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CG Naxal Surrender: नक्सली सरेंडर: एमएमसी जोन सीसी मेंबर समेत 2 करोड़ 95 लाख रुपए के दर्जन भर नक्सलियों ने किया सरेंडर

CG Naxal Surrender: एमएमसी जोन के सीसी मेंबर रामधेर समेत 12 इनामी नक्सलियों ने हथियारों सहित आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों पर कुल 2 करोड़ 95 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

CG Naxal Surrender: नक्सली सरेंडर: एमएमसी जोन सीसी मेंबर समेत 2 करोड़ 95 लाख रुपए के दर्जन भर नक्सलियों ने किया सरेंडर
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By Radhakishan Sharma

CG Naxal Surrender: राजनांदगांव रेंज में नक्सल उन्मूलन अभियान को एक बड़ी और ऐतिहासिक सफलता मिली है। प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) संगठन के एमएमसी जोन में सक्रिय शीर्ष माओवादी कमांडर रामधेर सहित कुल 12 सशस्त्र नक्सलियों ने आज हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। इन सभी नक्सलियों पर मध्यप्रदेश–महाराष्ट्र–छत्तीसगढ़ क्षेत्र में कुल 2 करोड़ 95 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

यह आत्मसमर्पण समाज के प्रमुख लोगों, पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ अरुण देव गौतम (भा.पु.से.), अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद (भा.पु.से.), पुलिस महानिरीक्षक राजनांदगांव रेंज श अभिषेक शांडिल्य (भा.पु.से.), उप महानिरीक्षक (नक्सल ऑपरेशन) आईटीबीपी अनवर इलाही तथा रेंज के सभी पुलिस अधीक्षकों की उपस्थिति में हुआ।

शासन की “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति–2025” से प्रभावित होकर तथा संगठन की खोखली विचारधारा, आंतरिक शोषण, अत्याचार और हिंसा से तंग आकर इन नक्सलियों ने हथियार छोड़ शांति का रास्ता चुना। यह आत्मसमर्पण अभियान “पुनर्वास से पुनर्जीवन” की भावना को साकार करता है।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का पूरा विवरण

1. रामधेर उर्फ होरूपु उर्फ अमरजीत उर्फ देउ मज्जी, पिता दोबा मज्जी, उम्र 53 वर्ष

पद – सीसीएम, एमएमसी जोन, गढ़चिरौली (महाराष्ट्र)

इनाम – 1 करोड़ 05 लाख रुपये

2. चंदू उर्फ नरेष उर्फ चैतराम उर्फ देवचंद, पिता वकरी, उम्र 55 वर्ष

पद – डीवीसीएम, टाण्डा–मलाजखण्ड एरिया कमेटी सचिव/एलओएस कमांडर

इनाम – 33 लाख रुपये

3. अनीता उर्फ ललिता उर्फ जैनी, पति रामधेर, उम्र 35 वर्ष

निवासी – ग्राम मड़ीन्दापल्ली, तहसील बामरगढ़, गढ़चिरौली (महाराष्ट्र)

पद – डीवीसीएम

इनाम – 33 लाख रुपये

4. प्रेम उर्फ उमराव, पिता धनीराम, उम्र 32 वर्ष

निवासी – ग्राम डबरी, तहसील कोरची, थाना बेड़गांव, गढ़चिरौली (महाराष्ट्र)

पद – डीवीसीएम

इनाम – 33 लाख रुपये

5. जानकी उर्फ प्रेमा उर्फ लिमी, पति नागेष, उम्र 35 वर्ष

निवासी – ग्राम मड़ीन्दापल्ली, तहसील बामरगढ़

पद – डीवीसीएम

इनाम – 33 लाख रुपये

6. रामसिंग उर्फ सम्पत उर्फ संजय, पिता ज्ञानसिंग, उम्र 55 वर्ष

निवासी – ग्राम राशिमेटा, तहसील बैहर, थाना रूपझर, बालाघाट (मध्यप्रदेश)

पद – एसीएम

इनाम – 14 लाख रुपये

7. सुकेष उर्फ रंगा, पिता सन्नू, उम्र 28 वर्ष

निवासी – ग्राम पुसनार, थाना गंगालूर, बीजापुर (छत्तीसगढ़)

पद – एसीएम

इनाम – 14 लाख रुपये

8. शीला उर्फ वैसंती उर्फ सेवंती, पति विक्रम, उम्र 29 वर्ष

निवासी – ग्राम दोरनागुड़ा, तहसील अट्टापल्ली, थाना कसनसूर, गढ़चिरौली (महाराष्ट्र)

पद – पीएम

इनाम – 6 लाख रुपये

9. लक्ष्मी उर्फ मनिता, पति सुकेष, उम्र 21 वर्ष

निवासी – ग्राम पुस्कर, तहसील भैरमगढ़, थाना गंगालूल

पद – पीएम

इनाम – 6 लाख रुपये

10. योगिता उर्फ लक्ष्मी, पति सागर, उम्र 22 वर्ष

निवासी – ग्राम बड़े बट्टू, थाना बासेगुड़ा, बीजापुर

पद – पीएम

इनाम – 6 लाख रुपये

11. सागर उर्फ रैनू, पिता वंजा, उम्र 22 वर्ष

निवासी – ग्राम बोगदेव, तहसील ओरछा, थाना कुकराझोर, नारायणपुर

पद – पीएम

इनाम – 6 लाख रुपये

12. कविता उर्फ मासे, पिता उन्गा, उम्र 21 वर्ष

निवासी – ग्राम कोंडेसवेल, थाना जगरगुंडा, सुकमा

पद – पीएम

इनाम – 6 लाख रुपये

आत्मसमर्पण के दौरान सौंपे गए हथियार

आत्मसमर्पित नक्सलियों ने कुल 10 हथियार पुलिस को सौंपे

▪️ AK-47 – 03

▪️ SLR – 01

▪️ INSAS – 03

▪️ 303 रायफल – 02

▪️ 30 कार्बाइन – 01

लगातार अभियान और विकास कार्यों का असर

राजनांदगांव रेंज में सुरक्षा बलों द्वारा लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं। नक्सल प्रभावित गांवों में सिविक एक्शन, सामुदायिक पुलिसिंग, जनसंवाद कार्यक्रमों के माध्यम से शासन की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति–2025 की जानकारी बैनर, पोस्टर और पाम्फलेट के जरिए ग्रामीणों तक पहुंचाई जा रही है।

सड़क, परिवहन, बिजली, पानी, मोबाइल नेटवर्क तथा जनकल्याणकारी योजनाओं के विस्तार से ग्रामीण क्षेत्रों में शासन और सुरक्षा बलों के प्रति विश्वास बढ़ा है। इसी विश्वास का परिणाम है कि 12 इनामी नक्सलियों ने हथियार छोड़कर शांति का रास्ता अपनाया।

शांति और पुनर्वास की ओर मजबूत कदम

छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति, सुरक्षा बलों की सतत रणनीति और विकास कार्यों के चलते नक्सल प्रभावित इलाकों में सकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगा है। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली अब समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जीने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। यह उपलब्धि नक्सल उन्मूलन अभियान के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

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