CG News: सर्व समाज का आज छत्तीसगढ़ बंद...राजधानी सहित इन जिलों में दिखा असर, बाजार, दुकाने और दफ्तर बंद
Aaj Chhattisgarh Band: कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में हुए हिंसा और कथित धर्म परिवर्तन के विरोध में सर्व समाज ने आज छत्तीसगढ़ बंद (Aaj Chhattisgarh Band) का आह्वान किया है। बंद का असर कांकेर में तो दिख ही रहा है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों में भी बंद का असर देखने को मिल रहा है।

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Aaj Chhattisgarh Band: कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में हुए हिंसा और कथित धर्म परिवर्तन के विरोध में सर्व समाज ने आज छत्तीसगढ़ बंद (Aaj Chhattisgarh Band) का आह्वान किया है। बंद का असर कांकेर में तो दिख ही रहा है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों में भी बंद का असर देखने को मिल रहा है।
स्थानीय जनजातीय समाज पर हमले का विरोध
बता दें कि छत्तीसगढ़ में इन दिनों एक बार फिर धर्मातरण का मुद्दा गरमाया हुआ है। कांकेर जिले में हिंसा और स्थानीय जनजातीय समाज पर हुए कथित हमले के विरोध में आज 24 दिंसबर को सर्व समाज ने छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है। इसका समर्थन व्यापारिक संगठन छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (CCCI) के साथ अन्य अन्य सामाजिक, व्यापारिक और धार्मिक संंगठनों ने भी किया है।
दुकानों को बंद करने की अपली
छत्तीसगढ़ बंद का असर अब छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, बस्तर, दुर्ग और बिलासपुर सहित पूरे प्रदेश में देखने को मिल रहा है। इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सभी दुकाने, बाजार और प्राइवेट संस्थान बंद है। सामाजिक, व्यापारिक और धार्मिक संंगठन के सदस्य बुधवार सुबह से ही शहरों में घुम घुमकर दुकानों को बंद करने की अपली कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के इन जिलों में दिखा बंद का असर
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, कांकेर, जदगलपुर, गरियाबंद, बिलासपुर, दुर्ग, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, जांजगीर चांपा और पेंड्रा में बुधवार सुबह से ही बंद का असर देखने को मिला। सामाजिक, व्यापारिक और धार्मिक संंगठनों के सदस्यों ने रैली निकालकर और घुम घुमकर दुकानों को बंद करने की अपली की। लोगों ने भी बंद का समर्थन करते हुए अपने दुकान बंद रखे।
क्या हुआ था आमाबेड़ा में?
पूरा विवाद 19 दिसंबर को कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव से शुरू हुआ। बताया जा रहा है कि एक धर्मांतरित व्यक्ति के शव को दफनाने को लेकर स्थानीय ग्रामीणों और मिशनरियों के बीच ठन गई। स्थानीय जनजाति समाज का तर्क था कि चूंकि व्यक्ति ने अपना धर्म बदल लिया है, इसलिए उसे पारंपरिक रीति-रिवाजों वाली जमीन पर नहीं दफनाया जा सकता। इस बहस ने हिंसक रूप ले लिया। आरोप है कि मिशनरियों ने योजनाबद्ध तरीके से स्थानीय समाज पर हमला किया, जिसमें कई लोग घायल हुए। इस घटना के बाद पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई को "एकतरफा" बताते हुए सर्व समाज ने प्रदेशव्यापी आंदोलन का रास्ता चुना है।
व्यापारियों ने दिखाई एकजुटता
सोमवार को रायपुर स्थित प्रदेश कार्यालय में चैंबर अध्यक्ष सतीश थौरानी की अध्यक्षता में एक हाई-प्रोफाइल बैठक हुई। इसमें रायपुर समेत प्रदेश भर के व्यापारिक संगठनों ने हिस्सा लिया।
बैठक के मुख्य बिंदु इस प्रकार रहे:
प्रशासनिक भेदभाव का आरोप : चैंबर महामंत्री अजय भसीन ने घटना की जानकारी देते हुए कहा कि प्रशासन का रवैया पक्षपातपूर्ण रहा है, जिससे व्यापारियों और आम जनता में रोष है।
सुरक्षा का सवाल: पूर्व विधायक और चैंबर संरक्षक श्रीचंद सुंदरानी ने दो टूक कहा कि धर्मांतरण की ये घटनाएं प्रदेश की सामाजिक समरसता और शांति के लिए गंभीर खतरा हैं। उन्होंने व्यापारियों से अपील की कि वे अपनी सुरक्षा और स्वाभिमान के लिए इस बंद को सफल बनाएं।
गांव-गांव तक असर: पूर्व विधायक लाभचंद बाफना ने सुझाव दिया कि यह बंद केवल रायपुर या बड़े शहरों तक सीमित न रहे। बस्तर से लेकर सरगुजा तक, छोटे से छोटे दुकानदार को इस मुहिम से जोड़ा जाए ताकि एकता का संदेश दिल्ली तक पहुंचे।
