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CG News: आदिवासी छात्रावास में मासूम की दर्दनाक मौत, झाड़ी काटते वक्त पास में खेल रहे बच्चे का कटा पैर

CG News: आदिवासी छात्रावास में साफ सफाई और झाड़ी कटाई का काम चल रहा था। छात्रावास के बच्चे भी पास में खेल रहे थे। इसी दौरान झाड़ी काटते हुए चौथी कक्षा के छात्र के पैर की नस कट गई। लगातार रक्तस्राव होने लगा और अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही छात्र की मौत हो गई। छात्रावास अधीक्षक बिना पीएम के छात्र के शव को वापस हॉस्टल ले आया। परिजन और स्थानीय लोगों के विरोध के बाद शव को पीएम के लिए वापस जिला अस्पताल लाया गया है।

आदिवासी छात्रावास में मासूम की दर्दनाक मौत, झाड़ी काटते वक्त पास में खेल रहे बच्चे का कटा पैर
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By Radhakishan Sharma

CG News: बलरामपुर जिले के जरहाडीह स्थित आदिवासी छात्रावास में चौथी कक्षा के छात्र की दर्दनाक मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। मृतक छात्र की पहचान अभय कच्छप (10) के रूप में हुई है। रविवार देर शाम हुई इस घटना ने छात्रावास प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है।

छात्रावास परिसर में रविवार को सफाई और झाड़ी काटने का काम चल रहा था। इस दौरान कई छात्र पास में खेल रहे थे। अभय भी उन्हीं बच्चों में शामिल था। झाड़ी काटने के दौरान किसी धारदार चीज से अभय गंभीर रूप से घायल हो गया। बताया जा रहा है कि उसके पैर की नस कट गई, जिससे लगातार खून बहने लगा।

घटना के बाद छात्रावास अधीक्षक ने तुरंत घायल छात्र को जिला अस्पताल बलरामपुर ले जाया। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति गंभीर देखते हुए उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। लेकिन रास्ते में ही उसकी हालत बिगड़ती गई और अंबिकापुर पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

बिना पीएम अधीक्षक हॉस्पिटल से ले गया बच्चे का शव

मामला और गंभीर तब हो गया जब यह जानकारी सामने आई कि अधीक्षक ने छात्र के शव को बिना पोस्टमार्टम कराए सीधे बलरामपुर ले आया। परिजनों और स्थानीय लोगों ने इसका विरोध करते हुए पोस्टमार्टम की मांग की। इसके बाद शव को वापस जिला अस्पताल लाया गया, जहां अब पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की जा रही है। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। बलरामपुर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

हॉस्टल प्रबंधन पर सवाल

इस घटना ने छात्रावास प्रबंधन और अधीक्षक की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि छात्रावास परिसर में बच्चों के खेलने के समय झाड़ी काटने जैसे खतरनाक काम क्यों कराए जा रहे थे। क्या बच्चों की सुरक्षा के लिए उचित इंतजाम मौजूद थे? इसके अलावा, बिना पोस्टमार्टम कराए शव को बलरामपुर लाने के पीछे अधीक्षक की मंशा क्या थी, यह भी जांच का विषय है।

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