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CG News: बड़ी सफलताः चार बड़े नक्सलियों ने किया सरेंडर, 16.50 लाख नगदी, लैपटाॅप समेत भारी मात्रा में नक्सली सामाग्री जब्त...

CG News: छत्तीसगढ़ में जवानों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस के सामने चार बड़े माओवादियों ने सरेंडर किया है। वहीं, दूसरी कार्रवाई में पुलिस ने नक्सलियों के कैंप को ध्वस्त किया है।

CG News: बड़ी सफलताः चार बड़े नक्सलियों ने किया सरेंडर, 16.50 लाख नगदी, लैपटाॅप समेत भारी मात्रा में नक्सली सामाग्री जब्त...
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By Sandeep Kumar

CG News: गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में चार हार्ड कोर माओवादियों ने रायपुर संभाग आईजी अमरेश मिश्रा, एसपी गरियाबंद के सामने आत्मसमर्पण किया है। राज्य सरकार ने इन नक्सलियों पर 19 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। सरेंडर माओवादियों में दो महिलाएं भी शामिल है।

वहीं, दूसरी बड़ी कार्रवाई करते हुये गरियाबंद-धमतरी पुलिस, सीआरपीएफ और कोबरा की संयुक्त टीम ने मैनपुर के ग्राम बडेगोबरा के पहाड़ी क्षेत्र में नक्सलियों के कैंप को ध्वस्त किया है। इस दौरान पुलिस ने कैंप से 16.50 लाख नगदी, लैपटाॅप, इलेक्ट्र्निक डिवाईस सहत भारी मात्रा में नक्सल सामाग्री बरामद किया गया है।

सरेंडर माओवादियों पर इनाम

डीजीएन डिवीजन के डीव्हीसीएम दीपक उर्फ भीमा मण्डावी 08 लाख ईनामी तथा पोलित ब्यूरो सदस्य/सीसीएम- मोदेम बालाकृष्णन उर्फ मनोज के प्रोटेक्शन टीम के कैलाश उर्फ भीमा भोगाम (एरिया कमेटी सदस्य) 05 लाख ईनामी, रनिता उर्फ पायकी (एरिया कमेटी सदस्य) 05 लाख ईनामी तथा सुजीता उर्फ उरें कारम 01 लाख ईनामी माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण ।

दरअसल, नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत शासन की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति तथा गरियाबंद पुलिस के समर्पण हेतु अपील से प्रभावित होकर प्रतिबंधित संगठन सीपीआई माओवादी के डीजीएन डिवीजन के 4 सक्रिय हार्डकोर माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।

आत्मसमर्पित माओवादियों का विवरण

(01) दीपक उर्फ भीमा मंडावी

ग्राम इतन, पंचायत-पालेसरमा थाना किस्टाराम जिला सुकमा का निवासी है।

वर्ष 2008 में लगभग 14-15 वर्ष की आयु में माओवादियों ने चेतना नाट्य मंडली में शामिल किया।

वर्ष 2010 में किस्टाराम एरिया कमेटी कमांडर सावित्री द्वारा इसे माओवादी संगठन में पार्टी सदस्य के रूप में शामिल किया गया।

एक वर्ष तक बस्तर में कार्य करने के बाद जुलाई 2011 को इंद्रावती से माड होते हुये जिला गरियाबंद क्षेत्र में कार्य करने के लिये भेजा गया। गरियाबंद पहुंचने उपरांत इसे गोबरा एलजीएस में सदस्य रूप में शामिल किया गया।

कई वर्षों तक एलजीएस में कार्य करने बाद 2018 को एसीएम एवं एलजीएस का कमांडर बनाया गया। अप्रैल 2025 में इसके काम से प्रभावित होकर इसे डीव्हीसीएम बनाया गया।

उक्त माओवादी डीजीएन डिवीजन में सक्रिय रहने के दौरान वर्ष 2011 को ग्राम झोलाराव मुठभेड जिसमें 03 माओवादी मारे गये, ग्राम कट्टीगांव मुठभेड जिला धमतरी जिसमें 01 माओवादी मारी गई, वर्ष 2025 को ग्राम काण्डसर मुठभेड जिसमें 01 माओवादी मारा गया तथा ग्राम बेसराझर मुठभेउ जिसमें 16 नक्सलियों के मारे जाने की प्रमुख घटनाओं सहित जिला गरियाबंद एवं धमतरी में माओवादियों द्वारा घटित लगभग 25-27 घटनाओं में शामिल रहा।

(02) कैलाश उर्फ भीमा भोगम

ग्राम सीमिलपेंटा थाना जगरगुण्डा जिला सुकमा का निवासी है।

2009 में 10 साल की उम्र में बाल संगठन एवं वर्ष 2010 से 2013 तक सीएनएम के सदस्य के रूप कार्य किया।

वर्ष 2013 को जगरगुण्डा एरिया कमेटी के शंकर द्वारा इसे संगठन में सदस्य के रूप में भर्ती कराया गया।

दिसम्बर 2014 को बडे कैडरो के कहने पर इसे सीसी मनोज के प्रोटेक्शन टीम में शामिल कर दिया गया।

वर्ष 2015 से मई 2019 तक सीसी प्रोटेक्शन टीम का सदस्य रहा।

मई 2019 से जुलाई 2020 तक सीसी प्रोटेक्शन टीम में एसीएम रहा।

जून 2020 से सितम्बर 2024 तक प्रोटेक्शन टीम डिप्टी कमाण्डर रहा।

सितम्बर 2024 से जून 2025 तक प्रोटेक्शन टीम कमाण्डर के तौर पर कार्य किया।

दिसम्बर 2023 से गरियाबंद में सक्रिय रहने के दौरान नवंबर/2024 को ग्राम अमाड थाना जुगाड के पास मुठभेड एवं मई/2025 को ग्राम मोतीपानी थाना शोभा के मुठभेड जिसमें 01 माओवादी मारा गया जैसे प्रमुख घटना सहित जिला कंधमाल, नुआपाडा (ओडसा) तथा बस्तर के कई माओवादी घटनाओं में शामिल रहा है।

(03) रनिता उर्फ पायकी

ग्राम तिमेनार, थाना मिरतुर, जिला बीजापुर की निवासी है।

गांव में बाल संगठन एवं चेतना नाट्य मंच में कार्य कर रही थी।

वर्ष 2016 में इसे 13 नंबर पीएल कमाण्डर अशोक द्वारा माओवादी संगठन में पार्टी सदस्य के रूप में भर्ती कराया गया।

फरवरी 2017 को सीसी-मनोज द्वारा इसे अपने प्रोटेक्शन टीम में शामिल कर लिया गया।

मई/2017 को गरियाबंद से होते हुये ओडिसा के जिला कालाहाण्डी, नियमगिरी क्षेत्र चले गये।

दिसम्बर 2023 से गरियाबंद में सक्रिय रहने के दौरान नवंबर/2024 को ग्राम अमाड थाना जुगाड के पास मुठभेड एवं मई/2025 को ग्राम मोतीपानी थाना शोभा के मुठभेड जिसमें 01 माओवादी मारा गया जैसे प्रमुख घटना सहित जिला कंथमाल, नुआपाडा (ओडसा) तथा बस्तर के कई माओवादी घटनाओं में शामिल रही। वर्ष 2025 में ही एसीएम पद में इसे पदोन्नत किया गया था।

(04) सुजीता उर्फ उरें कारम

ग्राम पेद्दागेलूर थाना तर्रेम, जिला बीजापुर की निवासी है।

जुलाई/2023 को इसे बासागुडा एलओएस कमाण्डर-कमला द्वारा नक्सल संगठन में भर्ती कराया गया। एक सप्ताह बाद इसे प्रशिक्षण के लिये पामेड एरिया कमेटी कमाण्डर संदेश के पास भेजा गया।

प्रशिक्षण के बाद 2023 में एसजेडसी विकास द्वारा इसे सीसी-मोदेम बालाकृष्णन के प्रोटेक्शन टीम में शामिल कर दिया गया।

दिसम्बर 2023 से गरियाबंद में सक्रिय रहने के दौरान नवंबर/2024 को ग्राम अमाड थाना जुगाड के पास मुठभेड एवं मई/2025 को ग्राम मोतीपानी थाना शोभा के मुठभेड जिसमें 01 माओवादी मारा गया जैसे प्रमुख घटना में शामिल रही।

सरेंडर चारों माओवादियों ने बताया कि नक्सली निर्दोष ग्रामीणों की पुलिस मुखबिरी के शक में जबरन हत्या, लोगों को बेवजह राशन-सामानों के लिए परेशान करना, शासन के विकास कार्यो को नुकसान पहुंचाना या पूरा नहीं होने देना, बस्तर के छोटे-छोटे युवक-युवतियों को बहला-फुसला या उनके परिवार वालो को डरा धमका का माओवादी संगठन में शामिल कर रहे है। बडे माओवादियों द्वारा छोटे कैडरों का शोषण करना, स्थानीय लोगो को शासन के विरूद्ध आंदोलन के लिए उकसाना एवं निर्माण कार्यों से जुडे ठेकेदारो से अवैध वसूली करने के लिए माओवादी संगठन को अड्डा बना लिये है। इन्ही सब स्थितियों को देखते हुये तथा हमारे साथियों द्वारा लगातार आत्मसमर्पण किये जा रहे है।

माओवादियों ने बताया कि शासन की आत्मसमर्पण-पुनर्वास नीति के समक्ष समर्पण करने पर पद अनुरूप ईनाम राशि की सुविधा, हथियार के साथ समर्पण करने पर ईनाम राशि की सुविधा, बिमार होने पर स्वास्थ्य सुविधा, आवास की सुविधा, रोजगार की सुविधा को देखते हुये हमारे कई माओवादी साथी (टिकेश, प्रमीला, दिलीप, मंजला, सुनीता जैसे कई साथी) आत्मसमर्पण कर शासन के इन्ही योजनाओं का लाभ उठा रहे है। हम लोगो को समाचार पत्रो व स्थानीय ग्रामीणों के माध्यम से जानकारी मिलती थी। गरियाबंद पुलिस द्वारा जंगल-गांवों में प्रचारित समर्पण नीति के पोस्टर-पाम्पलेट मिलते थे, जिससे हम लोगों के मन विचार आया कि हम लोग क्यों जंगल में पशुओं की तरह दर-दर भटक रहे है और इन बडे माओवादी कैडरो की गुलामी कर रहे है। आत्मसमर्पित साथियों के खुशहाल जीवन से प्रभावित होकर हम लोग भी अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन बिताने के लिए आत्मसर्मपण के मार्ग को अपनाया है।

साढ़े 16 लाख जब्त, गरियाबंद पुलिस की दूसरी बड़ी कार्रवाई

17 जुलाई को जिला गरियाबंद पुलिस, धमतरी पुलिस, सीआरपीएफ एवं कोबरा की संयुक्त टीम थाना मैनपुर के ग्राम बडे गोबरा जंगल/पहाडी क्षेत्र की ओर सर्चिग अभियान की कार्रवाई पर थी। सुबह बड़े गोबरा जंगल/पहाडी में सर्चिग के दौरान संयुक्त पुलिस पार्टी को अपनी ओर आता देख कर जंगल में कैंप लगाये हुये व घात लगाकर छिपे प्रतिबंधित माओवादी संगठन के सशस्त्र वर्दीधारी नक्सलियों के द्वारा अपने पास रखे स्वचलित हथियारों से पुलिस पार्टी को जान से मारने के उद्देश्य से पुलिस पार्टी के ऊपर अंधाधुंध फायरिंग करने लगे।

माओवादी नक्सलियों के विरूद्ध जवाबी कार्यवाही का कोई अन्य विकल्प न होने से पुलिस पार्टी द्वारा भी आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग किया गया। पुलिस पार्टी को भारी पड़ता देख नक्सली घने जंगल पहाड़ का आड़ लेते हुए सभी नक्सली भाग गये।

घटना स्थल पहुंच कर आस पास सर्च के दौरान देशी बीजीएल बड़ा 04 नग, देशी सुरका सेल छोटा 04 नग, हैण्ड ग्रिनेड 01 नग, बेल्ट महरूम कलर 01 नग, नक्सली पोज 02 नग, नक्सली वर्दी 02 सेट, नगदी रकम 16,50,000 रूपये, 2 नग मोबाइल सैमसंग कंपनी, किन्डल इलेक्ट्रानिक डिवाईस 01 नग, पेनासोनकि कंपनी का 01 नग रेडियों, सुरका कारतूस देशी 07 नग, सुरका कारतूस देशी खाली केस 06 नग, इसांस राउण्ड 5.56 एमएम. 15 नग, 7.62 एमएम. राउण्ड 16 नग, 7.62 एमएम. खाली केश-02 नग, एचडी कार्टेज 01 नग, एक स्टील बडा डिब्बा में 01 नग DELL कंपनी लैपटॉप, 01 नग लेपटॉप चार्जर, कार्डेक्स 04 बण्डल, जिलेटिन राड 15 नग, इलेक्ट्रानिक डेटोनेटर 50 नग, इंसास मैगजीन 01 नग, एसएलआर रायफल मैगजीन 01 नग, सोल्ड्रिग मशीन 01 नग, इलेक्ट्रानिक वायर 01 बण्डल, टिफिन बम 01 नग मौके पर अन्य सामग्रियों बरामद किया।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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