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CG New Minister: नए मंत्रियों में गजेंद्र को खुश, खुशवंत और राजेश को झटका! लखनलाल का बढ़ा रुतबा, CM, डिप्टी सीएम समेत कई मंत्रियों के विभागों में हुआ प्लस-माईनस...

CG New Minister: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने तीन नए मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर दिया है। नए मंत्रियों में गजेंद्र यादव को छोड़ खुशवंत साहेब और राजेश अग्रवाल को अपेक्षाकृत बेहद कमजोर विभाग दिए गए हैं। इन दोनों को ऐसे विभाग मिले हैं, जो छत्तीसगढ़ में मंत्रियों को हमेशा पुछल्ला की तरह मिलते थे। सियासी समीक्षकों का कहना है कि कांग्रेस पृष्ठभूमि के होने से पार्टी में बढ़ते असंतोष को देखते खुशवंत और राजेश को महत्वहीन विभाग देने का फैसला किया गया होगा। बहरहाल, लखनलाल देवांगन को आबकारी देकर उनका कद बढ़ाया गया है। नीचे पढ़िये किस मंत्री का विभाग हुआ प्लस तो किसका हुआ माइनस....

CG New Minister: नए मंत्रियों में गजेंद्र को खुश, खुशवंत और राजेश को झटका! लखनलाल का बढ़ा रुतबा, CM, डिप्टी सीएम समेत कई मंत्रियों के विभागों में हुआ प्लस-माईनस...
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By Gopal Rao



CG New Minister: रायपुर। विष्णुदेव कैबिनेट का बहुप्रतीक्षित विस्तार होने के चार घंटे बाद मुख्यमंत्री ने नए मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर दिया। उन्होंने कुछ मंत्रियों के विभाग कम किए हैं तो कुछ में जोड़े हैं। रामविचार नेताम, ओपी चौधरी, दयालदास बघेल, श्याम बिहारी जायसवाल और लक्षमी राजवाड़े लगभग सभी मंत्रियों के विभाग इस बंटवारे में प्रभावित हुए हैं। नए मंत्रियों में गजेंद्र यादव को ठीकठाक विभाग दिए गए हैं मगर खुशवंत साहेब और राजेश अग्रवाल को अपेक्षा के विपरीत बेहद हल्के विभाग मिले हैं।

सीएम का दो घटा, एक प्लस

मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने जैसा कि एनपीजी न्यूज ने कल बताया था आबकारी और ट्रांसपोर्ट विभाग को शिफ्थ कर दिया है। ट्रांसपोर्ट केदार कश्यप को दिया है तो आबकारी लखनलाल देवांगन को। मुख्यमंत्री के दो विभाग कम हुए हैं तो एक जुड़ा है। केदार कश्यप का सिंचाई विभाग अब मुख्यमंत्री के पास आ गया है।

डिप्टी सीएम अरुण साव से विधि-विधायी

उप मुख्यमंत्री अरुण साव के पास पीडब्लूडी, पीएचई, नगरीय प्रशासन और विधि-विधायी था। इसमें से विधि-विधायी हटाकर इसे गजेंद्र यादव को दिया गया है। इसके बदले में अरुण साव को युवा कल्याण और खेल विभाग मिला है।

डिप्टी सीएम विजय शर्मा से तकनीकी शिक्षा

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के पास गृह, जेल, पंचायत, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा तकनीकी शिक्षा था। इसमें से तकनीकी शिक्षा लेकर खुशवंत साहेब को दिया गया है। याने विजय शर्मा का एक विभाग कम हुआ।

केदार कश्यप से इरीगेशन हटा

केदार कश्यप के पास वन, सिंचाई, सहकारिता और संसदीय कार्य विभाग था। मुख्यमंत्री ने केदार से सिंचाई लेकर अपने पास रखा है। इसके बदले में उन्होंने केदार को ट्रांसपोर्ट विभाग दिया है।

लखनलाल का आबकारी

लखनलाल देवांगन के पास वाणिज्य और उद्योग, सार्वजनिक उपक्रम और ्रश्रम था। अब इसमें आबकारी विभाग जुड़ गया है। मुख्यमंत्री ने अपना आबकारी विभाग लखनलाल को सौंप दिया है।

टंकराम वर्मा को उच्च शिक्षा

टंकराम वर्मा के पास राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, पुनर्वास और युवा कल्याण तथा खेल विभाग थे। मुख्यमंत्री ने युवा और खेल विभाग लेकर अरुण साव को दे दिया है। इसके बदले टंकराम वर्मा को उच्च शिक्षा विभाग दिया गया है।

गजेंद्र यादव को ठीकठाक विभाग

संघ पृष्ठभूमि से आए गजेंद्र यादव को मुख्यमंत्री ने सम्मानजनक विभाग दिया है। गजेंद्र को स्कूल शिक्षा के साथ ग्रामोद्योग और विधि-विधायी विभाग दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग मैनपावर की दृष्टि से देखें तो सबसे बड़ा विभाग हैं। इसमें दो लाख से अधिक शिक्षक और अधिकारी हैं। प्रदेश की कुल सेलरी का करीब आधा पैसा स्कूल शिक्षा विभाग पर खर्च होता है। विधि-विधायी होने से ज्यूडिशिरी से जुड़े काम उनके पास होंगे। ग्रामोद्योग में भी लगभग हर जिले में अपना सेटअप है।

खुशवंत और राजेश को हल्के विभाग

तीन नए मंत्रियों में से सबसे हल्के विभाग खुशवंत साहेब और राजेश अग्रवाल को मिले हैं। खुशवंत को तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार और अनुसूचित जाति विभाग मिला है तो राजेश अग्रवाल को पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग। एक तरह से कहा जाए तो खुशवंत को तकनीकी शिक्षा और राजेश का पर्यटन सबसे बड़ा विभाग है। ये दोनों विभाग हमेशा एक्स्ट्रा विभाग रहे हैं। याने बड़े विभाग के साथ पिछलग्गू की तरह टिका दिया जाता था।

खुशवंत और राजेश को झटका क्यों?

खुशवंत साहेब और राजेश अग्रवाल को बेहद हल्का विभाग दिए जाने पर सियासी पंडितों का कहना है कि दोनों की पृष्ठभूमि कांग्रेस की रही है। चुनाव से पहले कांग्रेस ज्वाईन कर विधायक बनें। लिहाजा, जब से इन दोनों के मंत्री बनने का मामला आया, भाजपा के भीतर काफी असंतोष देखा जा रहा था। ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों को अपेक्षाकृत कमतर विभाग देकर पार्टी में पनपते आक्रोश को दबाने का प्रयास किया गया है।

Gopal Rao

गोपाल राव: रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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