CG News: बेबीलोन टॉवर में रात 3 बजे फिर लगी आग, SDM, कमांडेंट, TI ने जान पर खेलकर नौंवे फ्लोर से 40 लोगों को ऐसे बचाया, कलेक्टर, SSP ने किया सम्मानित
कल देर रात रायपुर के नौ मंजिला बेबीलोन टॉवर में लगी आग बूझ गई थी। मगर आधी रात के बाद करीब तीन बजे फिर भभक उठा। जिला प्रशासन की टीम और फायर अमला वहां तैनात था, इसलिए घंटे भर के भीतर आग पर काबू पा लिया गया। बहरहाल, कल बेबीलोन टॉवर में आग का मंजर जिसने भी देखा लोग आवाक रह गए...मुंह से बरबस निकल गया कि ईश्वर का शुक्र है कि कोई जनहानि नहीं हुई। सिर पर कफन बांधकर नौंवे मंजिल पर चढ़कर लोगों को निकाल लाने वाली टीम को कलेक्टर और एसएसपी ने आज सम्मानित किया।

रायपुर। रायपुर के वीआईपी चौक स्थित बेबीलोन टॉवर में कल लगी आग आज पर आज सुबह जाकर काबू पाया जा सका। हालांकि, रात साढ़े दस बजे के करीब रेस्क्यू करके फंसे लोगों को निकाल लिया गया था। इस दौरान आग बूझ भी गई थी। मगर इसके बाद पूरे फ्लोर का निरीक्षण करने के बाद रात एक बजे कलेक्टर गौरव सिंह और एसएसपी लाल उमेद सिंह घर लौट गए थे।
ऐहतियात के तौर पर वहां तहसीलदार, नगर निगम और पुलिस का अमला तैनात किया गया था। बताते हैं, रात तीन बजे चौथे फ्लोर पर एक शॉप में फिर से आग लग गई। चूकि फायर टीम वहां तैनात थी, इसलिए तुरंत हरकत में आते हुए आग पर काबू पा लिया गया वरना बड़ी घटना हो सकती थी।
दो दर्जन फायर ब्रिगेड पहुंच गई
गुढ़ियारी में पिछले साल बिजली विभाग के स्टेशन में बड़ी आगजनी की घटना हुई थी, इसलिए पता था कि कैसे और किधर से दमकल गाड़ियां बुलानी है। कलेक्टर गौरव सिंह को जब आग लगने की सूचना मिली, वे मुख्यमंत्री को रिसीव करने एयरपोर्ट पर थे।
वहां से वे और एसएसपी लाल उमेद सिंह तुरंत मौके की तरफ भागे। कलेक्टर ने रास्ते से ही आसपास की सीमेंट और आयरन, माईनिंग कंपनियों के साथ एयरपोर्ट, बीएसपी को फोन कर फायर ब्रिगेड की गाड़िया बुलवा ली थी।
जान पर खेलकर लोगों को निकाला
एसडीएम, कमांडेंट, निगम का फायर अमला और तेलीबांधा थाने के टीआई जिस समय सीढ़ियों से उपर चढ़े, उस समय बिल्डिंग धुंए से भरी थी। नौंवे फ्लोर पर सांगरिया रेस्टोरेंट है, वहां 40 लोग फंसे हुए थे। उन्हें निकालने के लिए जिला प्रशासन की टीम अपनी जान की परवाह न करते हुए उपर चढ़ गई और धुंए से बचाने सभी के नाक और मुंह बांधकर नीचे ले आई। एक बीमार व्यक्ति व्हील चेयर पर था, उसे चार लोग मिलकर उठाए और नौंवे फ्लोर से नीचे लाकर उसकी जान बचा ली।
लिफ्ट के जरिये लगी आग
लिफ्ट के केबल में आग लगी और जैसे-जैसे लिफ्ट उपर गया, आग फ्लोर-दर-फ्लौर फैलती गई। आग लगने की वजह से लिफ्ट बंद हो गया। अब फंसे लोगों को निकालने के लिए एक ही रास्ता बचा था, वह थी सीढ़ी। विडंबना यह कि आठ फ्लोर की बिल्डिंग, जिसमें बड़ी-बड़ी आईटी कंपनियों और टूर और ट्रेवर्ल्स कंपनियों के ऑफिस हैं, वहां कोई इमरजेंसी एग्जिट का इंतजाम नहीं है। लिफ्ट बंद थी और सीढ़ियों में धुंआ फैला हुआ था।
राजधानी के बेबीलॉन टावर में बीते रात अचानक आग लगने की घटना पर जिला प्रशासन-पुलिस और विशेष कर कुछ साहसी युवाओं के प्रयासों और सूझबूझ से बिना जनहानि के काबू पा लिया गया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन के हीरोस् को कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह और एसएसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने आज सम्मानित किया।
गौरतलब है कि बेबीलॉन टावर में आग लगने की घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री साय ने जिला प्रशासन को त्वरित रूप से राहत एवं बचाव कार्य संचालित करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को यह विशेष रूप से हिदायत दी थी कि इस अग्नि दुर्घटना में जनहानि न होने पाए, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। बेबीलॉन टावर में आग लगने की सूचना मिलते ही कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के साथ-साथ अग्निशमन का अमला तेजी से मौके पर पहुंचा और बचाव कार्य जुट गया। बेबीलॉन टावर में फसे लोगों को समय रहते ही सुरक्षित निकाल लिया गया है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के चलते इस दुर्घटना में जनहानि नहीं हुई। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान स्वयं मुख्यमंत्री और सीएम सचिवालय के अधिकारी पल-पल की जानकारी लेते रहे।
इस रेस्क्यू ऑपरेशन के हीरो को कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह और एसएसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने शॉल और किताब देकर सम्मानित किया और कहा कि यह सारे लोग समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत है। हमारे शहर के गौरव हैं, जिन्होंने अपने जान की परवाह किए बिना फंसे लोगों को बचाने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। इनमें सोमेश साव, देवाशीष बरिहा, आकाश साहू, विशाल यादव, अभिषेक सिन्हा ए.वेनूगोपाल शामिल थे। जिला सेनानी अधिकारी पुष्पराज सिंह, तेलीबांधा थाना टीआई सहित अन्य पुलिस कर्मियों ने भी इस दुर्घटना की रोकथाम और बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने कहा कि इन जांबाज़ बच्चों ने अपने समाज की संस्कृति और परिवार के संस्कारों को प्रदर्शित किया है कि कठिन परिस्थितियों में अपनी चिंता न कर दूसरों की चिंता करें एवं इनके माता-पिता वंदनीय हैं जिन्होंने अपनी संतानों की इतनी अच्छी परवरिश की, जो अपने समाज के समक्ष उदाहरण बनकर उभरें हैं। कलेक्टर ने कहा कि कल रात घटना की जानकारी मिली तो एसएसपी और मैं एयरपोर्ट में थे। चूंकि मुख्यमंत्री साय का आगमन होना था। मुख्यमंत्री ने हमें तुरंत घटना स्थल पर जा कर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुड़ जाने का निर्देश दिए। इसके तुरंत बाद घटना स्थल पर पहुंच गए। उस दौरान नगर निगम आयुक्त विश्वदीप, जिला पंचायत सीईओ कुमार बिश्वरंजन, एडीएम उमाशंकर बंदे, एसडीएम नंदकुमार चौबे, जिला सेनानी अधिकारी पुष्पराज सिंह, तेलीबांधा थाना टीआई और सहित प्रशासनिक अमला और एसडीआरएफ की टीम आग बुझााने के काम में डटे थे। रेस्क्यू टीम ने आग लगे स्थल से एक दिव्यांग व्यक्ति को गोद में लेकर बाहर निकाला।
घटना की सूचना मिलते ही पहले एसडीएम नंदकुमार चौबे और जिला सेनानी पुष्पराज सिंह घटना स्थल पहंुच गए। परिस्थियों को देखते हुए वे दोनो टीम के साथ 7वे माले पर पहुंच गए और उपस्थित लोंगो को समझाया कि घबराएं नही और सावधानी बरते हुए सीढ़ियों से बाहर निकलने का रास्ता बताया, जिससे सभी लोग सुरक्षित तरीके से बाहर निकल आए। सोमेश सहित युवाओं ने अपनी जान की नही की परवाह, बचाई जानें
सोमेश साव ने बताया कि उनके मित्र ने फोन कर आगजनी की सूचना देकर सहायता करने को कहा वे 10 मिनट के भीतर घटनास्थल पहुंच गए। वहां पहुँच कर बेसमेंट में मौजूद फायर एक्यूपमेंट को इकठ्ठा किया और सीढ़ियों से उपर चढते हुए सभी फ्लोर पर लगे आग बुझाते चले गए। उन्होंने नगर निगम कर्मचारी ए. वेनूगोपाल, जो फायर ब्रिगेड में थे, उन्होंने उन युवाओं को गीले कपड़े के मास्क के रूप में उपयोग करने को कहा। कुछ देर बाद सोमेश, ए. वेनूगोपाल आग लगी जगह पर पहुंच गए और टीम के साथ फसें लोगों को बाहर निकालने में मदद की।
