CG News: भूमाफिया के खिलाफ दर्ज हुई FIR, फर्जी मुख्तारनामा के जरिये बेच दी जमीन
CG News: महिला को पंजीयक कार्यालय में खड़ा कर फ़र्ज़ी मुख्तियारनामा बनवा कर भू माफिया ने वर्ग फीट जमीन बेच दी। जमीन मालिक को जब इसकी जानकारी मिली तब उसने कलेक्टर अवनीश शरण से शिकायत की। कलेक्टर के निर्देश पर सिविल लाइन थाने में भू-माफिया समेत अन्य के साथ 420 का मामला दर्ज किया है।

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CG News: बिलासपुर। पंजीयन कार्यालय में महिला को खड़े कर भू-माफिया ने फर्जी मुख्तियार नामा हासिल की। फिर दूसरे के स्वामित्व की जमीन को दो लोगों के नाम पर रजिस्ट्री करा दी। भू-स्वामी को जब इसकी जानकारी मिली तब उसने कलेक्टर अवनीश शरण से शिकायत की। कलेक्टर ने इस मामले में एसडीएम मनीष साहू से जांच करवाई। मामला सही पाया गया। फिर पीड़ित ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने भू-स्वामी की रिपोर्ट पर भू-माफिया समेत अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी व दस्तावेजों से कुटरचना का मामला दर्ज किया है। मामला सिविल लाईन थाना क्षेत्र का है।
जरहाभाठा निवासी उमेंद्र राम भार्गव ने 3 अक्टूबर 2020 को मायादेवी पति लक्ष्मीशंकर सिंह की देवरीखुर्द स्थित खसरा नंबर 38/12 की रकबा 2400 वर्ग फीट जमीन खरीदी थी। किन्हीं कारणों से वे नामांतरण नहीं कराया था। इसके चलते कोविड के दौरान भुइयां एप में जमीन के दो खसरा नंबर शो होने लगा। इसका फायदा उठाते हुए भू-माफिया बजरंग प्रसाद गौतम ने 2020 में माया देवी के नाम से दूसरी महिला का फर्जी आधार कार्ड बनवाया। फर्जी दस्तावेजों के साथ उसे व गवाहों को पंजीयक के सामने प्रस्तुत कर फर्जी मुख्तियारनामा हासिल कर लिया।
उक्त जमीन का बी-1 व बी-2 लगा कर फर्जी ऋण पुस्तिका बनवा ली। इसके बाद भू-माफिया बजरंग प्रसाद ने उमेंद्र राम भार्गव की जमीन 9 जनवरी 2020 को सुषमा गुप्ता और अरविंद गुप्ता से सौदा किया। 13 फरवरी को जमीन की दोनों के नाम पर रजिस्ट्री भी करा दी। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद जब उमेंद्र प्लॉट पर गया तो उसे सुषमा और अरविंद का कब्जा मिला। पीड़ित ने कलेक्टर से इसकी शिकायत की। जांच करने पर पूरी बात सामने आई। मामले में पीड़ित की रिपोर्ट पर पुलिस ने भू-माफिया बजरंग प्रसाद गौतम व अन्य के खिलाफ जुर्म दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पटवारी, आरआई की भूमिका संदिग्ध
फर्जी मुख्तियारनामा हासिल कर जमीन की रजिस्ट्री मामले में तत्कालीन पटवारी, आरआई, तहसीलदार समेत अन्य अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। पुलिस जांच के बाद धोखाधड़ी के मामले में संलिप्त राजस्व अधिकारी कर्मचारियों का नाम भी एफआईआर में जोड़ कर आरोपी बनाएगी।