CG News: आदिम जाति विकास विभाग अब अन्य विभागों के लिए नहीं बनेगा निर्माण एजेंसी, जारी हुआ आदेश
CG News: आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा अब अन्य विभागों या मदों के कार्य नहीं करवाए जाएंगे। विभाग को निर्माण एजेंसी नहीं बनाए जाने के लिए प्रमुख सचिव ने आदेश जारी कर दिए हैं। अन्य विभागों का निर्माण एजेंसी बनने पर प्रक्रियागत त्रुटियां होने या नियमों का पालन नहीं होने के चलते गलतियां होती थी। जिसके चलते पुलिस/ ईओडब्ल्यू/ ईडी आदि में शिकायतें होती है । जिससे विभाग की छवि धूमिल होती है। इसके अलावा विभागीय कार्य भी प्रभावित होते हैं। जिसके चलते प्रमुख सचिव ने आदेश जारी किए हैं।

CG News: रायपुर। आदिम जाति विकास विभाग को अब अन्य विभागों के कार्य करवाने के लिए निर्माण एजेंसी नहीं बनाया जा सकेगा। इसके लिए प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग सोनमणि बोरा ने आदेश जारी कर दिया है। विभाग के अन्य कार्यों में उलझे होने और अनावश्यक निर्माण कार्यों में होने वाले बदनामी को देखते हुए प्रमुख सचिव ने यह आदेश जारी किया है। जारी आदेश के तहत विभागीय मद के अलावा अब डीएमएफ,सीएसआर, सांसद/ विधायक विकास निधि तथा जिला प्रशासन के अन्य मदों से करवाए जाने वाले कार्य अब नहीं किए जाएंगे।
आदिम जाति कल्याण विभाग के विभागीय मद के अलावा डीएमएफ,सीएसआर, सांसद/ विधायक विकास निधि तथा जिला प्रशासन के पास उपलब्ध अन्य मदों से भी कार्य करवाए जाने हेतु सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को कार्य एजेंसी नियुक्त कर कार्य संपादित किया जा रहा है।
आदिम जाति विकास विभाग के अधिकारियों को विभागीय कार्य संचालन नियमावली एवं निर्देशों की जानकारी होती है। किंतु अन्य विभागों के नियमों/ मापदंडों की जानकारी नहीं होने से प्रक्रियागत त्रुटि होने की संभावना बनी रहती है। जिससे विभागीय कार्य एवं लक्ष्य प्रभावित होते है। साथ ही विभाग के अतिरिक्त अन्य मदों में कराए जाने वाले कार्यों में कतिपय जिलों में अनियमितता,विलंब, विसंगतियों और अन्य प्रकार के प्रतिकूल परिणाम के प्रकाश में आए हैं,जिसमें विभाग के संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध ईडी/ ईओडब्लू/ पुलिस में प्रकरण दर्ज हुए है। जिससे विभाग की छवि धूमिल हुई है।
प्रमुख सचिव ने अपने जारी आदेश में स्पष्ट किया है कि आदिम जाति विकास विभाग अंतर्गत केंद्र एवं राज्य के महत्वपूर्ण योजनाओं से संबंधित बहुतायात में कार्य विभाग के पास उपलब्ध होने के कारण विभाग के पास वर्ष भर कार्य अत्याधिक रहता है। जिसे विभाग के पास उपलब्ध कार्यरत अमले के माध्यम से इन कार्यों को समय सीमा में पूर्ण किया जाना चुनौती पूर्ण होता है।
इसलिए प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने राज्य स्तर पर निर्णय लिया है कि अन्य विभागों के कार्यों हेतु विभागीय अधिकारियों को क्रियान्वयन एजेंसी बनाए जाने पर आगामी आदेश तक पूर्णतः रोक रहेगी।
कोरबा–दंतेवाड़ा में आ चुके हैं बड़े प्रकरण सामने
अन्य विभागों के निर्माण एजेंसी बनने के चलते बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के प्रकरण सामने आ चुके है। कोरबा जिले में आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त माया वॉरियर पर बड़े पैमाने पर डीएमएफ की राशि में घोटाला करने के आरोप पर ईडी और ईओडब्लू ने प्रकरण दर्ज किया है और इसमें उनकी गिरफ्तारी भी हुई है। इसी तरह दंतेवाड़ा जिले में भी बिना निविदा के टेंडर जारी करने के मामले में अधिकारियों पर मामला दर्ज कर गिरफ्तारी हुई है। जिससे विभाग की छवि धूमिल हुई है। विभाग की छवि बचाने और साफ सुथरा रखने के लिए प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने आदेश जारी कर अन्य विभागों और मदों की राशि का क्रियान्वयन एजेंसी बनने पर रोक लगा दी है। हालांकि उनके इस आदेश से विभाग के निचले स्तर पर भ्रष्टाचार कर मलाई छानने वाले अफसरों को झटका लगेगा।
