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CG Mountaineer Nisha Yadav: ऑटो ड्राइवर की बेटी ने किया कमाल, 5895 फीट ऊँचे किलिमंजारो पर्वत पर लहराया तिरंगा, सीएम विष्णु देव साय ने दी शाबाशी

CG Mountaineer Nisha Yadav: बिलासपुर के ऑटो चालक की बेटी निशा यादव ने कठिन परिश्रम और मजबूत हौसलों के सहारे अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो फतह की है। पर्वतारोहण के लिए लाखों की फीस भरने में मदद करने वाले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार निशा ने किलिमंजारो की चोटी से मुख्यमंत्री का बैनर लहरा कर दिया।

CG Mountaineer Nisha Yadav: ऑटो ड्राइवर की बेटी ने किया कमाल, 5895 फीट ऊँचे किलिमंजारो पर्वत पर लहराया तिरंगा, सीएम विष्णु देव साय ने दी शाबाशी
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By Neha Yadav

CG Mountaineer Nisha Yadav: बिलासपुर। बिलासपुर के रहने वाले ऑटो चालक की बेटी ने अपने मजबूत हौसलों के बल पर इतनी ऊंची उड़ान भरी कि अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो फतह कर डाली। किलिमंजारो की ऊंची चोटी में पहुंच निशा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को अपनी सफलता में रंग भरने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

बिलासपुर के सरकंडा चिंगराजपारा में रहने वाली निशा यादव के पिता श्याम कार्तिक यादव ऑटो चालक है। निशा उनकी दो बेटियों में छोटी बेटी है। निशा की मां गृहणी है। राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुकी निशा को बचपन से ही पहाड़ों और प्रकृति के बीच रहना पसंद है। पर्वतारोहण के शौक के चलते निशा को अरुणाचल प्रदेश में पर्वतारोहण की ट्रेनिंग निशा के पिता ने काफी मेहनत और पाई पाई जोड़कर करवाई थी। निशा के सपनों को पूरा करने के लिए उसका पूरा परिवार साथ देता है। निशा ने बैचलर ऑफ़ फिजिकल एजुकेशन की डिग्री कानपुर से ली है।

निशा के खाते में कई उपलब्धियां दर्ज है। निशा ने नेशनल एडवेंचर कैंप, केदारनाथ 12500 मीटर ट्रैक, बीएमसी कोर्स कंप्लीट,छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा 2952 फीट, अरुणाचल प्रदेश की सबसे ऊंची पर्वत चोटी गोरीचेन 21,286 फीट, यूरोप महाद्वीप का सबसे ऊंचा पर्वत माउंट एलब्रुस 18510 फीट भी निशा ने फतह किया है।

निशा का सपना किलिमंजारो फतह करना था। पर इसके लिए फीस की राशि 3 लाख 45 हजार रुपए थी। जो निशा के लिए भरना लगभग असंभव था। निशा के पिता बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए सुबह जल्दी घर से निकल जाते और देर रात तक ऑटो चलाते पर इतनी मोटी रकम जमा नहीं हो पा रही थी। जिसके चलते निशा निराश हो चली थी। इस दौरान निशा को मोहल्ले वालों और रिश्तेदारों से पर्वतारोहण जैसे शौक रखने के लिए ताने भी सुनने पड़ते थे,पर निशा का सपना नहीं टूटा और वह रास्ते की तलाश करते हुए मेहनत करती रही।

निशा की उपलब्धियों और सपने के बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने खुद फोन कर निशा से बात करते हुए उसे प्रोत्साहित किया और कहा कि वह बस जी– जान से मेहनत करें,उसके सपनों को साकार करने में सरकार उसका साथ देगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने फीस की राशि तीन लाख 45 हजार रुपए का चेक निशा को प्रदान किया। जिसके सहारे निशा ने किलिमंजारो फतह करने का सपना पूरा किया ।

इस तरह से पूरा हुआ अभियान

निशा अपने अभियान के बारे में बताती है कि किलिमंजारो फतह करने के लिए उसका अभियान एक फरवरी से शुरू हुआ। चार फरवरी को किलिमंजारो के सबसे ऊंची चोटी पर निशा ने तिरंगा फहराया। किलिमंजारो विश्व का एक अकेला ऐसा पर्वत है जो ज्वालामुखी से बना हुआ है।

कई कठिनाइयां आई सामने

निशा बताती है कि इन दिनों किलिमंजारो में गर्मी होती है। पर अचानक चढ़ाई शुरू करते ही मौसम बिगड़ गया। जिसके चलते बारिश में भेजते हुए चढ़ाई पूरी करनी पड़ी। बारिश के चलते सारे कपड़े,जूते और उपकरण भी भींग गए। अगले दिन की चढ़ाई भी निशा को गिले कपड़ों में ही करनी पड़ी। बावजूद इसके निशा के हौसलों में कोई कमी नहीं आई और लगातार भींगते हुए निशा आगे बढ़ी।

चढ़ाई के दौरान निशा की तबीयत भी बिगड़ी पर टॉप पर जाने की चुनौती को पूरा करने के लिए निशा चढ़ाई करती रहीं। निशा का कहना है कि जहां भी हौसले डगमगाने लगते वहां एक-एक कदम पर मैंने मुझे सपोर्ट करने वाले को याद किया और मुझे शक्ति मिलती रही। मेरा पूरा शरीर थक चुका था,पर मेरे शरीर से ज्यादा मेरे मन में शक्ति थी और मन की शक्ति हमें हमेशा सफलता देता है, और जब सफलता मिलती है तो वापस मन खुश होता है और फिर एक बार मन मजबूत बनता है। निशा ने बताया कि टॉप पर –11 डिग्री टेंप्रेचर था।

निशा ने कहा कि यदि कामयाबी को एक शब्द में परिभाषित करना हो तो मैं कहना चाहूंगी " संतुष्टि"। यानी जब आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं और उससे आप संतुष्टि महसूस करते हैं तो वह कामयाबी है। मुझे किलिमंजारो में चढ़ाई करके संतुष्टि मिली है और यही मेरे लिए कामयाबी है।

मुख्यमंत्री को बैनर लहराकर किया किलिमंजारो की चोटी से धन्यवाद

यह अभियान पर बात रोहन के क्षेत्र में प्रसिद्ध संस्था में और पहाड़ ग्लोबल एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली के मार्गदर्शन में हुआ था और इस अभियान में पांच लोगों की टीम थी। निशा ने किलिमंजारो पहुंचकर तिरंगा लहराते हुए अपना सपना पूरा किया। इसके साथ ही अपने सपनों में रंग भरने और फीस की राशि जमा करने में हाथ बढ़ा कर मदद करने वाले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार भी निशा ने चोटी से मुख्यमंत्री का बैनर लहराकर व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने दी शाबासी

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने निशा को शाबासी दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, "शाबास बिटिया! आखिरकार पर्वतारोही बेटी निशा यादव ने अफ्रीका महाद्वीप के किलिमंजारो पर्वत में तिरंगा फहराकर अपने सपने को पूरा कर लिया है। बिलासपुर के ऑटो चालक पिता की बेटी निशा यादव ने कठिन परिस्थितियों में भी अपना हौसला नहीं खोया, अपनी अथक मेहनत और कड़े संघर्ष से किलिमंजारो पर्वत को फतह कर पूरे विश्व में छत्तीसगढ़ महतारी का मानवर्धन किया है। कुछ महीने पहले निशा से बिलासपुर में मुलाकात हुई थी और बिटिया को उसके सपने को पूरा करने के लिए 3.45 लाख रुपए का चेक प्रदान कर लक्ष्य की प्राप्ति हेतु अग्रिम बधाई एवं शुभकामनाएं दी थी। निश्चित ही बिटिया निशा की यह उपलब्धि प्रदेश के असंख्य युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। निशा को बहुत-बहुत बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य हेतु शुभकामनाएं। जय छत्तीसगढ़!

Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

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