CG Naxal News: बड़े नक्सली कमांडर की साथियों ने की हत्या, संगठन में विद्रोह, पुलिस बोली-8 महीनों में 153 से अधिक माओवादी मारे गए...
CG Naxal News: 0. तेलगू कैडर विजय रेड्डी एवं उनके साथियों द्वारा राजनांदगांव-कांकेर बार्डर डिवीजन कमेटी के ACM विज्जा को मार डाला गया 0. वर्ष-2024 में माओवादियों को लगातार हो रहे क्षति से बौखलाए हुए माओवादियों के संगठन में दिखाई दे रही है विश्वासघात एवं विद्रोह की स्थिति CG News, CG Naxalite,
CG Naxal News रायपुर। माओवादी संगठन में विश्वासघाट व विद्रोह के चलते नक्सलियों ने बड़े कैडर के अपने ही साथी की हत्या कर दी। मारे गये नक्सली का नाम विज्जा मड़काम था और राजनांदगांव-कांकेर डिवीजन के एसीएम के पद पर तैनात था। कहा जा रहा है कि 6 सितम्बर को ACM विज्जा मड़काम को उन्हीं के खुद के माओवादी संगठन के तेलगू कैडर नेता विजय रेड्डी के ईशारे पर गद्दारी करने का आरोप लगाकर हत्या कर दी गई।
दरअसल, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर माओवादी आतंक को समाप्त करने के लिए बस्तर संभाग अंतर्गत माओवादियों के विरूद्ध की जा रही प्रभावी कार्रवाई के परिणामस्वरूप 153 से अधिक माओवादियो के शव विभिन्न मुठभेड़ों के पश्चात सुरक्षा बलों द्वारा बरामद की गई है।
उल्लेखनीय है कि विगत 8 महीनों में बस्तर संभाग के अंतर्गत सुरक्षा बलों द्वारा तेलंगाना राज्य के निवासी माओवादी कैडर DKSZC सदस्य जोगन्ना, DKSZC सदस्य रंधीर, TSC सदस्य, CRC कमाण्डर सागर, DVCM विनय उर्फ रवि जैसे शीर्ष माओवादी कैडर्स के शव विभिन्न मुठभेड़ के पश्चात बरामद की गई। इस अवधि में महाराष्ट्र राज्य निवासी माओवादी कैडर ACM संगीता उर्फ सन्नी तथा उडीसा निवासी PPCM लक्ष्मी का भी शव मुठभेड़ के पश्चात बरामद किया गया। इस प्रकार बड़ी संख्या में अन्य राज्यों के रहने वाले शीर्ष नक्सली कैडर्स का नक्सल विरोधी अभियान के दौरान पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारा जाना छत्तीसगढ़ में पहली बार हुआ है।
आईजी बस्तर रेंज सुन्दरराज पी. द्वारा बताया गया कि प्रतिबंधित एवं गैरकानूनी सीपीआई माओवादी संगठन द्वारा एक रणनीति के तहत सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान स्थानीय माओवादी कैडर्स को एक मानव सुरक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल करते हुये बाहरी राज्य के शीर्ष माओवादी कैडर्स द्वारा मौके का फायदा उठाकर अपनी जान बचाकर भाग जाते हैं। लेकिन हाल-फिलहाल में हुये मुठभेड़ों के दौरान बाहर राज्य के शीर्ष माओवादी कैडर्स की यह रणनीति विफल होते हुये नजर आ रही है।
पुलिस को विश्वनीय सूत्रो से मिल रही आसूचना से यह बात सामने आ रही है कि वर्ष 2024 में तेलंगाना, उड़ीसा, महाराष्ट्र एवं अन्य प्रांत के सीनियर कैडर्स की हो रही र्दुगति को देखते हुये माओवादी संगठन के शीर्ष नेतृत्व में खलबली मच गई है, जिससे बाहर के माओवादी कैडर्स द्वारा स्थानीय माओवादी कैडर्स के ऊपर संदेह एवं शक करते हुये, उन्हे कई प्रकार से प्रताड़ित किया जा रहा है, जिससे माओवादी संगठन में विश्वासघात व विद्रोह की स्थिति निर्मित हो रही है। उपरोक्त परिस्थिति में 6 सितम्बर को जिला कांकेर के थाना परतापुर क्षेत्र अंतर्गत मलमपेंटा जंगल में राजनांदगांव-कांकेर डिवीजन के ACM विज्जा मड़काम को उन्हीं के खुद के माओवादी संगठन के तेलगू कैडर नेता विजय रेड्डी के ईशारे पर माओवादियों ने संगठन के साथ गद्दारी करने का आरोप लगाकर हत्या कर दिया गया।
माओवादी शीर्ष नेतृत्व द्वारा माओवादी संगठन के इन सभी अंदरूनी कलह से खुद के माअेावादी कैडर तथा जनता का ध्यान भटकाने के लिये ख़ुद के द्वारा मारे नक्सलियों को पुलिस मुखबिर/क्रान्तिकारी विरोधी/संगठन की गद्दारी करने जैसे मनगढ़ंत कहानी बताते हुये झुठे एवं तथ्यविहीन प्रेस विज्ञप्ति जारी की जा रही है।
आईजी द्वारा बताया गया कि कुछ दिनों से माओवादी संगठन को बस्तर संभाग अंतर्गत दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ईलाका में भारी क्षति उठाना पड़ा है, जिसके कारण प्रतिबंधित एवं गैरकानूनी संगठन अभी दिशा-विहीन एवं नेतृत्व विहीन हो चुका है। बाहरी प्रांत के शीर्ष माओवादी नेतृत्व विगत 30-40 वर्षा से स्थानीय माओवादी कैडर्स को सिर्फ एक मानव सुरक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल करते हुये करोड़ों-अरबो रुपयों की लूट-खसोट की गई है। अब स्थानीय माओवादी कैडर्स के सामने बाहरी माओवादी कैडर्स बेनकाब होते जा रहे हैं, जिसके कारण से मावोवादियों में आपस में विश्वासघात एवं विद्रोह की स्थिति बढ़ते जा रहा है।
पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज द्वारा यह भी बताया गया कि अब स्थानीय माओवादियों कैडर्स के पास हिंसा छोड़कर शासन के समक्ष आत्मसमर्पण करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचा है। बस्तर क्षेत्र के शांति, सुरक्षा एवं विकास के लिये यह उचित होगा की प्रतिबंधित एवं गैरकानूनी सीपीआई माओवादी संगठन कुछ शीर्ष कैडर तथा उनके गिने-चुने समर्थकों की साजिश, चंगुल से बाहर आकर माओवादी कैडर्स समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर सुरक्षित एवं विकसित बस्तर की भागीदारी बने।