CG News: अजब-गजब, बेटे की पढ़ाई के लिए मां ने बीमा कंपनी में गहने रखे गिरवी, बिना बताए कंपनी ने कर दिया नीलाम
CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक महिला ने बजाज फायनेंस बीमा कंपनी से गोल्ड लोन लिया था। इसके एवज में महिला ने अपने गहने गिरवी रख दिया था। हर महीने किस्त की राशि जमा करा रही थी।
CG News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक महिला ने बजाज फायनेंस बीमा कंपनी से गोल्ड लोन लिया था। इसके एवज में महिला ने अपने गहने गिरवी रख दिया था। हर महीने किस्त की राशि जमा करा रही थी। इसी बीच बीमा कंपनी ने महिला को बिना बताए उसके गहने नीलाम कर दिया। महिला ने इसकी शिकायत उपभोक्ता आयोग में की थी। मामले की सुनवाई के बाद आयोग ने बीमा कंपनी पर जुर्माना ठोंकने के साथ ही वर्तमान बाजार भाव के हिसाब से गहने की कीमत देने का निर्देश बीमा कंपनी को दिया है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ईमलीभाठा की रहने वाली एक महिला ने बेटे की पढ़ाई के लिए बजाज फायनेंस कंपनी ने गोल्ड लोन लिया था। गहने गिरवीकरख एक लाख 12 हजार रूपये का लोन लिया था। एग्रीमेंट के अनुसार महिला फायनेंस कंपनी से एक साल के लिए लोन लिया था। कंपनी द्वारा तय किस्त भी वह जमा करा रही थी। छह महीने का किस्त हर महीने तय तिथि को फायनेंस कंपनी में जमा करा रही थी। सातवें महीने जब वह किस्त की राशि जमा करने फायनेंस कंपनी पहुंची तब कंपनी के स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि कंपनी ने गहने को नीलाम कर दिया है। महिला ने जब इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों से पूछा कि हर महीने तय तिथि में वह किस्त की राशि जमा करा रही है, इसके बाद भी उसके गहने किस आधार पर नीलाम कर दिया है। महिला ने यह भी पूछा कि नीलामी से पहले उसे जानकारी क्यों नहीं दी गई। जब तय समय में किस्त की राशि जमा हो रही है तब उसके गहने क्यों नीलाम किए गए। इस संबंध में फायनेंस कंपनी के अफसर जवाब नहीं दे पाए।
उपभोक्ता आयोग में दायर किया मामला
फायनेंस कंपनी की मनमानी से परेशान गीता शिंदे ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से उपभोक्ता आयोग में मामला दायर किया। महिला ने अपने वाद में आयोग को बताया कि बेटे की पढ़ाई के लिए उसने फायनेंस कंपनी से गोल्ड लोन लिया था। लोन देते वक्त कंपनी ने हर महीने जो किस्त तय किया था वह बराबर जमा करा रही है। इसके बाद भी फायनेंस कंपनी ने उसके गहने नीलाम कर दिया है। यह सीधा-सीधा अमानत में खयानात है।
चार साल पहले लिया था गोल्ड लोन
गीता शिंदे ने दिसंबर 2020 में बजाज फायनेंस कंपनी से 34.89 ग्राम सोने के जेवर गिरवी रखकर 1,12 हजार रुपये लोन लिया था। दिसंबर 2021 में जब किस्त की राशि पूरी जमा हो गई तब वह अपना जेवर लेने पहुंची। कंपनी के अधिकारियों ने जेवर वापस नहीं किए। तब उसने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कंपनी को लीगल नोटिस दिया। इसके बाद कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि उसके गहने नीलाम कर दिया है। जब उसने गहने वापस देने दबाव बनाया तब कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि लोन की राशि से ब्याज अधिक होने के कारण गहने नीलाम कर दिया है। तब उसने फायनेंस कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता आयोग ने वाद दायर किया था। मामले की सुनवाई के बाद आयोग ने फायनेंस कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ तल्ख टिप्पणी करते हुए लिखा है कि कंपनी ने गहने लौटाने के बजाय नीलाम कर दिया है। यह सरासर उपभाेक्ता के अधिकार का उल्लंघन है। उपभोक्ता आयोग ने महिला के गहने या फिर वर्तमान बाजार मूल्य के आधार पर राशि वापस लौटाने का निर्देश फायनेंस कंपनी को दिया है। महिला को हुए मानसिक कष्ट के लिए बतौर क्षतिपूर्ति 10 हजार रुपये और मामले मुकदमे हुए खर्च के लिए पांच हजार रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
फायनेंस कंपनी के तर्क को आयोग ने किया खारिज
फायनेंस कंपनी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से आयोग को जानकारी दी थी कि महिला समय पर किस्त की राशि का भुगतान नहीं कर पाई थी। इसके चलते एग्रीमेंट के साथ ही नियमों के अनुसार गहने की नीलामी की गई। गहने की नीलामी से कंपनी को एक लाख 24 हजार रुपये मिले। लोन के एवज में महिला से एक लाख 37 हजार रुपये वसूलने थे। अंतर की राशि को फायनेंस कंपनी ने माफ करते हुए लोन अकाउंट को बदं कर दिया था। कंपनी की ओर से बताया कि कंपनी को इसके बाद भी नुकसान उठाना पड़ा है। उपभोक्ता आयोग ने कंपनी के जवाब व तर्क को खारिज कर