा​लिक निगम एक्ट के तहत बिना अनुमति निर्माणों का राजीनामा होता है। जो मकान निगम की अनुमति बगैर बना हो, लेकिन एफआर, पार्किंग, ओपन स्पेस एरिया नियम के तहत हो, तो वे राजीनामा के दायरे में आएंगे।

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