Begin typing your search above and press return to search.

CG News: एक नवंबर को नए विधानसभा भवन का उद्घाटन: समारोह में1956 से लेकर अब तक के विधायक व परिजन आएंगे नजर

CG News: छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन का राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर एक नवम्बर को होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के वीवीआईपी उद्घाटन समारोह में शिरकत करेंगे। समारोह के दौरान 1956 से अब तक के विधायकों के अलावा दिवंगत विधायकों के परिजन नजर आएंगे।

CG News: एक नवंबर को नए विधानसभा भवन का उद्घाटन: समारोह में1956 से लेकर अब तक के विधायक व परिजन आएंगे नजर
X
By Radhakishan Sharma

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन का राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर एक नवम्बर को होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के वीवीआईपी उद्घाटन समारोह में शिरकत करेंगे। समारोह के दौरान 1956 से अब तक के विधायकों के अलावा दिवंगत विधायकों के परिजन नजर आएंगे।

नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन का उद्घाटन समारोह 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होना है। गरिमान्य आयोजन के दौरान 1956 से अब तक निर्वाचित विधायकों व परिजन शामिल होंगे।

विधानसभा सचिवालय द्वारा कलेक्टर को पत्र भेजकर 1956 से अब तक निर्वाचित विधायकों व मृत होने की दशा में उनके परिजनों के नाम, पते व मोबाइल नंबर की जानकारी मांगी गई है, ताकि सभी को न्यौता भेजा जा सके।

छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा भवन नवा रायपुर में बनकर तैयार है। एक नवंबर को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर भवन के उ‌द्घाटन समारोह की तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। समारोह में वर्ष 1956 से अब तक के निर्वाचित विधायकों को भी आमंत्रण दिया जाना है। छत्तीसगढ़ विधानसभा सचिवालय द्वारा कलेक्टर को जारी पत्र में लिखा है, मध्यप्रदेश राज्य की स्थापना वर्ष 1956 में की गई थी। छत्तीसगढ़ चूंकि मध्यप्रदेश का अभिन्न अंग रहा है, जिससे अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान वर्ष 1956 से निर्वाचित विधायकों को भी विधानसभा के नए भवन के उ‌द्घाटन समारोह में आमंत्रण दिया जाना है।

सचिवालय ने सारे विधायकों के नाम, पते एवं मोबाइल नंबरों की जानकारी चाही गई है। मृत विधायकों के परिजन की भी जानकारी मांगी गई है, जो उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किए जाएंगे। बिलासपुर जिले के कलेक्टर संजय अग्रवाल ने जिला योजना एवं सांख्यिकीय विभाग को जिम्मेंदारी सौंपी है। विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद के विधायकों की जानकारी तो आसानी से जुटा ली गई है, लेकिन मध्यप्रदेश के जमाने में विशेषकर 60 से 80 के दशक के विधायकों या उनके परिजन की जानकारी जुटाने में विभाग को परेशानी हो रही है।

Next Story